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विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं के बीच जुबानी जंग ने बढ़ाई आलाकमान की मुश्किलें, यहां जारी है गुटबाजी

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Published : Jun 24, 2023, 11:27 PM IST

Congress leaders allegations on each other before Rajasthan Assembly election 2023
विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं के बीच जुबानी जंग ने बढ़ाई आलाकमान की मुश्किलें, यहां जारी है गुटबाजी

राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को रिपीट करने के लिए पार्टी स्तर पर मंथन जारी है. इस बीच कांग्रेस के बड़े नेताओं ने सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह होने का दावा किया है. वहीं, कांग्रेस के मंत्रियों, विधायकों और नेताओं के बीच जिस तरह से आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं, उसने नई मुसीबड़ खड़ी कर दी है.

जयपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच पिछले साढ़े चार साल से राजनीतिक शीत युद्ध जारी है. दोनों नेताओं की ओर से बीच-बीच में दिए गए बयानों के चलते राजनीतिक पारा भी हाई होता रहा है, हालांकि कांग्रेस आलाकमान की ओर से अब दावा किया जा रहा है कि दोनों नेताओं को सुलह के लिए जो फॉर्मूला दिया है, उसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है. साथ ही दोनों मिलकर चुनाव में कांग्रेस को जिताने का काम करेंगे. इस बीच पार्टी के सामने एक नई मुसीबत खड़ी होती नजर आ रही है. पिछले एक महीने के भीतर कांग्रेस के ही मंत्री, विधायक और नेता एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं.

मंत्री, विधायकों के बीच आरोप-प्रत्यारोपः हालात यह है कि मंत्री शांति धारीवाल ने जयपुर के तीनों मंत्रियों और सभी 6 विधायकों को जयपुर का विकास रोकने के लिए जिम्मेदार ठहराया. वहीं, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने शांति धारीवाल को भाजपा के कार्यकर्ता की तरह व्यवहार करने वाला और झूठ बोलने वाला नेता बता दिया. उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक राजेंद्र पारीक के बीच जिस तरह अधिकारियों के सामने तू-तू- मैं-मैं हुई, उससे कांग्रेस नेताओं की जमकर किरकिरी हुई है.

वहीं, हाड़ोती में पूर्व मंत्री भरत सिंह, मंत्री प्रमोद जैन भाया पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे और आखिर में नाराजगी के चलते उन्होंने वाइल्डलाइफ बोर्ड के सदस्य पद से अपना इस्तीफा भी दे दिया. यही हालात हाड़ोती के ही मंत्री शांति धारीवाल और विधायक रामनारायण मीणा के बीच भी बने हुए हैं. उधर जयपुर के दोनों मंत्रियों महेश जोशी और प्रताप सिंह खाचरियावास के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. यही हाल अजमेर का भी है, यहां पूर्व मंत्री नसीम अख्तर और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के बीच पुष्कर विधानसभा में वर्चस्व को लेकर जंग चल रही है.

मामला सुलझा नहीं तो बढ़ेगी मुसीबतः कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इन अनुशासनहीनता के मामले को मुख्यमंत्री के पाले में डाल दिया है. उन्होंने कहा कि मंत्रियों पर कंट्रोल करना मुख्यमंत्री का काम है, लेकिन हकीकत यह है कि कांग्रेस नेताओं के बीच जारी टकरार को समय रहते नहीं थामा गया तो पार्टी के लिए आने वाले दिनों में बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है.

कांग्रेस के इन नेताओं के बीच जारी है जंग:

मंत्री प्रताप सिंह और शांति धारीवालः यह सबसे ताजा मामला है, शांति धारीवाल ने जयपुर के 3 मंत्रियों और 6 विधायकों के एकजुट नहीं होने के चलते विकास काम नहीं होने की बात कही. वहीं, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने शांति धारीवाल को भाजपा कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि जिन्हें खुद को अनुशासनहीनता का नोटिस मिला वह झूठ बोलते हैं. साथ ही पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं, अपने शर्मनाक बयानों के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए.

गोविंद डोटासरा और राजेंद्र पारीकः हर पार्टी के मुखिया की जिम्मेदारी होती है कि वह अपनी पार्टी में नेताओं के बीच हुए विवाद को सुलझाए और अनुशासन बनाए रखे. लेकिन राजस्थान में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस विधायक के बीच सीकर कलेक्ट्रेट में तू-तू-मैं-मैं हुई. दोनों नेताओं के बीच हुई तकरार से यह साफ हो गया है कि तल्खी किस कदर है.

प्रताप सिंह और महेश जोशीः जयपुर जिले के ही दो मंत्रियों प्रताप सिंह खाचरियावास और महेश जोशी के बीच कोल्ड वार चल रहा है. इसके कारण न तो जयपुर में नगर निगम की कमेटियां बन सकी हैं और न ही कांग्रेस की महापौर से सामंजस्य बन पा रहा है. कुछ महीने पहले आईएएस की एसीआर भरने के मामले में खुलकर दोनों एक-दूसरे के सामने आ खड़े हुए थे. वहीं, अब कांग्रेस की ही महापौर के पक्ष और विपक्ष में खड़े होकर खुलकर गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं.

शांति धारीवाल और रामनारायण मीणाः हाड़ौती के दोनों वरिष्ठ नेता शांति धारीवाल और रामनारायण मीणा आमने-सामने हैं. भले ही शांति धारीवाल इसे लेकर कुछ नहीं कहते हों, लेकिन रामनारायण मीणा खुलेआम शांति धारीवाल पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के साथ मिलकर काम करने और कांग्रेस को कमजोर करने के आरोप लगाते रहते हैं.

भरत सिंह और प्रमोद जैन भायाः पूर्व मंत्री भरत सिंह ने खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के ऊपर खान विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर लगातार आरोप लगाते रहे हैं. हालात यह है कि भरत सिंह ने अपनी ही सरकार के मंत्री पर आरोप लगाते हुए दर्जनों पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिख दिए और प्रमोद जैन भाया को भ्रष्टाचार की जननी तक बता दिया.

धर्मेंद्र राठौड़ और नसीम अख्तरः आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ और पूर्व मंत्री नसीम अख्तर के बीच अजमेर जिले की पुष्कर विधानसभा में वर्चस्व की लड़ाई जारी है. यह लड़ाई इस हालात में पहुंच गई है कि नसीम अख्तर इंसाफ के खिलाफ उनकी ही सरकार में मुकदमा तक दर्ज हो गया.

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