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खाटूश्यामजी लक्खी मेले में भंडारा शुल्क बढ़ने से बीजेपी नेता लामबंद, सरकार को बताया हिंदू विरोधी

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Published : Mar 2, 2020, 12:45 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 1:00 PM IST

Khatushyamji Lakkhi Fai, खाटूश्यामजी लक्खी मेला
शुल्क बढ़ोतरी से सियासत गरमाई.

प्रसिद्ध धार्मिक स्थल खाटूश्यामजी के लक्खी मेले में भंडारा करवाने वालों पर शुल्क में बढ़ोतरी पर सियासत गरमा गई है. भाजपा इस मामले में प्रदेश की गहलोत सरकार को हिंदू विरोधी बता रही है. बीजेपी का कहना है कि जब अजमेर ख्वाजा साहब के उर्स में इस तरह का कोई शुल्क नहीं वसूला जाता तो फिर हिंदुओं के धार्मिक स्थल खाटूश्यामजी में यह शुल्क में बढ़ोतरी क्यों की गई.

जयपुर. भाजपा विधायक रामलाल शर्मा, मदन दिलावर और वासुदेव देवनानी ने मामले में सदन के भीतर और बाहर सरकार को घेरने की चेतावनी भी दी. विधायक रामलाल शर्मा के अनुसार इस मामले में सरकार को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए. क्योंकि जब अजमेर उर्स में इस तरह की कोई अतिरिक्त शुल्क या सेवा शुल्क नहीं लगाए गए तो खाटूश्यामजी में सेवा करने वालों पर ये शुल्क आखिर क्यों लगाया गया.

शुल्क बढ़ोतरी से सियासत गरमाई...

भाजपा विधायक मदन दिलावर ने तो इस मामले में प्रदेश सरकार को हिंदू विरोधी करार दिया. दिलावर ने कहा कि, अगर सरकार के पास पैसों की कमी है तो इस प्रकार का शुल्क लगाने के बजाए खाली कटोरा लेकर खाटूश्यामजी मंदिर के बाहर खड़े हो जाए. वहां आने वाले श्रद्धालु स्वत: ही सरकार को पैसे दे देंगे.

दिलावर ने कहा कि, प्रदेश सरकार तुष्टीकरण तो करती ही थी. लेकिन अब यह भी साबित हो गया कि हिंदुओं के खिलाफ भी यह सरकार है. उन्होंने कहा कि, अजमेर उर्स में कोई शुल्क लगना नहीं चाहिए और न ही खाटूश्याम लक्खी मेले में. वहीं अजमेर से आने वाले भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि सरकार तुष्टिकरण की राजनीति तो पहले ही करती थी, लेकिन अब अपना हिंदू विरोधी होने का सबूत भी सरकार ने दे ही दिया.

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देवनानी ने कहा इस प्रकार कोई शुल्क अजमेर में आने वाले जायरीन या इनकी सेवा करने वाले को कोई शुल्क नहीं देना पड़ता और न ही पुष्कर में इस प्रकार का कोई शुल्क लगता है. उन्होंने कहा कि खाटूश्यामजी मेले में इस प्रकार का शुल्क लगाकर सरकार ने समाज विशेष की भावनाओं को आहत किया है.

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गौरतलब है कि, खाटू श्याम जी के लक्खा मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सेवा और भोजन प्रसादी के लिए नंदन लगाने वाले लोगों पर इस बार शुल्क बढ़ा दिया गया है. इनसे 21 हजार शुल्क वसूला जा रहा है. जबकि 11 हजार सफाई के नाम पर स्थानीय निकाय को देना होगा.

Last Updated :Mar 2, 2020, 1:00 PM IST
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