ETV Bharat / bharat

महिला दिवस विशेष : मैला ढोने वाली उषा ने अपने जैसी 150 महिलाओं की जिंदगी 'जन्नत' बना दी

author img

By

Published : Mar 2, 2020, 7:05 AM IST

Updated : Mar 3, 2020, 3:01 AM IST

ऊषा चौमर ने देश में अलवर का नाम रोशन किया है. वह खुद कहती हैं कि मैंने नर्क भोगकर जन्नत का चेहरा देखा है. महिला दिवस पर ईटीवी भारत आपको सामने पेश कर रहा है ऊषा चौमर की कहानी...

ETV BHARAT
डिजाइन इमेज

अलवर : जिंदगी कितने भी इम्तिहान ले, मेहनत मांगे लेकिन जब रिजल्ट मिले तो उषा चौमर जैसा मिले. उषा ने दो जिन्दगियां जी हैं. वो खुद कहती हैं कि 'मैंने नर्क भोगकर जन्नत का चेहरा देखा है'.

नई जिंदगी का सुख उषा ने सिर्फ खुद तक सीमित नहीं रखा है बल्कि 150 महिलाओं के भी जीवन का कायापलट किया. भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री के लिए चयनित किया है.

महिला दिवस विशेष : उषा चौमर

उषा चौमर ने देश में अलवर का नाम रोशन किया है. उषा कहती हैं कि 'उन्होंने इस जन्म में दो जिंदगियां जी हैं'. महिलाओं को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि 'महिलाओं को परेशानियों से भागने की जरूरत नहीं है बल्कि उनका मुकाबला करने के जरूरत है'.

2003 में जिंदगी में आया टर्निंग प्वॉइंट
7 साल की उम्र में उषा ने मैला ढोने का काम शुरू किया. 14 साल की उम्र में उनकी शादी हुई और ससुराल में भी मैला ढोने का सिलसिला जारी रहा. उषा बताती हैं कि '2003 में उनकी जिंदगी का टर्निंग प्वॉइन्ट आया, जिसने न सिर्फ उनका जीवन बदला बल्कि अलवर की 150 महिलाओं का नया सफर शुरू हुआ'. उषा ने अपने जैसी 150 महिलाओं की जिंदगी बदली और उन्हें मुख्य धारा में जोड़ा.

पढ़ें- आखिर कैसे बदली ऊषा चौमर की जिंदगी...जानिए उन्हीं की जुबानी

नरक जैसी जिंदगी जी है : उषा
2003 से पहले के अपने जीवन के बारे में बताते हुए उषा कहती हैं कि 'समाज में मैला ढोने वाले के साथ जो सलूक होता है, वही उनके साथ भी हुआ. लोग उनके साथ छुआछूत करते थे, पास नहीं बैठने देते थे, फेंक कर रुपए देते थे. यहां तक कि प्यास लगने पर भी ऊपर से पानी पिलाया जाता था और मंदिर में भी जाने की मनाही थी. उषा कहती हैं कि 'उस वक्त मन में ख्याल आता था कि क्या जीवन भर यही काम करना होगा, क्या ये काम सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए बना है'.

बदल गया जीवन...
आज वो सुलभ शौचालय संस्थान से जुड़कर हाथ से बनने वाले सामान बनाती हैं और उन सामानों को लोगों तक पहुंचाती हैं. ऐसे में उनको नया जीवन मिला. सामान बेचने से उनके परिवार का खर्च भी चलता है.

महिलाएं मुश्किलों का सामना मजबूती से करें : उषा
उषा चौमर ने देश की महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि 'हमारे समाज में महिलाओं को गलत नजर से देखा जाता है. ऐसे में महिलाओं को समाज से लड़ने की जरूरत है'. उन्होंने कहा कि 'महिलाओं को डरने की जगह मुसीबतों का सामना करने की आवश्यकता है'.

Last Updated :Mar 3, 2020, 3:01 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.