ETV Bharat / state

Achala Saptami 2023: जानें कब है अचला सप्तमी, पढ़िए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

author img

By

Published : Jan 27, 2023, 7:38 AM IST

माघ महीने में अचला सप्तमी का व्रत रखा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि व्रत को करने से घर-परिवार में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं और हर संकट का निवारण अपने आप हो जाता है.

Achala Saptami 2023
Achala Saptami 2023

जयपुर. हिंदू धर्म में हर महीने कई व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं. ऐसे में माघ महीने में गुप्त नवरात्रि के दौरान अचला सप्तमी व्रत भी रखा जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार खुद भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को इस व्रत के बारे में बताया था. साथ ही भगवान ने अचला सप्तमी व्रत को करने की विधि भी बताई थी. अचला सप्तमी को देश में कुछ स्थानों पर रथ सप्तमी के नाम से भी जानते हैं. इस साल यह व्रत 28 जनवरी, शनिवार यानि कल है.

पूजा का शुभ मुहूर्त- हिंदू पंचांग के मुताबिक अचला सप्तमी के पूजा का शुभा मुहूर्त माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 28 जनवरी, शनिवार की सुबह 08:43 तक रहेगी. सूर्योदय सप्तमी तिथि में इसी दिन होगा, इसलिए अचला सप्तमी का व्रत 28 जनवरी को ही किया जाएगा. पंचांग के मुताबिक अश्विनी नक्षत्र होने से सौम्य नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा. भरणी और साध्य योग भी निर्मित हो रहा है.

पढ़ें- Panchang 27 January : जानें शुभ मुहूर्त, तिथि और ग्रह नक्षत्र की चाल, आज बन रहा ये संयोग

ऐसे करें अचला सप्तमी व्रत की पूजा- सुबह जल्दी उठकर नदी या सरोवर पर जाकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद तांबे के दीपक में तिल का तेल डालकर जलाएं और दीपक को सिर पर रखकर सूर्यदेव का ध्यान करें. साथ ही इस मंत्र का जाप करें -

नमस्ते रुद्ररूपाय रसानाम्पतये नम:।

वरुणाय नमस्तेस्तु हरिवास नमोस्तु ते।।

यावज्जन्म कृतं पापं मया जन्मसु सप्तसु।

तन्मे रोगं च शोकं च माकरी हन्तु सप्तमी।

जननी सर्वभूतानां सप्तमी सप्तसप्तिके।

सर्वव्याधिहरे देवि नमस्ते रविमण्डले।।

इस मंत्र का जाप करने के बाद दीपक को नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए. बाद में फूल, धूप, दीप, नैवेद्य और वस्त्र आदि से विधि-विधान पूर्वक भगवान सूर्य की पूजा करते हुए 'स्वस्थानं गम्यताम्' मंत्र बोलते रहना चाहिए. इसके बाद मिट्टी के एक बर्तन जैसे मटकी में गुड़ और घी सहित तिल का चूर्ण रख दें. इसे लाल कपड़े से ढककर गरीब ब्राह्मण को दान कर दें. इसके बाद गुरु को वस्त्र, तिल, गाय और दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें. यदि कोई गुरु न हो तो किसी योग्य गरीब ब्राह्मण भी दान कर सकते हैं. ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत का समापन करें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.