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Dholpur: चंबल नदी में Illegal Fish Hunting करने पहुंचे थे शिकारी, पहुंची वन विभाग की टीम...फिर!

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Published : Jan 7, 2022, 12:49 PM IST

Dholpur
चंबल नदी में Illegal Fish Hunting

चंबल नदी घड़ियाल अभयारण्य क्षेत्र के तौर पर लंबे समय से पहचानी जाती है. इसे सर्वोच्च न्यायालय ने शिकार के लिए पूरी तरह से प्रतिबंधित कर रखा है. इसी प्रतिबंधित क्षेत्र में आज कुछ शिकारी शिकार करने पहुंचे (Illegal Fish Hunting Spot Of Chambal River) थे. जिसकी सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शिकारियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया.

धौलपुर. वन विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चंबल नदी में मछली पकड़ने के लिए डाले गए तीन बड़े जालों को बरामद किया है. शिकारियों ने नदी में तीनों जालों को मछली पकड़ने के लिए डाला (Illegal Fish Hunting Spot Of Chambal River) था. घड़ियाल अभयारण्य क्षेत्र (National Chambal Ghariyal Sanctuary) होने की वजह से चंबल नदी में शिकार पर बैन लगा है.

वन विभाग के रेंजर रणवीर सिंह ने बताया कि वन विभाग को रेलवे पुल के पास हथियाखार गांव से होकर नदी में मछली का शिकार करने की सूचना मिली थी. सूचना पर फॉरेस्टर रचना परमार के साथ हरविंद्र गुर्जर और होमगार्ड को बोट के जरिए मौके पर रवाना किया गया.

नदी में वन विभाग की बोट आते ही नदी के तट पर खड़े शिकारी मौके से भाग गए.नदी किनारे पहुंची वन विभाग की टीम ने नदी के एक किनारे से दूसरे किनारे तक पड़े तीनों जालों को नदी से बाहर निकाल दिया.

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रेंजर ने बताया कि जाल में मछलियां फंसी हुई थी. जिन्हें निकाल कर वापस नदी में छोड़ा गया. पूरे मामले में रेंजर रणवीर सिंह ने तीन फॉरेस्टर के साथ 10 लोगों की टीम गठित कर शिकारियों की तलाश करने के निर्देश दिए हैं. वन विभाग के मुताबिक नदी में मछली का शिकार करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. जिसके बावजूद भी शिकारी पहुंचते हैं.

चंबल नदी में सन 1979 से घड़ियाल प्रजाति का संरक्षण वन विभाग की देखरेख में किया जा रहा है. इसे देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटक भारी संख्या में पहुंचते हैं. चंबल अभयारण्य सवाई माधोपुर , कोटा, बूँदी, धौलपुर एवं करौली जिलों के अंतर्गत आता है. इसे राजस्थान सरकार ने 1983 ईस्वी में वन्य जीव अभयारण्य (National Chambal Ghariyal Sanctuary) घोषित किया था.

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