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बूंदी जल्द ही बन जाएगा आयुर्वेद मेडिकोट्यूरिज्म का हब, ये हैं कारण

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 28, 2023, 8:38 AM IST

Panchakarma Specialty Center of Bundi
बूंदी का पंचकर्म विशिष्टता केंद्र

Bundi Panchakarma Medical Center, बूंदी की पंचकर्म चिकित्सा इकाई रोगियों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है. बूंदी के पंचकर्म विशिष्टता केंद्र ने इस चिकित्सा पद्दति की बदौलत देश में एक विशेष पहचान बनाई है. 4 वर्षों में 50 हजार से अधिक रोगियों को राहत मिली है.

बूंदी. जिले का पंचकर्म विशिष्टता केंद्र प्रभावी पंचकर्म चिकित्सा से हजारों जटिल, जीर्ण और कष्टसाध्य रोगियों के लिए मिसाल बन चुका है. पंचकर्म चिकित्सा इकाई में हो रहे प्रभावी उपचार के चलते स्थानीय रोगियों के अलावा दूर-दराज से भी रोगी यहां उपचार के लिए पहुंच रहे हैं. जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में संचालित यह पंचकर्म विशिष्टता केंद्र ने 4 वर्ष पूर्ण कर लिए. पिछले 48 महीनों से वर्तमान स्वरूप में संचालित पंचकर्म विशिष्टता केंद्र में अब तक देश के 11 राज्यों के 50 हजार से अधिक रोगियों का उपचार किया जा चुका है. मेडिकोट्यूरिज्म के तहत 25 देशों के 252 विदेशी रोगियों का पंचकर्म उपचार भी किया जा चुका है.

अपनी विशिष्ट सेवाओं, जटिल, जीर्ण और कष्टसाध्य रोगों से पीड़ित रोगियों को प्रभावी और त्वरित राहत प्रदान करने के चलते बूंदी के पंचकर्म विशिष्टता केंद्र ने पूरे देश में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है. पीएमओ और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुशवाह ने बताया कि आरोग्य समिति और भामाशाहों के सहयोग से पिछले 48 महीनों से देश के 11 राज्यों के 50 हजार से अधिक रोगियों का उपचार किया जा चुका है. मेडिकोट्यूरिज्म के तहत 25 देशों के 252 विदेशी रोगियों का पंचकर्म उपचार भी किया जा चुका है. इस पंचकर्म सेंटर को अब तक आरोग्य समिति और भामाशाहों के सहयोग से विधायक कोष, डीएमएफटी फंड और दानदाताओं की ओर से 67 लाख रुपए से अधिक का सहयोग प्राप्त हुआ हैं.

Panchakarma Medical Unit bundi
4 वर्षों में 50,000 से अधिक रोगियों का इलाज

इन रोगों का हो रहा उपचार : यहां मुख्य रूप से ओस्टियो आर्थराइटिस, स्पोंडिलोसिस, साइटिका एवीएन, वेरिकोस वैन, न्यूरोमस्कुलर डिजीज, गठिया, माइग्रेन, मानसिक व्याधियां, तनाव, अनिद्रा, मोटापा, जन्मजात विकृतिजन्य बच्चों (यथा सेरिब्रल पाल्सी, मस्कुलर डिस्ट्रोफी) का प्रभावी उपचार किया जा रहा है. सीमित संसाधनों के कारण रोगियों को उपचार के लिए लंबे इंतजार से बचाने के लिए सुविधाएं बढ़ाने के लिए सक्षम स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

पंचकर्म चिकित्सा सेवाएं शुरू होने का इंतजार : विश्व स्तरीय पंचकर्म चिकित्सा सेवाएं व्यापक स्तर पर उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से मार्च 2021 में गांधीग्राम, न्यू माटूंडा रोड पर आवंटित 5 बीघा भूमि पर विधायक कोष के 10 लाख रुपए से बाउंड्रीवॉल कराई जा चुकी है. वहीं, जून 2022 में बूंदी जिला कलेक्टर के निर्देशन में केरल की तर्ज पर उत्तर भारत के सबसे बड़े पंचकर्म उत्कृष्टता केंद्र बनाने के लिए 52 करोड़ के प्रस्ताव तैयार करके आयुर्वेद निदेशालय के माध्यम से आयुष मंत्रालय को भिजवाए जा चुके हैं. क्षेत्रीय सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी फरवरी 2023 के अपने बूंदी प्रवास के दौरान इन प्रस्तावों को शीघ्र ही मंजूरी दिलवाने के लिए आयुष शासन सचिव को निर्देश दिए थे. अगर ये प्रस्ताव मंजूर हो जाते हैं तो बूंदी आयुर्वेद मेडिकोट्यूरिज्म का हब बनकर उभरेगा और पूरे उत्तर भारत के लोगों को व्यापक स्तर पर बेहतर आयुर्वेद स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो पाएगी. भाजपा सरकार बनने के बाद लोकसभा चुनाव के पहले एक्सीलेंस सेंटर की स्वीकृति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. इसके बाद और ज्यादा आधुनिक सुविधाएं मिल सकेंगी. डॉक्टर और स्टाफ भी बढ़ेगा.

Panchakarma Medical Unit bundi
बूंदी में बन सकता है उत्तर भारत के सबसे बड़ा पंचकर्म उत्कृष्टता केंद्र

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क्या है पंचकर्म चिकित्सा : आयुर्वेद में पंचकर्म चिकित्सा का बड़ा महत्त्व है. इसमें पांच चिकित्साओं वमन, विरेचन, निरूह बस्ती, अनुवासन बस्ती और नस्य क्रिया से दोष का शमन व शोधन कर उस दोष की चिकित्सा की जाती है. इस पद्धति में समस्त दोषों को मूलतः निर्हरित कर नष्ट किया जाता है. वर्तमान में प्राकृतिक व स्वास्थ्यवर्धक जीवन शैली की अवहेलना और आधुनिक जीवन शैली के कारण मानस रोग चिंता, भय, तनाव, अवसाद, आघात, शारीरिक रोग हृदय रोग, मोटापा, टॉयरॉइड, मधुमेह, कैंसर, जोड़ों में दर्द, हड्डियों से संबंधी रोग सहित महिलाओं के आर्तव रोग में लाभदायक है.

Panchakarma Medical Unit bundi
पांच पद्दतियों से दोष का किया जाता है निवारण

"मैं विगत 17 साल से माइग्रेन की समस्या से परेशान थी. यहां पर पंचकर्म में दी जा रही शीरोधारा से शतप्रतिशत लाभ मिला हैं. सिर दर्द व कमर दर्द से राहत मिलने के साथ चश्में के नंबर भी कम हुए हैं." - विजयलक्ष्मी बाथम, भोपाल

" बोन टीबी और गठिया से विगत पांच सालों से पीड़ित था और बिना किसी सहारे के उठ बैठ पाने में भी असमर्थ था. वजन भी लगातार घटकर केवल 36 किलो रह गया था. कोटा, भीलवाड़ा, जयपुर के कई बड़े अस्पतालों में इलाज के बावजूद भी आराम नहीं मिलने पर फरवरी 2021 में पंचकर्म चिकित्सा के लिए जिला आयुर्वेद चिकित्सालय बूंदी आया, जहां साप्ताहिक पंचकर्म चिकित्सा थैरेपी के चार राउंड के बाद वजन बढ़कर 65 किलो हो गया. बिना किसी सहारे अपना सारा काम सहित कॉलेज की पढ़ाई भी सामान्य तरीके से करने लगा हूं." - हनुमंत मीणा, रोगी, जड़ का गांव

" मेडिकल साइंस में आयुर्वेद मानवता के लिए वरदान है" - डॉ. टेस्ला, चिकित्सक, न्यूयॉर्क

" आयुर्वेद के सिद्धांतों को कारगर बना कर पूरी दुनिया को लाभान्वित करने के लिए रिसर्च की आवश्यकता है." - प्रोफेसर कैमिला न्यूजर्सी

" बूंदी का यह केंद्र पूरे राजस्थान में अग्रणी रहा है. गांधीग्राम में आवंटित भूमि पर विश्वस्तरीय पंचकर्म एक्सीलेंस सेंटर स्थापित करने के प्रस्तावों को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सहयोग से शीघ्र ही मंजूर करवाने का प्रयास किया जाएगा, जिससे कि उत्तर भारत का सबसे बड़ा पंचकर्म चिकित्सा केंद्र यथा शीघ्र ही बूंदी में स्थापित हो सके." अशोक डोगरा, पूर्व विधायक, बून्दी

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