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आज है सावन 2023 का पहला सोमवार, भगवान शिव की पूजा से पूरी होगी मनोकामना

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Published : Jul 10, 2023, 7:47 AM IST

भगवान शिव
भगवान शिव

देवादिदेव भगवान महादेव की आराधना के लिए सावन का महीना सबसे उत्तम माना जाता है. सावन के माह में भगवान शिव की पूजा आराधना करने का फल कई गुना होता है. भगवान शिव की आराधना के लिए साप्ताहिक वार सोमवार रहता है और इसलिए सावन के सोमवार का महत्व ज्यादा है

बीकानेर. भगवान शिव यानी भोलेनाथ शंकर महादेव और भी कई नामों से भक्त अपने आराध्य को पुकारते हैं. भगवान शिव की आराधना के लिए सावन का महीना माना जाता है. और इस बार अधिक मास होने के चलते 2 मास सावन होगा. ऐसा संयोग बना है कि सावन के महीने में आठ सोमवार आएंगे. जुलाई माह से शुरू हुए सावन के महीने में पहला सोमवार 10 जुलाई यानी आज है.

सोमवार को पूजा : वैसे तो भगवान शिव की पूजा आराधना के लिए सोमवार सप्ताहिक वार का दिन होता है. लेकिन सावन के महीने में भी सोमवार का विशेष महत्व बढ़ जाता है. आज शिवालयों में घरों में भगवान शिव का अभिषेक पूजन अर्चन किया जाता है. ऐसा करने से जातक को फल कई गुना प्राप्त होता है.

विवाह संबंधी समस्याएं होती दूर : कुंवारी लड़कियां जिनके विवाह में अड़चन आ रही हो वह सावन के सोमवार को भगवान शिव की पूजा अर्चना करें तो उनके विवाह संबंधी अड़चनें स्वत: ही दूर हो जाती है.

ग्रह दोष दूर : भगवान शिव सब देवताओं के देवता हैं. क्योंकि किसी भी ग्रह की पीड़ा से युक्त व्यक्ति यदि भगवान शिव की शरण में चला जाता है तो उसे उस ग्रह की पीड़ा से मुक्ति मिलती है. कालसर्प दोष और अकस्मात मृत्यु के भय से पीड़ित व्यक्ति यदि भगवान शिव की आराधना करता है तो उसका दोष और भय दूर होता है. इसीलिए भगवान शिव को महाकाल कहा जाता है.

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ऐसे करें पूजा : भगवान शिव की पूजा आराधना अभिषेक करने के लिए शिव परिवार की पूजन की विधि है. सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए और उसके बाद भगवान शिव का पूजन और अभिषेक करना चाहिए. मां पार्वती के साथ ही भगवान शिव की पूजा होती है. इसके साथ ही भगवान शिव के दूसरे पुत्र भगवान कार्तिकेय और भगवान शिव की सवारी नंदी की भी पूजा की जाती है.

रुद्री पाठ और अभिषेक : सावन के सोमवार के दिन भगवान शिव का दूध घी शक्कर चीनी जल और पंचामृत से अभिषेक किया जाता है. इस दौरान भगवान शिव के रुद्री के पाठ करने चाहिए जिससे जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है. पूजा करने के बाद उन्हें बेलपत्र अर्पित करने चाहिए. बेलपत्र अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. भगवान शिव को हर तरह का प्रसाद चढ़ाया जाता है लेकिन प्रसाद में विजया (भांग) बहुत जरूरी है क्योंकि भगवान शिव को विजया बहुत प्रिय है.

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