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Shani Jayanti 2023: इन राशि के जातकों को मिलेगा शुभ फल, व्रक दृष्टि से बचने के लिए करें ये काम

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Published : May 18, 2023, 5:22 PM IST

Impact On Zodiac Signs on Shani Jayanti 2023
Shani Jayanti 2023: इन राशि के जातकों को मिलेगा शुभ फल, व्रक दृष्टि से बचने के लिए करें ये काम

शनि जयंती के दिन विशेष पूजा और दान से जीवन की परेशानियों से मुक्ति पाई जा सकती है और लाभ की स्थिति बन सकती है. आइए जानते हैं क्या करें इस शनि जयंति को....

बीकानेर. ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है. इस बार शनि जयंती 19 मई को है. इस दिन शनि देव का विधिपूर्वक पूजन करने से जीवन में सभी परेशानियों को दूर किया जा सकता है. ज्योतिष के अनुसार साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान लोगों को इस दिन आराधना जरूर करनी चाहिए.

भगवान सूर्य और माता छाया के पुत्र शनि ग्रह शनिवार के स्वामी हैं. ज्येष्ठ मास की अमावस्या को भगवान शनि का जन्मोत्सव शनि जयंती या शनिचर जयंती के रूप में मनाया जाता है. शनिदेव को न्याय और दंड का देवता माना गया है. ज्योतिर्विद डॉ आलोक व्यास बताते हैं कि जातक के जीवन में शनिदेव ढैया या साढ़ेसाती के रूप में कर्मों (पाप और पुण्य) को न्यायानुसार फलित करते हैं.

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शनि जयंती को करें ये कामः ज्योतिर्विद डॉ आलोक व्यास कहते हैं कि शनिदेव के पूजन में सप्तर्षियों के दर्शाने के लिए प्रतीकात्मक रूप से 7 प्रकार के अनाज (गेहूं, चावल, तिल, मूंग, उड़द और जौ) काले तिल, काले चने आदि का उपयोग किया जाता है. इससे शनि की साढ़ेसाती या शनि की ढैया के दुष्परिणाम से राहत मिलती है. जातक की पत्रिका में शनि की महादशा साढ़ेसाती चल रही हो, तो प्रत्येक जातक को शनि भगवान का तिल्ली के तेल से अभिषेक करना चाहिए. शनिवार के दिन तिल्ली का तेल, काले तिल, काला कंबल, काली चप्पल, लोहे का पात्र दक्षिणा सहित शनि मंदिर में अर्पण करना चाहिए.

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गजकेसरी योग का संयोगः वर्ष 2023 में शनि जयंती के दिन गजकेसरी योग एवं शोभन योग का संयोग भी बन रहा है. ज्योतिर्विद डॉ आलोक व्यास कहते हैं कि मेष, वृषभ, मिथुन, तुला, धनु, कुंभ राशि के जातकों के लिए शनि जयंती विशेषतौर से लाभदायक रहेगी. इस राशि के जातकों के लिए इस दिन विशेष लाभ के संयोग बन रहे हैं.

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ये उपाय करें तो मिलेगी राहतः शनि अमावस्या के दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाना चाहिए. इस दिन भगवान शंकर का अभिषेक करना चाहिए. जिस जातक की पत्रिका में शनि ग्रह नीच का, शत्रु क्षेत्र का या अस्त हो तो शनि अमावस्या के दिन शनि प्रतिमा पर तेल से अभिषेक करना चाहिए. भगवान शनि न्याय के देवता हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह का अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि, मकर और कुंभ राशि का स्वामी होता है और तुला राशि में उच्च का शनि होता है. जिसकी जन्म पत्रिका में मकर, कुंभ राशि का और तुला राशि का शनि हो, वह जातक बहुत ही प्रभावशाली होता है.

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