Jyotish Shastra: गुप्त नवरात्रि में मां भगवती के 10 विद्याओं की आराधना, भूल से न करें ये गलतियां
Updated on: Jan 24, 2023, 7:19 AM IST

Jyotish Shastra: गुप्त नवरात्रि में मां भगवती के 10 विद्याओं की आराधना, भूल से न करें ये गलतियां
Updated on: Jan 24, 2023, 7:19 AM IST
गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2023) में मां भगवती के दस विद्याओं की पूजा और तंत्र साधना की जाती है. आइए दस महाविद्याओं की देवियों के बारे में जानते हैं.
भरतपुर. माघ माह की गुप्त नवरात्रि 22 जनवरी से शुरू हो गई है. 30 नवंबर तक गुप्त नवरात्रि के दौरान विशेष पूजा अर्चना से व्यक्ति अपनी विशेष मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकता है. इसके लिए व्यक्ति को 10 विद्याओं की विशेष विधि विधान से पूजा करनी होती है, तब जाकर व्यक्ति की विशेष मनोकामना पूर्ण होती है. इतना ही नहीं व्यक्ति को दैहिक, दैविक और भौतिक ताप व परेशानियों से भी छुटकारा मिल जाता है.
वैदिक पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि 4 नवरात्रा होती है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि के बारे में सभी लोग जानते हैं. लेकिन साल में माघ शुक्ल पक्ष और आषाढ़ शुक्ल पक्ष में दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं, जिनके बारे में कम लोगों को जानकारी होती है. पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि क्षेत्र और शारदीय नवरात्र में नौ देवियों की पूजा की जाती है, लेकिन गुप्त नवरात्रि में 10 विद्याओं की पूजा की जाती है. गुप्त नवरात्रि में व्यक्ति को गुप्त रूप से पूजा करनी पड़ती है, तभी इसका फल प्राप्त होता है. इसीलिए इन्हें गुप्त नवरात्रि नाम दिया गया है.
पढ़ें- ज्योतिष शास्त्र: इनको किया दान तो दोषों से मिलेगी मुक्ति, जीवन में आएंगे चमत्कारिक बदलाव
पढ़ें- ज्योतिष शास्त्र: अगर चमकानी है किस्मत तो धारण करें यह रत्न, जानें पहनने का सही तरीका
दस विद्याओं की पूजा- पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी सती के 10 रूप जिन्हें 10 विद्या कहा जाता है, उनकी पूजा की जाती है. दस विद्याओं में महाकाली, तारा, छिन्नमस्ता, भुवनेश्वरी, पीतांबरा, भैरवी, धूमावती, कमला और त्रिपुर भैरवी शामिल हैं.
पढ़ें- ज्योतिष शास्त्र: जातक अपनी राशि और स्वामी के अनुसार करें ये उपाय, जीवन में मिलेगी सफलता
श्री कुल की आराधना करें- पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि गुप्त नवरात्रि की इन दस विद्याओं के भी दो कुल हैं काली और श्री कुल. तांत्रिक लोग काली कुल की आराधना कर मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. जबकि सात्विक और गृहस्थ व्यक्तियों को श्री कुल की आराधना करनी चाहिए. सात्विक और गृहस्थ व्यक्तियों को प्रातःकाल में आराधना करनी चाहिए. रात्रि की आराधना काली कुल और तांत्रिकों के लिए बताई गई है.
पढ़ें- ज्योतिष शास्त्र: अगर ये लक्षण दिखे तो समझिए काल सर्प दोष का प्रभाव है, ऐसे करें पहचान और निवारण
पढ़ें- ज्योतिष शास्त्र: रात को सोते समय और सुबह उठते ही करें ये दो काम...खुल जाएगी सोई हुई किस्मत
ऐसे करें मां भगवती की पूजा- पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि गुप्त नवरात्रि के दौरान व्यक्ति को प्रातः काल सूर्योदय से पहले स्नान कर एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर, चावल से गणेश, गौरी और नवग्रह बनाकर स्थापना करनी चाहिए. पूजा की थाली में गंध, पुष्प, अक्षत, पुगीफल, यज्ञोपवीत, फल, प्रसाद आदि से माता की आराधना करनी चाहिए.
पढ़ें- ज्योतिष शास्त्र: पंचतत्वों की पूजा कर जीवन को ऐसे बनाएं सुखमय, राशि के अनुरूप करें पूजा और दान
