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राजस्थान के सबसे बड़े छबड़ा-थर्मल पावर प्लांट में मंडराया जल संकट, 4 दिन का ही पानी शेष, जाने क्या है स्थिति

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Published : Apr 24, 2021, 12:34 PM IST

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छबड़ा-थर्मल पावर प्लांट में मडराया जल संकट

प्रदेश का सबसे बड़ा विद्युत उत्पादक प्लांट छबड़ा-थर्मल पावर प्लांट में जल संकट मडराने लगा है. वहीं अब छबड़ा थर्मल अब पूरी तरह बंद होने के कगार पर पहुंच गया है. बता दें कि छबड़ा थर्मल को पानी सप्लाई कर रहा एकमात्र जल स्रोत हिगंलोट बांध में मात्र 4 दिन का ही पानी शेष बचा है. पढ़ें पूरी खबर....

छबड़ा (बारां). जिले में स्थित प्रदेश का सबसे बड़ा विद्युत उत्पादक छबड़ा थर्मल पावर प्लांट इन दिनों जल संकट से जूझ रहा है. छबड़ा थर्मल अब पूरी तरह बंद होने के कगार पर पहुंच गया है. मालूम हो कि छबड़ा थर्मल को पानी सप्लाई कर रहा एकमात्र जल स्रोत हिगंलोट बांध में मात्र 4 दिन का ही पानी शेष बचा है, इसके चलते थर्मल के प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष आरके शर्मा ने परवन सिंचाई परियोजना में छबड़ा थर्मल के लिए पानी सप्लाई के लिए बनाए जा रहे पंप हाउस का निरीक्षण किया. उन्होंने जल संकट के लिए इंजीनियरों की सात सदस्यों की टीम गठित की है.

बता दें कि अगर छबड़ा थर्मल से विद्युत बंद हो जाएगी तो यह निश्चित ही राज्य की जनता को गर्मी के इस मौसम में विद्युत संकट तो झेलना ही पड़ेगा, इसके साथ ही कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रही राज्य सरकार को भी अन्य राज्यों से महगीं बिजली खरीदने को मजबूर होना पड़ेगा.

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जानकारी के अनुसार छबड़ा थर्मल में ढाई- ढाई सौ मेगावाट की 4 इकाइयां कार्यरत है और वहीं सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट में 660 - 660 मेगावाट की दो इकाइयां विद्युत उत्पादन कर रही है लेकिन, पानी संकट के चलते अब यह थर्मल बंद होने के कगार पर जा पहुंचा है.

राज्य की 25% विद्युत आपूर्ति करता है छबड़ा थर्मल

छबड़ा सुपर थर्मल पावर प्लांट में 250-250 मेगावाट की चार और सुपरक्रिटीकल प्लाटं की 660 -660 मेगावाट की दो इकाइयां विद्युत उत्पादन करने से कुल 2320 मेगावाट विद्युत उत्पादन होता है, जो राज्य की 25% विद्युत आपूर्ति करता है. इसके साथ ही यह थर्मल राज्य को सबसे सस्ती विद्युत भी उपलब्ध कराता है.


क्यों आया संकट

सुपर थर्मल पावर प्लांट को छबड़ा के बेथली बांध हिगंलोट बांध और पार्वती नदी पर बने एनिकट से और छीपाबड़ोद स्थित ल्हासी बांध से पानी की आपूर्ति की जाती है लेकिन, इस वर्ष छबड़ा क्षेत्र में औसत से आधी ही बारिश होने के चलते बेथली बांध क्षमता से आधा भी नहीं भरा, जिसके चलते इससे थर्मल को पानी देने पर रोक लगा दी गई.

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वहीं पार्वती नदी का पानी भी जल्दी ही रीतने से उससे भी पानी नहीं मिला, साथ ही ल्हासी बाधं से निर्धारित 200 एमसीएफटी पानी ही दिया गया, इसके अतिरिक्त मांग पर आपूर्ति नहीं की गई. हिंगलोट बांध जिसका सारा पानी थर्मल के लिए आरक्षित है जहां से पानी की आपूर्ति होती रही है लेकिन, अब उसमें भी 4 दिन का ही पानी बचा है जिससे यह प्लांट कभी भी बंद होने के कगार पर पहुंच जाएगा.

वर्तमान में 3 इकाइयां ही है चालू

थर्मल के मुख्य अभियंता अजय सक्सेना के अनुसार छबड़ा थर्मल की पहली इकाई पानी की कमी के चलते बंद कर दी गई. वहीं दूसरी ईकाई को वार्षिक रखरखाव के चलते बंद किया है इसके साथ ही तीसरी और चौथी इकाई में विद्युत उत्पादन हो रहा है. इसी तरह सुपरक्रिटिकल की पांचवी ईकाई को वार्षिक रखरखाव के लिए बंद किया गया है.

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पवन से नहीं हो सकी पानी की सप्लाई

थर्मल अधिकारियों की ओर से छबड़ा थर्मल में पानी की आपूर्ति के लिए परवन सिंचाई परियोजना से लंबे समय से प्रयास किए जा रहे थे और पंम्प हाउस भी बनाया गया लेकिन, 11 केवी विद्युत लाइन के चलते पंप हाउस की मोटर लोड नहीं उठा पाई इसके चलते पानी सप्लाई नहीं हो पाया जिससे संकट और गहरा गया.

प्रबंध निदेशक ने किया दौरा

राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आरके शर्मा ने छबड़ा थर्मल में पानी के संकट को देखते हुए शुक्रवार को परवन सिंचाई परियोजना पर बनाए गए पंप हाउस का निरीक्षण किया इस दौरान इंजीनियरों को जल्द से जल्द पानी छबड़ा थर्मल में पहुंचाने के निर्देश दिए ताकि, संकट समाप्त हो सके.

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