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ससुराल पक्ष पर महिला को जहर देकर मारने का आरोप, मामला दर्ज

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Published : Jun 8, 2021, 1:05 PM IST

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महिला को जहर देने का आरोप में मुकदमा दर्ज

अलवर में एक महिला को जहर देकर मारने के आरोप में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. पीहर पक्ष ने ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.

अलवर. जिले के रामगढ़ थाने में महिला की हत्या का मामले मामले में ससुराव वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. पीहर पक्ष ने ससुराल पक्ष पर महिला को जहर देने का आरोप लगाया है. ससुराल पक्ष के चार लोगों के खिलाफ कराया केस दर्ज किया गया है.

मृतका के भाई ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि पूर्व में भी इसी परिवार ने उसकी दूसरी बहन को भी मार दिया था. रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के बड़ौदा के नजदीक शीतल गांव के वारिस वारिस पुत्र पप्पू ने रामगढ़ थाने में मामला दर्ज कराया है कि उसकी बहन की शादी 2003 में बाडका गांव इरसाद के साथ हुई थी. रामगढ़ में 5 जून रात 8:00 बजे बहन का फोन आया और उसने बताया कि उसके साथ देवर, देवरानी, सास और ससुर पिछले 10 दिनों से मारपीट कर रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.

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इस पर उनका भाई बाढ़ का गांव में पहुंचा तो वहां बहन बेहोश मिली. ससुराल पक्ष के लोगों ने बताया इसने जहरीला पदार्थ खा लिया है. इसपर उसे उपचार के लिए अलवर मित्तल हॉस्पिटल में ले गए लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. रिपोर्ट में ससुराल पक्ष के देवर, देवरानी, सास और ससुर पर मारपीट करने और जबरन जहर खिलाकर हत्या करने का मामला दर्ज कराया गया है और उसमें लिखा है कि इस परिवार द्वारा पूर्व में भी मेरी दूसरी बहन को भी मारा जा चुका है. डीएसपी ओमप्रकाश मीणा ने बताया कि मृतक विवाहिता के भाई थाने में चार लोगों के खिलाफ जहर देकर हत्या का मामला दर्ज कराया है. पुलिस जांच कर रही है.

चिकत्सकों ने एसपी को सौंपा ज्ञापन

अलवर में आज अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ ने चिकित्सकों की मांग को लेकर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम को ज्ञापन सौंपा. इसके जरिये चिकित्सकों ने मांग की कि किसी भी चिकित्सक या चिकित्सक अधिकारी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने से पहले मेडिकल बोर्ड का गठन करना आवश्यक है. मेडिकल बोर्ड के द्वारा दिए गए ओपिनियन के आधार पर ही किसी भी चिकित्सक पर मुकदमा दर्ज किया जा सकता है.

अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष विजय सिंह चौधरी ने बताया की अलवर के राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी के विरुद्ध एफआइआर में अग्रिम कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय के अगस्त 2005 में जेकब मैथ्यू बनाम पंजाब सरकार के निर्णय में जारी दिशा- निर्देशानुसार मेडिकल बोर्ड बनाकर उसकी राय का उपयोग करते हुए की जाए और जिले में कभी आगे किसी भी चिकित्सक के खिलाफ कोई भी एफआईआर या मुकदमा दर्ज करने से पहले सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी गाइडलाइन देखी जाए जिसमें स्पष्ट है कि किसी भी चिकित्सक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए और फिर बोर्ड के फैसले के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाए.

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