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अलवर में अवैध खनन को बढ़ावा देने के लिए विजलेंस टीम को हटाया

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Published : Dec 21, 2021, 10:44 PM IST

Updated : Dec 22, 2021, 12:59 PM IST

Vigilance team removed in Alwar
अलवर में अवैध खनन

अलवर में अवैध खनन रोकने की जगह उल्टा अलवर में अवैध खनन माफियाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है. अलवर जिले से राज्य सरकार ने खनन विभाग की विजलेंस टीम जयपुर बुलाकर खान माफियाओं का अवैध खनन की खुली छूट सी दे दी है. स्थिति है कि खनन विभाग के पास जिले में विजलेंस कार्रवाई के लिए टीम ही नहीं है.

अलवर. अवैध खनन रोकने की जगह उल्टा अलवर में अवैध खनन माफियाओं (illegal mining in Alwar) को बढ़ावा दिया जा रहा है. अलवर जिले से राज्य सरकार ने खनन विभाग की विजलेंस टीम जयपुर बुलाकर खान माफियाओं का अवैध खनन की खुली छूट सी दे दी है. स्थिति है कि खनन विभाग के पास जिले में विजलेंस कार्रवाई के लिए टीम ही नहीं है. ऐसे में इन दिनों टहला, मालाखेड़ा, रामगढ़, बहरोड़ समेत ज्यादातर क्षेत्रों में खुलेआम अवैध खनन सामग्री परिवहन होती दिखाई पड़ती है.

अलवर जिला अवैध खनन को लेकर देश भर में लंबे समय से चर्चित रहा है. एनजीटी से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अवैध खनन रोकने के लिए सरकार अवैध खनन विभाग को कई बार निर्देश दे चुके हैं. लेकिन यहां अवैध खनन पर रोक लगाने को लेकर सरकार व प्रशासन गंभीर नहीं है. यही कारण है कि अलवर जिले में अवैध खनन रोकने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने के बजाय अलवर खनन विभाग की बिजलेंस टीम को ही जयपुर बुला लिया (Vigilance team removed in Alwar).

अलवर में अवैध खनन को बढ़ावा देने के लिए विजलेंस टीम को हटाया...

खनन विभाग के उच्च अधिकारियों के आदेश पर गत 3 दिसम्बर को अलवर की विजलेंस टीम को जयपुर बुला लिया गया. इससे पहले भी गत अगस्त महीने में विजलेंस टीम को जयपुर बुला लिया गया. जबकि सरकार ने ही अवैध खनन के लिए अलवर में टीम लगाई थी. विजलेंस टीम में एक एएमई सहित बॉर्डर होमगार्ड के जवान आदि होते हैं, जो कि सूचना या शिकायत मिलने पर मौके पर पहुंच कर अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करते हैं.

यह भी पढ़ें. खनन का खेल : अलवर में बेखौफ माफिया और गायब होते अरावली पहाड़...प्रशासन मौन

जिले में खनन विभाग पहले ही सीमित संसाधनों की समस्या से जूझता रहा है, यहां अवैध खनन रोकने के लिए अतिरिक्त संसाधन की जरूरत है. वर्तमान में अलवर जिले में खनन विभाग की बिजलेंस टीम नहीं होने से अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है. यह स्थिति तो तब है, जब जिले के अधिकतर क्षेत्र में अरावली पर्वतमाला में बड़े पैमाने पर अवैध खनन की शिकायतें मिलती रही है. पिछले दिनों में खनन विभाग ने घेघोली की पहाड़ी सहित अनेक स्थानों छिटपुट कार्रवाई भी की गई. लेकिन इन दिनों अलवर जिले में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई के लिए विजलेंस टीम नहीं है.

खनन विभाग के उच्च अधिकारियों की ओर से अलवर से बिजलेंस टीम हटाकर कहीं खान माफिया को अवैध खनन की छूट तो नहीं दी जा रही है. यह स्थिति तो तब है जब सोमवार को जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. बीडी कल्ला अलवर में राज्य सरकार की तीन साल की उपलब्धि गिनाते समय अलवर में अवैध खनन रोकने के लिए जिला प्रशासन को अभियान चलाने की नसीहत दे रहे थे. अलवर जिले में मालाखेड़ा स्थित सताना, बिलंदी, एमआइए स्थित गोलेटो, भटेसरा, घेघोली, मुण्डावर के सेवपुर, अलवर शहर के समीप जटियाणा सहित अनेक स्थानों पर बड़े पैमाने पर अवैध खनन होता रहा है.

टहला बन रहा अवैध खनन का गढ़...

सरिस्का के नजदीक होने के कारण टहला क्षेत्र में एनजीटी की ओर से खनन गतिविधियों पर रोक लगाई हुई है. इस कारण टहला क्षेत्र के बलदेवगढ़, गोरधनपुरा, झिरी, धोलीखान सहित आसपास के क्षेत्रों में ज्यादातर खनन लीज बंद करने के आदेश हैं. एनजीटी के आदेश के बावजूद टहला क्षेत्र में इन दिनों बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से खनन कर मार्बल खंडों का बिना रवन्ना परिवहन किया जा रहा है. इससे सरकार को भी राजस्व का मोटा नुकसान उठाना पड़ रहा है. बिजलेंस टीम के अभाव में यहां अवैध खनन पर लगाम नहीं लग पा रही है.

Last Updated :Dec 22, 2021, 12:59 PM IST
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