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बाघों के लिए सुरक्षित नहीं रहा सरिस्का, फिर भी बाघों का कुनबा बढ़ाने के जारी है प्रयास

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Published : Feb 27, 2023, 8:10 PM IST

Updated : Feb 27, 2023, 9:27 PM IST

सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए लगातार कवायद जारी है. लेकिन इतिहास को उठाकर देखें तो यह क्षेत्र अब तक बाघों के लिए ज्यादा सुरक्षित नहीं रहा है.

Sariska is not safe for tigers
बाघों के लिए सुरक्षित नहीं रहा सरिस्का

बाघों के लिए सुरक्षित नहीं रहा सरिस्का

अलवर. सरिस्का बाघों के लिए सुरक्षित नहीं है. एक बार फिर से यह साबित हो चुका है. लेकिन उसके बाद भी सरिस्का प्रशासन लगातार बाघों को सरिस्का के जंगलों में शिफ्ट कर रहा है. एक बाघ व बाघिन को सरिस्का में शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है. जबकि सरिस्का से एक बाघ बीते 5 माह से जमारामगढ़ क्षेत्र में है, तो वहीं दो बाघ सरिस्का से गायब हो चुके हैं.

सरिस्का टाइगर रिजर्व में कुल 25 बाघ हैं. इसमें 13 फीमेल टाइगर ST-7, ST-8, ST-2, ST-7, ST-9, ST-10, ST-12, ST-17, ST-14, ST-19, ST-22 हैं. जबकि 8 मेल टाइगर ST-15, ST-20, ST-21, ST-18, ST-23, ST-24, ST-25 हैं. सरिस्का में चार शावक हैं. ST-17 के दो, ST-19 के दो शावक हैं, जिनका नामकरण होना है. पिछले दिनों ST-5 व ST-13 टाइगर गायब हो चुके हैं. इसके अलावा बाघ st24 बीते 5 माह से जयपुर क्षेत्र के जमवारामगढ़ जंगल में है.

इसके अलावा शहरी बफर जोन में बाघ st18 व बाघिन st19 अपने दो शावकों के साथ है. दोनों शावक शहर के बिल्कुल नजदीक पहुंच चुके हैं. ऐसे में बाघों पर खतरा बढ़ गया है. हालांकि वन विभाग में सरिस्का की टीम लगातार बाघों की मॉनिटरिंग में लगी है. लोगों को बाघों से दूर रखा जा रहा है.

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सरिस्का साल 2005 में बाघ विहीन हो गया था. उसके बाद फिर से यहां बाघों का कुनबा बसाया गया. देश में पहली बार एयरलिफ्ट करके बाघों को सरिस्का में शिफ्ट किया गया और उसके बाद से लगातार सरिस्का में बाघों का कुनबा बचाने के प्रयास जारी हैं. लेकिन आए दिन बाघों की मौत के मामले सामने आते हैं. 2008 से अब तक रणथंभौर से सरिस्का शिफ्ट किए गए 9 बाघ-बाघिन में से 6 की मौत हो चुकी है. आमतौर पर बाघों की उम्र 18 से 20 साल मानी जाती है, लेकिन सरिस्का में बाघ सरिस्का में बाघ अपनी उम्र पूरी नहीं कर पा रहे हैं. एक टाइगर लापता है, जिसे मृत मान लिया गया है. सरिस्का में अब कुल 25 बाघ बचे हैं. रणथंभौर से सरिस्का में शिफ्ट हुई तीन बाघिन एसटी-2, एसटी-9 व एसटी-10 जिंदा हैं. इनमें एसटी-2 उम्रदराज है. जबकि रणथंभौर से शिफ्ट किए गए बाघों में एसटी-1, एसटी-4, एसटी-6 और एसटी-16 की मौत हो चुकी है. बाघिन एसटी-3 व एसटी-5 की मौत हो चुकी है. मेल टाइगर एसटी-16 की 2019 में मौत हो गई थी.

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St13 ने बढ़ाया सबसे ज्यादा कुनबाः सरिस्का के सबसे युवा व जोशीले बाघ के रूप में बाघ st13 को जाना जाता है. यह बाघ जनवरी 2022 में अचानक लापता हो गया था. लंबे समय तक बाघ का कोई सुराग नहीं मिलने के बाद वन विभाग के नियम अनुसार बाघ को मृत मान लिया गया. एसटी-13 के बदौलत सरिस्का में 9 शावक आए, इसलिए St13 को बाघों का कुनबा बढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान माना गया.

सरिस्का में कब हुई बाघों की मौतः सरिस्का से मिली जानकारी के अनुसार बाघिन st-5 कई साल से लापता रही. कुछ समय बाद वन विभाग के नियम अनुसार उसे मौत घोषित कर दिया गया. 21 जून 2022 को ST-3 की मौत हुई थी. 20 अप्रैल 2022 को St-6 की मौत हुई. 14 नवंबर 2010 को St-1 की मौत हुई. 10 दिसंबर 2018 को ST-4 की जान गई. इसी प्रकार 8 जून 2019 को टाइगर ST-16, 10 दिसंबर 2018 को st-4 की मौत हुई.

बाघिन को शिफ्ट करने की चल रही है प्रक्रियाः सरिस्का में एक बार फिर से बाघिन को शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है. इसके लिए सरिस्का की टीम बाघिन को ट्रेंकुलाइज करने में लगी है. रणथंबोर से दो बाघिन को सरिस्का में शिफ्ट किया जाना है. एक बाघिन को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, दूसरी को कुछ समय बाद शिफ्ट किया जाएगा.

Last Updated :Feb 27, 2023, 9:27 PM IST
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