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प्रदेश में भाजपा की नई सरकार में मंत्रिमंडल के लिए अजमेर संभाग के ये हैं संभावित चेहरे

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 5, 2023, 4:57 PM IST

MLA who can be ministers in New BJP government
मंत्रिमंडल में जा सकते हैं ये हैं संभावित चेहरे

प्रदेश में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कवायद की जा रही है. ऐसे में नई सरकार के मंत्रिमंडल में कौनसे विधायक शामिल होंगे, इसे लेकर भी हलचल तेज हो गई है.

अजमेर. भाजपा की प्रदेश में नई सरकार में मुख्यमंत्री को लेकर संशय जारी है. संत, राजनेता मुख्यमंत्री बनने की कतार में हैं. वही कुछ जीते विधायक हैं, जो सियासी हवा का अंदाजा लगा रहे हैं कि मुख्यमंत्री पर ताजपोशी किसकी होगी. जाहिर है ऐसे विधायक अब मंत्री बनने के ख्वाब देखने लगे हैं. इनमें वरिष्ठ और युवा के अलावा भाजपा वोट बैंक को साधने वाले नेता भी शामिल हैं. अजमेर में भाजपा विधायकों में मंत्री पद के 5 प्रबल दावेदार हैं. आइए जानते हैं अजमेर संभाग से कौन-कौन से ऐसे चेहरे जिनको नए मंत्रिमंडल में मिल मौका मिल सकता है.

विधानसभा चुनाव में अजमेर संभाग में भाजपा का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है. खासकर भीलवाड़ा में तो कांग्रेस का सफाया ही हो गया है. 7 सीटों में से 1 भाजपा समर्थित निर्दलीय को गई है. जबकि शेष सीट पर भाजपा ने कब्जा जमा लिया है. अजमेर में कांग्रेस एक सीट पर सिमट गई है. जबकि जिले की 7 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. टोंक जिले की चार सीटों में से 2 पर कांग्रेस और 2 पर भाजपा जीती है.

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नागौर में भाजपा का प्रदर्शन विगत चुनाव की तुलना में खास नहीं रहा. यहां 4 कांग्रेस, 4 भाजपा, 1 निर्दलीय और 1 आरएलपी के खाते में सीट गई है. यानी अजमेर संभाग में 19 सीट भाजपा, 7 पर कांग्रेस और 2 निर्दलीय एवं एक आरएलपी की सीट है. यहां बता दें कि दोनों निर्दलीय भाजपा के पक्ष में हैं. प्रदेश में भाजपा के 115 विधायक जीत कर आए हैं. ऐसे में मंत्री पद के दावेदार काफी हैं. मगर इनमें अजमेर का दावा ज्यादा मजबूत माना जा रहा है. अजमेर में केकड़ी और ब्यावर दो नए जिले बने हैं, ऐसे में इन नए जिलों को प्रतिनिधित्व भी मिल सकता है.

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  1. प्रदेश की कमान वसुंधरा राजे को मिलती है, तो जाहिर तौर पर अजमेर संभाग में मंत्री मंडल के लिए पहला नाम नागौर के डीडवाना से निर्दलीय विधायक यूनुस खान का होगा. यूनुस खान पिछली वसुंधरा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं.
  2. दूसरा नाम अजय सिंह किलक है. किलक भी पिछली वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुके हैं. वसुंधरा राजे के करीबी हैं.
  3. अजमेर उत्तर से वासुदेव देवनानी दो बार 2003 और 2013 में शिक्षा राज्य मंत्री रह चुके हैं. क्षेत्र से लगातार 5 बार देवनानी विधायक रह चुके हैं. आरएसएस में उनकी पकड़ मजबूत है.
  4. अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से अनीता भदेल 2013 में मंत्री रह चुकी हैं. क्षेत्र से पांचवी बार लगातार भदेल चुनाव जीती हैं. एससी महिला चेहरा होने का लाभ उन्हें मिल सकता है. साथ ही गहलोत सरकार में सर्वश्रेष्ठ विधायक का खिताब भी ले चुकी है. भदेल की राजे से नजदीकियां उनके दावे को प्रबल बनाती है.
  5. ब्यावर से शंकर सिंह रावत लगातार चौथी बार विधायक बने हैं. ब्यावर विधानसभा क्षेत्र रावत बाहुल्य है. रावत समाज भाजपा का बड़ा वोट बैंक हैं. अब ब्यावर नया जिला बन चुका है. शंकर सिंह रावत वसुंधरा राजे के करीबी भी माने जाते हैं. ऐसे में रावत की दावेदारी भी दमदार है.
  6. जायल विधायक मंजू बाघमार दूसरी बार विधायक हैं. नागौर में एससी मतदाता अधिक हैं. ऐसे में मंजू बाघमार एससी बड़ा चेहरा है.
  7. नांवा से विजय सिंह चौधरी दूसरी बार विधायक बने हैं. नागौर जाट बाहुल्य क्षेत्र है. ऐसे में जाट चेहरे के तौर पर उन्हें भाजपा की नई सरकार में मौका मिल सकता है.
  8. केकड़ी से शत्रुघ्न गौतम कांग्रेस के कद्दावर नेता डॉ रघु शर्मा को हराकर चर्चा में आ गए हैं. हालांकि 2013 में भी गौतम डॉ रघु शर्मा को शिखस्त दे चुके हैं. 2013 में वसुंधरा सरकार में गौतम संसदीय सचिव भी रहे हैं. केकड़ी नया जिला बना है. गौतम युवा और अनुभवी हैं.
  9. पुष्कर से भाजपा विधायक सुरेश सिंह रावत लगातार तीसरी बार चुनाव जीते हैं. रावत पिछली वसुंधरा सरकार में संसदीय सचिव रहे हैं. पुष्कर हिंदुओं की सबसे बड़ी धर्मस्थली है. ऐसे में मंत्रिमंडल में पुष्कर से भी प्रतिनिधित्व मिल सकता है. रावत भी वसुंधरा राजे के करीबी रहे हैं.
  10. मंडलगढ़ से गोपाल शर्मा दो बार विधायक और एक बार भीलवाड़ा यूआईटी चेयरमैन भी रहे हैं. वे मेवाड़ क्षेत्र में एकमात्र ब्राह्मण विधायक हैं.
  11. मंडल से उदय लाल भडाणा पहली बार जीते हैं. भडाणा ने अशोक गहलोत के करीबी रामलाल जाट को शिखस्त दी. 20 वर्ष से इस सीट को लेकर मिथक है कि 20 वर्षों में जो भी जीता है, प्रदेश में उसकी ही सरकार बनी है और विधायक-मंत्री बनता है. भडाणा गुर्जर समाज से आते हैं. हिंदूवादी विचारधारा से प्रेरित है. ऐसे में भाजपा में गुर्जर सियासत में भड़ाणा नया चेहरा बनकर उभर सकते हैं. दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पहले एक गुर्जर समाज को साधने के लिए भगवान श्री देवनारायण की जन्मस्थली पर धर्म सभा को संबोधित किया था.
  12. टोंक जिले की मालपुरा सीट भाजपा का गढ़ रही है. 30 वर्षों से भाजपा का इस सीट पर कब्जा है. यहां तीसरी बार कन्हैया लाल चौधरी चुनाव जीते हैं. चौधरी अनुभवी हैं. ऐसे में मंत्री बनने का प्रबल दावा कन्हैया लाल चौधरी रखते हैं.
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