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गुलाब के फूलों के नहीं मिल रहे खरीददार, किसान सब्जियां उगाने को मजबूर

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Published : Jun 24, 2021, 7:31 AM IST

rose flower cultivation, religious places closed in lockdown
गुलाब के फूलों के नहीं मिल रहे खरीददार

हमारे यहां फूलों की खपत भारी तादाद में होती है. अजमेर जैसा जिला जहां पुष्कर (Pushkar) और दरगाह (Ajmer Dargah) में देश विदेश से लोग आते हैं ऐसे में यहां खपत के हिसाब से किसान खेती भी ज्यादा करते हैं. लेकिन अब गुलाब के फूलों की खेती (Rose flower cultivation) करने वाले किसान फसल को उजाड़ रहे हैं और इसकी बजाय सब्जियां उगाने के लिए मजबूर हैं.

अजमेर. लॉकडाउन में भले ही छूट मिली हो लेकिन धार्मिक स्थलों पर अभी भी बंदी है. मंदिरों के बंद होने से पुष्प विक्रेताओं पर संकट पैदा हो गया है. अगर बात की जाए गुलाब के फूल (Rose flower) की तो पुष्कर के गुलाब के फूल पूरी दुनिया में अपनी खुशबू और खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध हैं. इन फूलों का निर्यात विदेशों में भी किया जाता है. ये गुलाब ब्रह्मा मंदिर के साथ-साथ ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह की भी शोभा बढ़ाते हैं.

गुलाब के फूलों के नहीं मिल रहे खरीददार

लेकिन मौजूदा दौर में सभी धार्मिक स्थलों के साथ-साथ यह दोनों प्रमुख धार्मिक स्थल भी बंद हैं. ऐसे में गुलाब के फूलों का व्यापार करने वाले किसानों (Flower farmers upset) और व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. गुलाब के फूलों का व्यापार करने वाले किसान महेंद्र सिंह और हरिशंकर चौहान बताते हैं कि पुष्कर में करीब 1000 बीघा जमीन पर गुलाब की खेती की जाती है. पहले गुलाब के फूल की कीमत 80 रुपए से 120 रुपए प्रति किलो तक पहुंचती थी, लेकिन अब 60 से 65 रुपए प्रति किलो के हिसाब से भी गुलाब के खरीदार नहीं मिल रहे हैं. हालात यह हो चुके हैं कि अब किसान गुलाब के फूलों को तोड़कर सुखाने या फेंकने के लिए मजबूर हो चुके हैं.

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गुलाब के फूलों की फसल खेतों में सूखी
दरगाह में होती थी सबसे ज्यादा खपत-
गुलाब के फूलों का उत्पादन करने वाले किसान हरिशंकर चौहान बताते हैं कि दरगाह में पहले हर दिन करीब 5 हजार किलो गुलाब की खपट रोजाना हुआ करती थी. पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर में भी गुलाब के फूल प्रमुख रूप से चढ़ाए जाते थे लेकिन वर्तमान में यह दोनों धार्मिक स्थल बंद होने की वजह से गुलाब के फूलों का व्यापार औंधे मुंह गिर चुका है.

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लॉकडाउन की वजह से सभी तरह की सामाजिक आर्थिक गतिविधियां लगभग बंद हैं. यही वजह है कि फूलों के खरीददार नहीं मिल रहे हैं. गुलाब के फूलों का उत्पादन करने वाले किसान भागचंद और महेंद्र बताते हैं कि गुलाब के फूल का उत्पादन करने वाले किसान 20 से 30 रुपए किलो के हिसाब से इसे व्यापारियों को बेच रहे हैं. इसमें से 10 से 20 रुपए तो इसे मंडी तक लाने में ही खर्च हो जाते हैं जिसकी वजह से किसानों को लागत के मुताबिक पैसा नहीं मिल पा रहा.

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