ETV Bharat / city

कोटा में पहली बार हुआ डॉग्स में ब्लड ट्रांसफ्यूजन...लैब्राडोर टीना को चढ़ाया नंदिनी का खून

author img

By

Published : Jun 12, 2021, 8:00 PM IST

dogs blood transfusion in kota
डॉग्स में ब्लड ट्रांसफ्यूजन

आपने आमतौर पर बीमार व्यक्ति का ब्लड ट्रांसफ्यूजन (Blood Transfusion) होता है. जिसे आम बोलचाल की भाषा में खून चढ़ाना कहते हैं. लेकिन कोटा में पहली बार पालतू कुत्ते को ब्लड चढ़ाया गया है. यह कोटा के जिला बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय में हुआ है.

कोटा. शहर के पशु चिकित्सालय में एक पालतू कुत्ते का ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया गया है. चिकित्सकों ने अनुसार कुत्ते के टिक्स (चेचड़) होने के कारण उसके खून में हीमोग्लोबिन (hemoglobin in blood) की मात्रा काफी कम हो गई थी. कुत्ता काफी कमजोर हो गया और उसने 7 दिनों से खाना-पीना बंद कर दिया था.

कोटा के बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय के उपनिदेशक डॉ गणेश नारायण दाधीच ने बताया कि जगत मंदिर राम तलाई के रहने वाले कौशल के पास लैब्राडोर नस्ल (Labrador Breed) की पालतू श्वान टीना है. श्वान का हीमोग्लोबिन 4 रह गया था. जबकि चिकित्सकों का कहना है कि 6 हिमोग्लोबिन रह जाने पर श्वान को ट्रांसफ्यूजन की जरूरत होती है.

कोटा में डॉग्स में ब्लड ट्रांसफ्यूजन

ऐसे में कौशल को डॉक्टरों ने इसी नस्ल के रक्त की व्यवस्था करने के लिए कहा. डॉ गणेश नारायण दाधीच का कहना है कि श्वानों के रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा 12 से 15 प्रतिशत रहनी चाहिए. यह मात्रा पालतू पैट टीना में काफी कम हो गई थी. उसे चिकित्सालय में रक्त चढ़ाया गया. जिसके बाद वह एक्टिव हो गई है. डॉ गणेश नारायण दाधीच का कहना है कि कोटा संभाग में पालतू जानवर में ब्लड ट्रांसफ्यूजन करने का यह पहला केस है. इस दौरान डॉ अवनी राठौड़, डॉ ममता, डॉ बनवारी, कंपाउंडर मनोज और इमरान भी मौजूद रहे.

पढ़ें- भागो-भागो ! आसमान से पत्थर बरस रहे हैं...कुछ ऐसा है चित्तौड़गढ़ के एक गांव का हाल

श्वानों में 13 तरह के ब्लड ग्रुप

इंसानों में 8 तरह के ब्लड ग्रुप होते हैं. जिनमें पॉजिटिव नेगेटिव भी शामिल हैं. जबकि श्वानों में 13 तरह के ब्लड ग्रुप होते हैं. इनमें नेगेटिव पॉजिटिव नहीं होते. पशु चिकित्सकों के अनुसार श्वानों के रक्त की सीरम और उनके रक्त की आरबीसी को क्रॉस चेक किया जाता है. अगर इसकी रिपोर्ट में खून का थक्का जम जाता है, तो रक्त नहीं चढ़ाया जाता है.

पहले डोनर को तलाशना था मुश्किल

कौशल अपनी पैट टीना के लिए रक्त चढ़ाने के लिए दो जानवरों को लेकर पहुंचा था. ताकि उनका रक्त लिया जा सके. जिनमें पहले जानवर का रक्त मैच कर गया, लेकिन उसमें हीमोग्लोबिन कम था. चिकित्सकों ने उसका ब्लड नहीं लिया. इसके बाद आरकेपुरम बॉम्बे योजना निवासी लक्ष्मण इसी नस्ल की अपनी पालतू नंदनी को लेकर आए. उसका हीमोग्लोबिन ठीक था और ब्लड ग्रुप भी मैच कर गया. इसके बाद नंदिनी का 250 मिलीग्राम रक्त टीना को चढ़ाया गया. एक्टिव होने के बाद टीना ने अपने मालिक को काट भी लिया. जबकि वह बीते 5 दिनों से बिल्कुल कमजोर हालत में पड़ी हुई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.