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ब्रह्मांड के रचयिता भगवान विश्वकर्मा की जयंती कल

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Published : Feb 24, 2021, 8:04 PM IST

Updated : Feb 24, 2021, 8:19 PM IST

Programs organized in Vishwakarma temples, विश्वकर्मा मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित
विश्वकर्मा मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित

ब्रह्मांड के रचयिता भगवान विश्वकर्मा की जयंती गुरुवार को मनाई जाएगी. इस दौरान विश्वकर्मा मन्दिरों में मुख्य कार्यक्रम आयोजित होंगे. इस दिन शुभ मुहूर्त में विश्वकर्मा जी की पूजा करने व्यापार में आई कठिनाई दूर होती है तो वही धन सम्पदा घर आने लगती है.

जयपुर. माघ शुक्ल त्रयोदशी को ब्रह्मांड के रचयिता भगवान विश्वकर्मा जयंती मनाई जाएगी. इस दौरान प्रदेशभर के निजी कारखानों में मशीनरी और औजारों की सफाई कर शुभ मुहूर्त में पूजन किया जाएगा. वहीं विश्वकर्मा मन्दिरों में मुख्य कार्यक्रम आयोजित होंगे. इस दिन शुभ मुहूर्त में विश्वकर्मा जी की पूजा करने व्यापार में आई कठिनाई दूर होती है तो वही धन सम्पदा घर आने लगती है.

विश्वकर्मा मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित

ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि, पुष्य नक्षत्र और गुरु पुष्य नक्षत्र पर विश्वकर्मा जयंती का एक साथ होना बेहद अलग महत्व देगा. इस दिन कारीगरी अपनी आजीविका चलाने वाली मशीनरी की विधि विधान से पूजा करते है. वहीं होटल्स में भी भगवान विश्वकर्मा जी के कार्यक्रम आयोजित होंगे. विश्वकर्मा भगवान इमारतों के निर्माणकर्ता माने जाते है और इसलिए बड़े-बड़े उद्योगपति भी बड़े धूमधाम से इस जंयती को मनाते है.

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उन्होंने कहा कि, हिन्दू पंचाग के अनुसार इस दिन विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति के आगे रोली-मोली, चावल, कुमकुम, गुड़ आदि लेकर भगवान का मंत्रोच्चार के पाठ के साथ पूजन अर्चन करें. विधिपूर्वक भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से रोजगार और बिजनेस में तरक्की मिलती है. मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पी भी कहा जाता है. वे निर्माण व सृजन के देवता है इसके अलावा उन्हें संसार का पहला इंजीनियर और वास्तुकार भी कहा जाता है.

Last Updated :Feb 24, 2021, 8:19 PM IST
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