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Lumpy Disease 500 पशु चिकित्सा अधिकारी और पशुधन सहायकों की अस्थाई भर्ती करेगी गहलोत सरकार

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Published : Aug 10, 2022, 8:55 PM IST

राजस्थान की गहलोत सरकार 500 पशु चिकित्सा अधिकारी और पशुधन सहायकों की अस्थाई भर्ती (Temporary Recruitment in Rajasthan) करेगी. पशुओं में फैली लंपी बीमारी (Lumpy Disease) के उपचार और रोकथाम के लिए अस्थाई आधार पर भर्ती की जाएगी.

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गहलोत सरकार

जयपुर. कोरोना महामारी के दौरान जिस तरह से 25 हजार कोविड सहायकों को अस्थाई तौर पर नियुक्ति दी गई थी ठीक उसी तर्ज पर गहलोत सरकार 500 पशु चिकित्सा अधिकारियों और पशु धन सहायकों की अस्थाई भर्ती (Temporary Recruitment in Rajasthan) करेगी. पशुओं में फैली लंपी बीमारी (Lumpy Disease) के उपचार और रोकथाम के लिए अस्थाई आधार पर 200 पशु चिकित्सा अधिकारियों और 300 पशुधन सहायकों की भर्ती होगी. खास बात ये है कि इनकी भी लंपी बीमारी खत्म होने के साथ उसी तरह से सेवाएं खत्म कर दी जाएंगी जैसे 25 हजार कोविड सहायकों की की गई है.

500 पदों पर होगी अस्थाई भर्ती- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में गोवंश में फैली लंपी बीमारी के उपचार और रोकथाम के लिए हर स्तर पर पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि लंपी स्किन रोग से प्रभावित जिलों में अस्थाई आधार पर 500 पदों पर भर्ती को मंजूरी (Temporary Recruitment in Rajasthan) दी गई है. उन्होंने भर्ती प्रक्रिया जल्द ही पूर्ण किए जाने के निर्देश भी दिए. प्रदेश के कई जिलों के पशुओं में लंपी स्किन रोग (Lumpy Disease) का संक्रमण तेजी से फैला है, लेकिन जल्द से इस पर नियंत्रण पा लिया जाएगा. सरकार की ओर से दवाइयों, चिकित्सकों, एंबुलेंस सहित अन्य आवश्यकताओं के लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी. राज्य सरकार हर समय पशुपालकों के साथ खड़ी है.

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140 लाख रुपए का इमरजेंसी बजट आंवटन- सीएम गहलोत ने बताया कि आपातकालीन आवश्यक औषधियां खरीदने के लिए संभाग स्तरीय अजमेर, बीकानेर और जोधपुर कार्यालयों को 8 से 12 लाख रुपए और बाकी प्रभावित जिलों को 2 से 8 लाख रुपए सहित कुल 140 लाख रुपए की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है. यह राशि पूर्व में इमरजेंसी बजट में समस्त जिला स्तरीय कार्यालयों और बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालयों को आवंटित राशि के अतिरिक्त जारी की गई है. प्रदेश में पशु हाट और पशु मेलों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.

गैर प्रभावित जिलों से रोग प्रभावित क्षेत्रों में 33 पशु चिकित्सक और 116 पशुधन सहायक लगाए गए हैं. आवश्यकता होने पर अन्य जिलों से और स्टाफ भेजा जाएगा. उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि इस महामारी के दौरान पूरी सेवा भावना से कार्य कर गौवंश को बचाना सर्वाेच्च प्राथमिकता रखें ताकि हम इस बीमारी की रोकथाम में सफल हो सके.

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25 हजार से ज्यादा कोविड सहायक कर रहे आंदोलन- कोरोना संक्रमण काल में गहलोत सरकार ने ठीक इसी तरह से महामारी से निपटने के लिए 25 हजार से ज्यादा कोविड सहायक अस्थाई तौर पर नियुक्त किए थे. लेकिन कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम होने के साथ सरकार ने इन कोविड सहायकों की सेवाओं को समाप्त कर दिया था. इसके विरोध में पिछले चार महीने से कोविड सहायक लगातार सरकार से संविदा पर नियुक्ति देने की मांग कर रहे हैं.

सीएचए का कहना है कि जब सरकार को जरूरत थी तब तो हमें नियुक्ति दे दी, उस वक्त हमने जान की परवाह किए बगैर कोरोना में फ्रंट लाइन में काम किया. अब जब हमारी जरूरत खत्म हो गई तो हमें नौकरी से एक ही आदेश में हटा दिया. सीएचए का विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ कि सरकार ने पशु चिकित्सा अधिकारी और पशुधन सहायकों की अस्थाई भर्ती करने जा रही है.

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