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जालोर मामले में स्कूल शिक्षा परिवार का दावा, मटकी छूने पर पिटाई की बात झूठ

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Published : Aug 16, 2022, 8:53 PM IST

स्कूल शिक्षा परिवार
स्कूल शिक्षा परिवार

जालोर में दलित छात्र की मौत मामले में स्कूल शिक्षा परिवार का दावा है कि घटना को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है. मटकी छूने पर छात्र की पिटाई की बात झूठ है. मामले को गंदी राजनीति का हिस्सा बनाया जा रहा है.

जयपुर. जालोर में दलित छात्र की मौत मामले (Jalore dalit child death case) में छात्र के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए राजस्थान यूनिवर्सिटी में आंदोलन जारी है. आंदोलन की अगुवाई कर रहे अधिकार मोर्चा के अध्यक्ष रोशन मुंडोतिया ने यहां आमरण अनशन शुरू कर दिया है. अनशनकारियों का कहना है कि जब तक मांगें नहीं मानी जाती अनशन जारी रहेगा. छात्रों ने इसे जातिवाद के खिलाफ लड़ाई बताया है. हालांकि स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने इसे गंदी राजनीति का नाम दिया है. उन्होंने इस घटना में जातिवाद और मटकी छूने की बात पर पिटाई की बात को झूठ करार दिया है.

स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने (School shiksha parivar) दावा करते हुए कहा कि जो दिखाया जा रहा है वह झूठ है. सच्चाई ये है कि बच्चों का झगड़ा हो रहा था, इस पर शिक्षक ने छात्र को मारा. हालांकि शिक्षक ने छात्र को पीटा ये कानूनन और व्यवहारिक रूप से गलत है, लेकिन किसी मटकी के हाथ लगाने की वजह से पीटा था ये बात बिल्कुल झूठ है. इसे जातिवादी रूप देना भी गलत है.

स्कूल शिक्षा परिवार का दावा

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अनिल शर्मा ने कहा कि स्कूल में दलित बच्चे की मौत होना दुखद है, लेकिन इसका तमाशा बनाना शर्म की बात है. उन्होंने कहा कि मामले में पुलिस एसपी और खुद छात्र के पिता कह रहे हैं कि दूर-दूर तक मामले में कहीं भी मटकी छूने की बात नहीं है, लेकिन एफआईआर को आधार मानकर सभी जगह इसे प्रसारित किया जा रहा है. अनिल शर्मा ने सवाल किया कि स्कूल का 8 में से 6 स्टाफ एससी का है, उस स्कूल का पार्टनर भी एससी वर्ग से ही है. उसमें में पढ़ने वाले 300 में से 150 बच्चे एससी-एसटी के हैं, तो फिर ये प्रकरण कैसे उठ सकता है. दुर्भाग्य से राजनेताओं ने इस मामले का मजाक बना दिया है. उन्होंने चेतावनी दी कि जो नेता इस पर राजनीति कर रहे हैं, उन्हें यह भारी पड़ेगा.

अनिल शर्मा ने कहा कि बच्चे के साथ जो हुआ, उसे लेकर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि बाकी शिक्षकों को भी इससे सबक मिले. लेकिन इसे जाति से जोड़ना गलत है. एक शिक्षक और छात्र को जाति से नहीं देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजनेताओं को विकास की राजनीति करनी चाहिए और जनता से अपील की कि जो लोग इस तरह की ओछी राजनीति करते हैं, उन्हें बेनकाब करें और उनसे दूर रहें.

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