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लव जिहाद पर भड़की सियासत: सतीश पूनिया बोले- वोट बैंक की ओछी मानसिकता दर्शाता है गहलोत का बयान

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Published : Nov 20, 2020, 4:35 PM IST

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सतीश पूनिया ने कहा कि वोट बैंक की ओछी मानसिकता दर्शाता है गहलोत का बयान

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित कानून पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सीएम का यह बयान वोट बैंक की ओछी मानसिकता को दर्शाता है. पूनिया ने यह भी कहा कि सनातन परंपरा में विवाह एक धार्मिक और मान्यता प्राप्त संस्कार है. इसे केवल व्यक्ति की स्वतंत्रता तक सीमित नहीं रख सकते.

जयपुर. भाजपा शासित मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित कानून बनाए जाने की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर प्रदेश की सियासत भड़क गई है. गहलोत ने लव जिहाद बिल को बीजेपी द्वारा देश को बांटने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए लव जिहाद शब्द इजाद किया गया बताया है, तो वहीं इसका पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि गहलोत का यह बयान वोट बैंक की ओछी मानसिकता को दर्शाता है.

सतीश पूनिया ने कहा कि वोट बैंक की ओछी मानसिकता दर्शाता है गहलोत का बयान

पूनिया ने यह भी कहा कि सनातन परंपरा में विवाह एक धार्मिक और मान्यता प्राप्त संस्कार है. इसे केवल व्यक्ति की स्वतंत्रता तक सीमित नहीं कर सकते. पूनिया ने कहा कि देशभर में कांग्रेस की जो दुर्दशा हो रही है, उससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इतने विचलित हो जाएंगे यह विश्वास नहीं होता. उन्होंने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया, वह पूरी तरह बेबुनियाद है. पुनिया की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया कि जिस तरीके से इस्लामिक आतंकवाद के एजेंडे में लव जिहाद का शिकार होकर हमारी अबोध बच्ची इस देश में उत्पीड़न का शिकार होती है, यह जगजाहिर है और सबके सामने भी है. ऐसी परिस्थितियों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह बयान एक ऊंची मानसिकता का परिचायक है.

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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लिखा था कि बीजेपी ने देश को बांटने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए लव जिहाद शब्द याद किया है. शादी व्यक्तिगत आजादी का मामला है. शादी को रोकने के लिए लाया जाने वाला कोई भी कानून पूर्णता अवैधानिक है. गहलोत ने एक के बाद एक लगातार तीन ट्वीट करके कहा था यह किसी अदालत में नहीं टिकेगा. प्यार में जिहाद का कोई स्थान नहीं है और शादी एक निजी फैसला है और उसमें रुकावट डालना व्यक्तिगत आजादी छीनने जैसा है.

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