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खनन पट्टों के लिए जारी मंशा पत्रों की वैधता 13 माह से बढ़ाकर 68 माह की...नदी के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 171 पट्टे निरस्त

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Published : Nov 17, 2021, 4:35 PM IST

ACS Mines Subodh Agarwal ,illegal gravel mining in rajasthan
खनन पट्टों के लिए जारी मंशा पत्रों की वैधता 13 माह से बढ़ाकर 68 माह की

राजस्थान सरकार ने खनिज पट्टों के लिए जारी मंशा पत्रों की वैधता को 13 माह के स्थान पर 68 माह कर दिया है. साथ ही नदी के 5 किलोमीटर की परिधि में आने वाले खातेदारी भूमि में स्वीकृत बजरी खनन के सभी 171 पट्टे निरस्त कर दिए गए हैं.

जयपुर. राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर खनिज पट्टों के लिए जारी मंशा पत्रों की वैधता को 13 माह के स्थान पर 68 माह कर दिया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि इससे देवली, राजसमंद, नाथद्वारा में बजरी मंशा पत्रों की वैधता की राह प्रशस्त हो गई है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार बजरी की शेष लीजों की पर्यावरण स्वीकृति मिलने के साथ ही खनन पट्टे जारी कर खनन कार्य आरंभ करवाया जा सकेगा.

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने वर्तमान परिस्थितियों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के परिपेक्ष में जनहित में राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 2017 के नियम 5(4) में संशोधन कर वैधता अवधि को 68 माह कर दिया है. उन्होंने बताया कि इससे नियम 1986 के तहत जारी मंशा पत्रों की बैधता 1 नवंबर 22 तक हो जाएगी. बजरी से संबंधित सभी प्रकरणों की मॉनिटरिंग और समन्वय के लिए अतिरिक्त निदेशक बीएस सोढ़ा को प्रभारी बनाया गया है. डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के क्रम में राज्य सरकार की ओर से केन्द्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को शीघ्र ही ईसी जारी करने के लिए 12 नवंबर को पत्र लिखा है.

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उन्होंने बताया कि इनकी ईसी प्राप्त होते ही खनन पट्टे जारी कर बजरी खनन आरंभ करवाया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना में विभाग की ओर से नदी के 5 किलोमीटर की परिधि में आने वाले खातेदारी भूमि में स्वीकृत बजरी खनन के सभी 171 पट्टे निरस्त कर दिए गए हैं. साथ ही ई-रवन्ना बंद कर दिया है. उन्होंने बताया कि अब इन खनन पट्टा क्षेत्रों में किसी प्रकार का खनन नहीं हो सकेगा व बजरी खनन पाए जाने पर उसे अवैध खनन मानते हुए कार्रवाई की जाएगी.

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