ETV Bharat / city

Congress Political Crisis: अब अवाना बोले- इस्तीफा सौंप नहीं की अनुशासनहीनता, आलाकमान को दी सलाह!

author img

By

Published : Sep 28, 2022, 12:04 PM IST

बसपा से कांग्रेस में शामिल 6 विधायकों में से एक जोगिंदर सिंह अवाना ने इस्तीफा प्रकरण को Justify किया है (Jogindra Awana advises High Command). साथ ही जोर देकर कहा है कि आलाकमान इसे अनुशासनहीनता न मानकर गहनता से विचार करे, विधायकों की भावनाओं का सम्मान करे नहीं तो आगे चलकर नुकसान झेलना पड़ सकता है.

Jogindra Awana Supports Cm Gehlot
जोगिंदर सिंह अवाना

जयपुर. राजस्थान में चल रहे सियासी संकट पार्ट 2 में बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए उन छह विधायकों का भी अहम रोल है जो कभी गहलोत, कभी पायलट तो कभी दोनों नेताओं में अदला-बदली करते रहते हैं. हालांकि बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों में से 2 विधायक जोगिंदर अवाना और दीपचंद खेरिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ही साथ रहे हैं. मंत्री राजेंद्र गुढ़ा पाला बदल कर सचिन पायलट खेमे में शामिल चुके हैं बाकी 3 विधायक संदीप यादव, वाजिब अली और लाखन मीणा कभी गहलोत तो कभी पायलट खेमे में शामिल हो जाते हैं.

नहीं की अनुशासनहीनता: एक ओर, अनुशासनहीनता के चलते मंत्री शांति धारीवाल और मंत्री महेश जोशी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है. वहीं दूसरी ओर लगातार गहलोत के साथ ही रहे बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक जोगिंदर अवाना ने विधायक दल की बैठक में जाने की जगह स्पीकर के पास जाकर इस्तीफा देने को अनुशासनहीनता नहीं माना है (Jogindra Awana advises High Command). उन्होंने कहा कि परिवार में अपनी बात कहना अनुशासनहीनता नहीं होती. क्या परिवार में पिता के सामने या बड़े भाई के सामने कोई बात कहना अनुशासनहीनता होती है? ये विधायकों की भावना थी जो हाईकमान के सामने विधायकों ने पहुंचाई, अब आलाकमान को भी सही समय पर निर्णय लेना होगा, अगर ऐसा नहीं हुआ तो इसका मैसेज गलत जाएगा.

अवाना बोले- इस्तीफा सौंप नहीं की अनुशासनहीनता

अवाना ने कहा वैसे भी हम कांग्रेस के विधायकों के चलते ही सरकार बची है. हम विधानसभा में कांग्रेस सदस्य हैं तो आलाकमान को हमारी बात सुनकर उस पर गंभीरता से निर्णय लेना होगा (Jogindra Awana on Resignation Row). निर्णय कांग्रेस पार्टी के हितों के साथ ही जनता के हितों वाला होना चाहिए.

जल्दबाजी में बुलाई विधायक दल की बैठक: विधायक जोगिंदर अवाना ने कहा कि कांग्रेस का आलाकमान जो भी नाम तय करेगा हमें उसमें कोई ऑब्जेक्शन नहीं लेकिन कम से कम आलाकमान तक जो भी विधायकों की भावना पहुंचाई है उस पर चर्चा तो हो. उन्होंने कांग्रेस विधायक दल की बैठक जल्दबाजी में बुलाने पर भी एतराज जताया. इसके लिए मजबूरियां गिनाई. बोले- शनिवार और रविवार को विधायक अपने क्षेत्र में रहते हैं. शनिवार को रात 11 बजे अचानक ये संदेश आता है कि रविवार शाम 7 बजे बैठक है. जबकि राजस्थान में कई विधायकों को 700-800 किलोमीटर दूर से आना पड़ता है. यही कारण था कि सब लोग आ भी नहीं पाए.

पढ़ें-दिव्या मदेरणा ने धारीवाल को मिले नोटिस पर जताया ऐतराज, याद दिलाई वो बात!

हम 6 न होते तो बचती नहीं सरकार: विधायक जोगिंदर अवाना ने कहा कि हम 6 बसपा के विधायकों ने उस समय कांग्रेस का साथ दिया, यही कारण था कि कांग्रेस की सरकार बची. हम लोग भले ही बसपा से जीत कर आए लेकिन हमारी पूरी आस्था कांग्रेस पार्टी और अशोक गहलोत में रही. गहलोत ने भी हमारे विधानसभा क्षेत्र में इतना दिया कि जो काम 50 साल में होता 3 साल में हमारे क्षेत्र में हुआ. जब हमने कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन किया तो सभी बातों को सोच समझकर किया.

समस्याएं निपटा लें नहीं तो होगा नुकसान: अवाना ने हाईकमान को एक सलाह भी दी है. उन्हें आशा है कि उनकी सलाह पर काम हुआ तो सब कुछ दुरुस्त होगा. उन्होंने कहा- हमें उम्मीद है कि आलाकमान सही समय पर मिल बैठकर सभी समस्याएं दूर कर देगा. राजस्थान में चुनाव में 1 साल का समय बचा है और अगर इसी तरह टांग खिंचाई में लगे रहेंगे तो चुनाव में नुकसान होगा.

ये भी पढ़ें-Rajasthan Political Crisis : गहलोत के करीबी जोशी, धारीवाल व राठौड़ को दिया नोटिस...10 दिन में मांगा जवाब

पढ़ें. Rajasthan crisis : पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट में गहलोत को 'क्लीन' चिट, तीन विधायकों पर कार्रवाई

अल्पमत में होगी सरकार!: विधायक जोगिंदर अवाना से जब ये पूछा गया कि क्या कांग्रेस की सरकार अल्पमत में है? तो उन्होंने कहा की हमने इस्तीफे के रूप में हमारी भावना कांग्रेस आलाकमान के सामने रखी है. अब कांग्रेस आलाकमान से हमें उम्मीद है कि वह हमारी भावना को समझते हुए सही निर्णय लेगा, लेकिन अगर इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सरकार खुद ही अल्पमत में आ जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.