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बुद्धिजीवी वर्ग की अपील : राजस्थान में कांग्रेस की रैली और अमित शाह की सभा रद्द हो

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Published : Dec 3, 2021, 4:27 PM IST

Updated : Dec 3, 2021, 9:56 PM IST

Congress rally in Jaipur, Amit Shah Jaipur tour
राजस्थान में कांग्रेस की रैली और अमित शाह की सभा

राजस्थान में कोरोना का नए वेरिएंट ओमीक्रोन (Omicron new variant of Corona in Rajasthan ) आ चुका है. नया वेरिएंट ओमीक्रोन बहुत तेजी से फैलता है. इस खतरे के बावजूद राजस्थान में 12 दिसंबर को कांग्रेस की जयपुर में रैली (Congress rally in Jaipur ) है. इसमें करीब 2 लाख लोगों के जुटने की संभावना है. वहीं 5 दिसंबर को अमित शाह का जयपुर दौरा (Amit Shah Jaipur tour) भी है. इस कार्यक्रम में करीब 40 हजार लोग इकट्ठा होंगे और करीब 5 हजार लोग एयरपोर्ट के बाहर स्वागत के लिए खड़े रहेंगे.

जयपुर. कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) चलने संभावनएं और OMICRON का खतरा राजस्थान पर मंडरा रहा है. कोविड के खतरे के बीच राजस्थान में कांग्रेस की रैली और जयपुर में अमित शाह की सभा क्या लोगों के जीवन से भी ज्यादा जरूरी है ? इस विषय पर ईटीवी भारत ने अलग-अलग संगठन से लोगों बात की.

राजस्थान में तमाम सामाजिक संगठनों और विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय लोगों का कहना है कि जनता इस वक्त खतरे के मुहाने पर खड़ी है. ऐसे में राजनतिक दलों को आत्मसंज्ञान लेने की आवश्यकता है. निहीत स्वार्थों के लिए जनता को बलि का बकरा नहीं बनाया जाना चाहिए. राजस्थान में कांग्रेस भाजपा की रैली के जरिये कोरोना की तीसरी लहर को बढ़ावा मिल सकता है. आइये जानते हैं किसने क्या कहा..

कांग्रेस भाजपा से भीड़ न जुटाने की अपील

ओमीक्रोन से सजग रहने की दरकार- अनुपमा सोनी

राजस्थान सरकार में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड ऐम्बैसडर रही मिसेज एशिया इंटरनेशनल डॉ अनुपमा सोनी कहती हैं कि ओमीक्रोन (OMICRON) को लेकर हमें बहुत ज्यादा सजग होने की जरूरत है. चिंता की बात ये है कि खतरे के इसी दौर में राजस्थान में राजनीतिक पार्टियां चुनावी रैलियां और सभाएं करने की तैयारी कर रही हैं. एक तरफ सरकार सोशल डिस्टेंसिंग रखने, भीड़ से बचने, मास्क लगाने की बात करती है, दूसरी तरफ रैली का आयोजन करती है. रैली में कई राज्यों से लोग आएंगे, लिहाजा इसमें खतरा है.

दूसरी तरफ जयपुर में भाजपा की मीटिंग में 40 हजार लोगों के शामिल होने के दावे किये जा रहे हैं. बसपा भी रैली करने वाली है. डॉ अनुपमा ने कहा कि ओमीक्रोन के खतरे के बीच इस तरह की राजनीतिक सभाएं और बैठक किया गया तो आम जनता का क्या होगा ? सरकार की कथनी और करनी में फर्क क्यों है. एक तक सरकार चाहती है कि हॉस्पिटल में कम से कम लोग पहुंचें, दूसरी तरफ सरकार खुद ही अपने आदेशों का मखौल उड़ा रही है.

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उन्होंने कहा कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के पास क्या राजनीति करने का कोई और वक्त नहीं है ? सरकार इस रैली को टाल नहीं सकती ? अगर लोग नहीं रहेंगे तो वोट कौन डालेगा. सरकार और भाजपा दोनों से अपील है कि वे इन रैली, सभाओं और बैठकों को निरस्त कर दें.

दिल्ली में अनुमति नहीं तो राजस्थान में रैली- लता सिंह

सामाजिक कार्यकर्ता लता सिंह कहती हैं कि कांग्रेस को जब दिल्ली में रैली करने की अनुमति नहीं मिली तो वह राजस्थान में रैली कर रही है. क्योंकि यहां कांग्रेस की सरकार है. सरकार को समझना होगा कि कोरोना संक्रमण का नया वेरिएंट खतरनाक है. ऐसे में बड़ी तादाद में लोगों को इकट्ठा करना उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है. सरकार को इस रैली को निरस्त करना चाहिए. क्योंकि यह संभव नहीं है कि रैली में आने वाले सभी लोग 2 गज की दूरी का पालन करेंगे. लता सिंह का कहना है कि संक्रमण फैलता है तो स्कूल कॉलेज बंद कर दिये जाते हैं. लेकिन क्या सरकार की इन रैलियों और सभाओं से कोरोना संक्रमण नहीं फैलता ?

राजनीतिक लाभ का विचार छोड़ें दल- विजय गोयल

बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता विजय गोयल कहते हैं कि राजनीतिक रैलियां इस बात का संकेत हैं कि पांच राज्यों में चुनाव को लेकर राजनीतिक दल जुट गए हैं. सरकार को सोचना चाहिए कि यह वक्त राजनीतिक लाभ लेने का नहीं है. इस समय आम लोगों और बच्चों की चिंता करने की जरूरत है. नए वेरिएंट से बच्चों पर असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि संक्रमण रोकने के लिए बच्चों के स्कूल में बंद हो सकते हैं, खेल ग्राउंड बंद हो सकते हैं, बच्चे घरों में कैद हो सकते हैं. लेकिन राजनीतिक सभाएं और रैलियां निरस्त नहीं हो सकती, यह बिल्कुल गलत बात है. बीजेपी कांग्रेस को ये सभा और मीटिंग रद्द करनी चाहिए.

रैली सभा से बढ़ेगा कोरोना का खतरा- संजीव गुप्ता

रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी संजीव गुप्ता का कहना है कि संक्रमण फैलने की स्थिति में सरकार इतनी बड़ी तादाद में लोगों को जुटाकर रैली कैसे कर सकती है ? इससे कोरोना का खतरा लगातार बढ़ेगा. अगर रैली जरूरी है तो इसे आगे के लिए स्थगित किया जा सकता है. इस तरह से रैलियों में प्रोटोकॉल की पालना नहीं करा सकते. राजस्थान में हाल ही नए वेरिएंट के मामले सामने आए हैं, इसे देखते हुए रैली को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाना चाहिए. बीजेपी को भी अपनी सभा स्थगित कर देनी चाहिए. रैली के जरिये कोरोना हजारों लोगों में फैल सकता है.

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सोशल प्लेटफार्म पर हो सकती है रैली - असित वाजपेयी

उद्यमी असित वाजपेयी का कहना है कि कोरोना के न्यू वेरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं. साउथ अफ्रीका से जयपुर आए तीन चार लोग संदिग्ध हैं. यह खतरे की बात है. नया वेरिएंट तेजी से फैलता है. पॉलिटिकल रैली में डिसिप्लिन की उम्मीद नहीं जा सकती. समझदारी इसी में होगी की सरकार रैली को स्थगित कर दे. जरूरी है तो सोशल मीडिया के जरिए हो ऑनलाइन रैली की जा सकती है. सरकार दूसरे राज्यों के लोगों को बुलाकर राजस्थान की जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ न करे.

अपने फायदे के लिए लोगों को संकट में न डालें नेता- अपर्णा वाजपेयी

राजस्थानी फिल्मों की अभिनेत्री अपर्णा वाजपेयी ने कहा कि अपने राजनीतिक लाभ के लिए राजनीतिक दल इस तरह की रैलियों का आयोजन कर रहे हैं. अपने स्वार्थ के लिये सरकार और राजनीतिक दलों को लोगों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए. राज्य की कांग्रेस सरकार खुद गाइडलाइन जारी कर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने की बात करती है, लेकिन खुद इतना बड़ा आयोजन करने जा रही है, जिसमें 2 लाख लोगों के एकत्रित होने का दावा किया जा रहा है. इससे हजारों लोग संक्रमित हो सकते हैं.

कब है रैली और सभा

कांग्रेस की महंगाई हटाओ रैली राजस्थान में 12 दिसंबर को आयोजित होने वाली है. इसमें पूरे देश से 2 लाख लोगों के आने की संभावना है. पहले यह रैली दिल्ली में होनी थी. लेकिन अनुमति नहीं मिलने के कारण महंगाई हटाओ रैली जयपुर में आयोजित की जा रही है. उधर, 4-5 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बाड़मेर और जयपुर के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान भाजपा भी 40 हजार लोगों के जुटने का दावा कर रही है. जबकि राजस्थान में ओमीक्रोन के संदिग्ध पाए जाने के बाद इन रैलियों और सभाओं पर सवाल उठने लगे हैं.

Last Updated :Dec 3, 2021, 9:56 PM IST
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