ETV Bharat / city

रोजगार नहीं है...कुछ है तो सिर्फ आंखों में आंसू और घर लौटने का इंतजार...इसमें भी e-Ticket बना दीवार

author img

By

Published : May 24, 2020, 1:08 PM IST

लॉकडाउन के दौरान सरकार की ओर से निर्धारित मार्गों पर शनिवार से रोडवेज बस सेवा शुरू तो की गई, लेकिन गाइडलाइन के मुताबिक ऑनलाइन बुकिंग इन लोगों के लिए सरदर्द बन गई. बता दें कि इक्का-दुक्का पैसेंजर ही ऐसे थे जो अपना टिकट ऑनलाइन बुक करा पाए. जबकि एक बड़ी संख्या ऐसे लोगों की थी जिन्हें या तो सर्वर फेल्ड की शिकायत थी या जो ऑनलाइन टिकट बुक कराना ही नहीं जानते थे

ट्रांसपोर्ट नगर बस स्टैंड, Jaipur News,  Rajasthan Roadways
ई-टिकट बन रहा दीवार

जयपुर. महीनों से अपने परिवार से दूर रह रहे लोगों के लिए राजस्थान रोडवेज उम्मीद की नई किरण बनी. लेकिन ये किरण ऑनलाइन बुकिंग के अंधेरे में खोती दिखी. लोग सर्वर की समस्या और जानकारी के अभाव से जूझते मिले. जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर बस स्टैंड पर दोपहर में अलवर और करौली जाने वाली बसों के लिए ऐसे कई पैसेंजर थे, जिनका टिकट बुक ही नहीं हो सका. यही वजह रही कि आज भी कोई पिता अपने बच्चों से, तो कोई बच्चा अपने माता-पिता से नहीं मिल सका.

ई-टिकट बन रहा दीवार

लॉकडाउन के दौरान सरकार की ओर से निर्धारित मार्गों पर शनिवार से रोडवेज बस सेवा शुरू तो की गई, लेकिन गाइडलाइन के मुताबिक ऑनलाइन बुकिंग इन लोगों के लिए सिरदर्द बन गई. दरअसल, राजस्थान रोडवेज बस सेवा सीट क्षमता के आधे यात्री सवार होनेे, मास्क अनिवार्यता, बस को रास्ते में नहीं रोकने, यात्री और बस सैनेटाइज होने की शर्तोंं के शुरू हुई. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए 30 सीट ही यात्रियों के लिए आरक्षित की गई और टिकट बुकिंग की व्यवस्था ऑनलाइन की गई.

एक-दो पैसेंजर ही ऑनलाइन टिकट बुक करा पाए...

जानकारी के अनुसार इक्का-दुक्का पैसेंजर ही ऐसे थे जो अपना टिकट ऑनलाइन बुक करा पाए. जबकि एक बड़ी संख्या ऐसे लोगों की थी जिन्हें या तो सर्वर फेल्ड की शिकायत थी या जो ऑनलाइन टिकट बुक कराना ही नहीं जानते थे. ईटीवी भारत जब मौके पर पहुंचा तो यहां रोहित और पुष्पेंद्र ने बताया कि अपने गृह जिले से दूर राजधानी में कमाने के लिए आए. लेकिन अब खाने के भी लाले पड़ रहे हैं. सुबह 7:00 बजे टिकट बुकिंग की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी और अब तो भूख से हाल बेहाल हो रहे हैं.

पढ़ें-लॉकडाउन में डिग्रीधारियों के सामने रोजगार का संकट, वेतन नहीं मिली तो मनरेगा में शुरू की मजदूरी

वहीं, कॉलेज में पढ़ने वाला छात्र राजेश ने बताया कि इस लॉकडाउन में परिवार वालों से गुजर-बसर के लिए अकाउंट में पैसे तो आ गए, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई. बार-बार टिकट बुकिंग की कोशिश करने के बाद देर रात सफलता हाथ लगी और अब वो अपने परिजनों से मिल पाएंगे.

टिकट के लिए पैसे भी उधार लेकर आए...

घर लौटने वालों की इस कतार में संतोष नाम के एक बुजुर्ग भी मौजूद थे, जो होली के दौरान परिवार पालने के लिए जयपुर मजदूरी के लिए आए. लेकिन कुछ दिनों बाद ही लगे लॉकडाउन ने उन्हें उधार की जिंदगी जीने पर मजबूर कर दिया और अब घर जाने के लिए भी टिकट के लिए पैसे उधार लेकर आए, लेकिन टिकट ही नहीं मिल पा रही.

रोहित जैसा युवा हो या संतोष जैसा बुजुर्ग दोनों की स्थिति लगभग एक समान है, जो ई-टिकट बुक नहीं होने के बाद ट्रांसपोर्ट नगर बस स्टैंड तो पहुंचे. लेकिन अपने घर नहीं जा सके. लॉक डाउन में आज ना उनके हाथ में रोजगार है, ना खाने के लिए भोजन, है तो सिर्फ आंखों में आंसू और घर लौटने का इंतजार.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.