जयपुर. राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शुक्रवार सुबह एक पैंथर की मौत हो गई. यह पैंथर गुरुवार (Panther Died in Nahargarh Biological Park) को आमेर की अचरोल गांव से रेस्क्यू करके लाया गया था. पैंथर ने गुरुवार सुबह अचरोल गांव में 5 लोगों को घायल कर दिया था, जिसके बाद वन विभाग की टीम ने उसे ट्रेंकुलाइज करके नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर लाया था. पैंथर का नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर में इलाज किया जा रहा था, जिसकी आज मौत हो गई.
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार सुबह वन विभाग के कर्मचारियों ने पैंथर को देखा तो वह पिंजरे में मरा हुआ मिला. इसके बाद विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई. पैंथर के शव का पोस्टमार्टम करने के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है. पोस्टमार्टम करने के बाद पैंथर के शव का अंतिम संस्कार नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर में किया जाएगा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह सामने आ पाएगी.
4 घंटे तक मचाया उत्पात: आमेर के अचरोल गांव में गुरुवार सुबह एक पैंथर के आबादी क्षेत्र में घुसने से दहशत का माहौल बन गया. पैंथर ने करीब 4 घंटे गांव में तांडव मचाते हुए 5 लोगों को घायल कर दिया. गुरुवार सुबह पैंथर ने गांव में सो रहे लोगों पर हमला कर दिया जिसमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. इसके बाद वह निर्माणाधीन अपेक्स यूनिवर्सिटी में घुस गया, जहां उसने चौकीदार समेत दो लोगों को घायल कर दिया था. काफी देर तक पर पेंथर गांव की आबादी वाले क्षेत्र में दौड़ता रहा.
इस दौरान पूरे गांव में दहशत का माहौल बन गया. वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पैंथर (Panther rescued from Amber died in Jaipur) की तलाश शुरू की. पैंथर निर्माणाधीन यूनिवर्सिटी परिसर में छुपा हुआ था. 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पैंथर का रेस्क्यू कर उसे नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर लाया गया था. पैंथर को भी भागदौड़ में चोटें आई थी, जिसका इलाज चल रहा है.
पढे़ं. Nahargarh Biological Park : इकलौते सफेद बाघ चीनू की मौत, एक सप्ताह से था बीमार
10 जुलाई को सफेद बाघ चीनू की हुई थी मौत: वहीं कई दिनों से बीमार चल रहा नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क का इकलौता सफेद बाघ चीनू 10 जुलाई को दुनिया को अलविदा कह गया था. सफेद बाघ चीनू एक सप्ताह से बीमार था, जिसके कारण उसने खाना-पीना भी छोड़ दिया था. बाघ चीनू ने रविवार दोपहर को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में अंतिम सांस ली थी. 17 मार्च 2021 को सफेद बाघ चीनू को उड़ीसा के नंदनकानन चिड़ियाघर से जयपुर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया था.