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Online Fraud case: कार्ड स्वैप मशीन के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, दो शातिर बदमाश गिरफ्तार

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Published : May 25, 2022, 7:44 PM IST

Online fraud via card swap machine in Jaipur, accused arrested
कार्ड स्वैप मशीन के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, दो शातिर बदमाश गिरफ्तार

जयपुर में गारमेंट व्यवसायी से कार्ड स्वैप मशीन उपलब्ध करवाने के नाम पर ठगी के मामले में पुलिस ने गिरोह के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया (Accused arrested in online fraud in Jaipur) है. आरोपी झांसा देकर आधार और पैन कार्ड का दुरुपयोग कर क्रेडिट कार्ड बनाते थे. इसके बाद कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर नगदी निकालते थे. इस तरह ठगी के लिए आरोपी ई-मित्र संचालक की मदद लेते थे.

जयपुर. राजधानी में व्यापारी को कार्ड स्वैप जूपोश मशीन उपलब्ध करवाने के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हो गया (Online fraud via card swap machine in Jaipur) है. शहर की कोतवाली थाना पुलिस और साइबर क्राइम यूनिट नॉर्थ ने इस गिरोह का खुलासा कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख के मुताबिक गारमेंट व्यवसायी ने मामला दर्ज कराया था कि उनकी दुकान पर आए दो युवकों ने खुद को भारत जूपोश कम्पनी के प्रतिनिधि बताया और कार्ड स्वैप मशीन देने की बात कही. झांसे में लेकर युवकों ने पीड़ित के मोबाइल पर जूपोश का एप इंस्टाल करवाया और पैन कार्ड, आधार कार्ड की जानकारी ली. इसके बाद पीड़ित के पते पर बैंक का क्रेडिट कार्ड मिला, जिसमें 70 हजार रुपए लिमिट थी, लेकिन इसका ट्रांजिक्शन पहले ही कर लिया गया था.

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पीड़ित की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी उत्तम सिंह और नरेश कुमार को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में सामने आया है कि लोगों से ठगी करने के लिए आरोपी प्रशांत सिंह, अमित सिंह, उत्तम सिंह और नरेश शर्मा ने एक गिरोह बना रखा है. उत्तम सिंह और अमित सिंह शहर में दुकानदारों को झांसे में लेकर उनके मोबाइल में जूपोश एप डाउनलोड कर उनके पैन और आधार कार्ड की जानकारी लेकर प्रशान्त को उपलब्ध करवाते थे. शातिर उत्तम और अमित ने जूपोश की फर्जी आईडी बना रखी थी, जिसे दिखाकर लोगों को झांसे में लेते थे.

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इस दौरान दुकानदार के मोबाइल पर आए ओटीपी नम्बर हासिल कर अपने साथी प्रशान्त सिंह को भेज देते. प्रशांत इनके जरिए बैंक का क्रेडिट कार्ड आनलाइन जारी करवा फर्जी सिम नम्बर एन्टर कर देता. फर्जी सिम को क्रेडिट कार्ड में उपयोग कर केस लिमिट के रूपए ई-मित्र संचालक नरेश शर्मा के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर निकाल लेते थे. पुलिस इन आरोपियों से पूछताछ कर अन्य साथियों के बारे में जानकारी जुटा रही है.

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