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Exclusive : उपचुनाव में भाजपा की हार का विश्लेषण करना जरूरी - ओम माथुर

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Published : Nov 8, 2021, 3:31 PM IST

Updated : Nov 8, 2021, 4:18 PM IST

भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मौजूदा राज्यसभा सांसद ओम प्रकाश माथुर
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मौजूदा राज्यसभा सांसद ओम प्रकाश माथुर

राजस्थान में धरियावद और वल्लभनगर उपचुनाव (Rajasthan by-election) में भाजपा (BJP) को मिली करारी शिकस्त को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद ओम प्रकाश माथुर (Rajya Sabha MP Om Prakash Mathur) ने कहा है कि हार के कारणों का विश्लेषण किया जाना बहुत जरूरी है. माथुर ने यह भी कहा कि हार को लेकर उनको जो बात कहनी थी वह वे विस्तार से कह चुके हैं. जयपुर आए ओम प्रकाश माथुर (Om Mathur) से ईटीवी भारत ने खास बात की.

जयपुर. भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मौजूदा राज्यसभा सांसद ओम प्रकाश माथुर ने कहा धरियावद और वल्लभनगर (Dhariyavad and Vallabhnagar by-elections) में भाजपा तीसरे और चौथे नंबर पर है. यह गंभीर बात है और प्रदेश इकाई को इस मामले में बैठकर केवल बातें ही नहीं करनी चाहिएं, बल्कि यह देखना चाहिए कि हार के कारण क्या रहे, उसकी डिटेल तक जाना चाहिए.

ओम माथुर ने यह भी कहा कि केंद्रीय नेतृत्व भी इस हार को लेकर गंभीर है और अपने स्तर पर प्रदेश इकाई और केंद्रीय इकाई भी विश्लेषण करेगी, ताकि कमियों को दूर कर आगामी विधानसभा चुनाव (assembly election 2023) में जुटा जा सके.

राज्यसभा सांसद ओम माथुर से खास बातचीत
स्टार प्रचारकों के भरोसे चुनाव नहीं जीते जाते

वल्लभनगर और धरियावद उपचुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में ओम प्रकाश माथुर और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का भी नाम था. लेकिन ये दोनों ही नेता उपचुनाव क्षेत्रों में प्रचार के लिए नहीं आए. यही सवाल जब ओम प्रकाश माथुर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उपचुनाव में हार का ऐसा कोई कारण नहीं होता. स्टार प्रचारक जरूर बनाए जाते हैं लेकिन सिर्फ स्टार प्रचारकों के भरोसे चुनाव नहीं जीते जाते.

माथुर ने कहा कि कई बार दूसरी जगह चुनाव होने और अन्य कामों में व्यस्त होने के कारण भी स्टार प्रचारक (BJP star campaigner) नहीं आ पाते. यदि स्टार प्रचारकों के कारण उपचुनाव में भाजपा का परफॉर्मेंस खराब रहा तो वह भी विश्लेषण का विषय है. माथुर ने कहा स्टार प्रचारकों की सूची में कई नाम तो ऐसे भी होते हैं जो केवल हेड क्वार्टर पर बैठकर ब्रीफिंग करते हैं. माथुर ने कहा कि उपचुनाव में भाजपा की रणनीति में कहां कमी रही, उसका विश्लेषण करके उस कमी को दूर करना जरूरी है और उस काम में पार्टी जुटी भी है.

वसुंधरा के बारे में केंद्रीय नेतृत्व करेगा फैसला

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान वसुंधरा राजे को लेकर भी बात निकली. उपचुनाव हार के बाद पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत (Bhavani Singh Rajawat) और प्रहलाद गुंजल (Prahlad Gunjal) ने वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) को राजस्थान भाजपा की कमान सौंपने और पार्टी में आगे किए जाने से संबंधित बयान दिये थे. माथुर ने साफ तौर पर कहा कि यह राजे समर्थकों के व्यक्तिगत विचार होंगे, मेरे जैसे सीनियर नेता का इन बयानों पर बोलना ठीक नहीं है. किसके चेहरे को आगे रखना है और किसे नहीं, यह भी पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व ही तय करता है.

पढ़ें- बीजेपी की वैट कम करने की मांग, कटारिया ने कहा- गहलोत भी छोड़े अपनी हठधर्मिता वरना बीजेपी सड़कों पर उतरेगी

महंगाई राज्य सरकार की देन

पेट्रोल-डीजल (price of petrol and diesel) और रसोई गैस के बढ़ते दाम (LPG price) का नुकसान क्या भाजपा को उपचुनाव में चुकाना पड़ा. इस सवाल पर माथुर ने कहा कि भाजपा कई सीटों पर उपचुनाव जीती भी है. माथुर ने कहा कि केवल विरोधी दल इसे मुद्दा बनाते हैं. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) पेट्रोल डीजल से वैट (Rajasthan Government VAT) कम क्यों नहीं कर रहे, जबकि पंजाब में कांग्रेस की सरकार है और वहां वैट कम कर दिया गया है.

माथुर ने कहा कि सभी राज्य पेट्रोल और डीजल को जीएसटी (GST) में शामिल करने पर सहमति क्यों नहीं देते हैं. यदि पेट्रोल डीजल जीएसटी (petrol diesel gst) में शामिल हो जाए तो पूरे देश में पेट्रोल डीजल के दाम एक समान रहेंगे. माथुर ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता बिगड़ती कानून व्यवस्था से ध्यान भटकाने के लिए ही इस तरह के मुद्दे खड़े करते हैं. मुख्यमंत्री गहलोत डेढ़ साल तक तो घर से बाहर नहीं निकले, अब इस प्रकार की आलोचना कर रहे हैं. माथुर ने गहलोत को नसीहत दी कि पहले वे अपने घर का कुनबा संभालें.

Last Updated :Nov 8, 2021, 4:18 PM IST
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