PM के रेवड़ी वाले बयान पर गहलोत का पलटवार, कहा- रोजगार और मुफ्त इलाज देना सरकार की जिम्मेदारी

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Published : Sep 9, 2022, 3:23 PM IST

Updated : Sep 9, 2022, 7:15 PM IST

Indira Gandhi Urban Employment Guarantee Scheme

जयपुर में शुक्रवार को इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत की (Gehlot On PM Modi Revdi Remark) गई. इस दौरान सीएम गहलोत ने योजना की तारीफ करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया. साथ ही प्रशासन शहरों के संग अभियान में बेईमानी करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.

जयपुर. मनरेगा की तर्ज पर प्रदेश में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत की गई. जयपुर के संस्थापक राजा जयसिंह की मां की याद में बनी खानिया की बावड़ी से इस योजना का शुभारंभ हुआ. मुख्य कार्यक्रम आदर्श नगर स्थित अंबेडकर भवन में हुआ, जहां सीएम ने महिला श्रमिकों को जॉब कार्ड बांटे. इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेवड़ी बांटने के बयान पर पलटवार करते हुए जनता की सेवा को सरकार की जिम्मेदारी बताया.

उन्होंने कहा कि रेवड़ियां तो जोहरी बाजार में ठेले पर बिकती हैं. यहां जनता को मुफ्त इलाज (Gehlot On PM Modi Revdi Remark) और रोजगार दिया जा रहा है, जो रेवड़ियां नहीं बल्कि सरकार की जिम्मेदारी है. इस दौरान उन्होंने अपील की कि पीएम मोदी देश में प्यार, भाइचारे और विश्वास से रहने की अपील करें. साथ ही हिंसा बर्दाश्त नहीं करने की भी बात कहें. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि ऐसा कहने में पीएम को दिक्कत क्या है?

सुनिए सीएम गहलोत ने क्या कहा...

बेहतर योजना लांच करने का दावा : इस दौरान उन्होंने प्रशासन शहरों के संग अभियान में बेईमानी करने (MGNREGA like urban job) वाले अधिकारी-कर्मचारियों की सूची तैयार कर उन्हें निलंबित और बर्खास्त करने की चेतावनी भी दी. साथ ही इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना को लेकर कई राज्यों की स्कीम की स्टडी कर उससे बेहतर योजना लांच किए जाने का दावा किया. सीएम गहलोत ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना को ऐतिहासिक काम बताते हुए कहा कि इस योजना की शुरुआत आदर्श नगर विधानसभा से होने के चलते, आज पूरे राजस्थान के 240 नगर पालिकाओं के अंदर आदर्श नगर विधानसभा का नाम चला गया.

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कांग्रेस के शासनकाल में हुए गरीबों के हित में काम : उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच है कि ऐसे फैसले करो (CM Gehlot on PM Modi) जिससे गरीब का भला हो. यही वजह है कि कच्ची बस्तियों को बसाने, उनको नियमन करने, वहां पानी, बिजली, सड़क जैसे काम कांग्रेस के शासनकाल में ही हुए हैं. कच्ची बस्तियों को लेकर कई बार वाद-विवाद भी होता है. लेकिन इक्का-दुक्का दलाली करने वाले या प्लॉट कब्जा करने वालों को छोड़ दें, तो कच्ची बस्तियों में वही बसता है जो मजबूर है. सरकार आने के बाद जो फैसले लिए हैं, उनमें एक अहम फैसला ये है कि जो कच्ची बस्ती नियमन से बच गई है, उनका नियमन किया जाए.

प्रशासन शहरों के संग अभियान में नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका के अधिकारी, चुने हुए बोर्ड, पार्षद गण, मेयर टारगेट बनाकर अपने क्षेत्र में पट्टे लेने के हकदार लोगों को पट्टे दिलवाएं. इसको लेकर कई संशोधन भी किए गए हैं, ताकि किसी को भी पट्टा लेने में तकलीफ न आए. यदि कोई अधिकारी-कर्मचारी बेईमानी कर रहा है, पट्टे नहीं दे रहा है, पट्टे देने में आनाकानी कर रहा है या उसका निजी स्वार्थ है. इन लोगों की पार्षद, मेयर, एमएलए मिलकर सूची बनाएं. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. दोषी पाए जाने पर उन्हें सस्पेंड या उन्हें बर्खास्त भी कर सकते हैं. कांग्रेस नहीं चाहती कि जनता के हितों के कार्य में कोई रोड़ा अटकाए.

श्रमिकों को दिया जॉब कार्ड : खानिया की बावड़ी पर पहुंचे सीएम अशोक गहलोत ने यहां श्रमिकों को रेती हावड़ा हथौड़ी और मरम्मत की दूसरी सामग्री दी. इन श्रमिकों को समारोह में मंच पर जॉब कार्ड दिया गया. यहां जॉब कार्ड लेने वाली एक महिला ने सीएम से कहा कि उनके तीन बच्चे हैं. अब रोजगार में आसानी हो जाएगी. इसे लेकर सीएम ने कहा कि ऐसे परिवार पहली बार घर के बाहर मजदूरी करने निकलेंगे. योजना के तहत परिवार का कोई भी व्यक्ति जो उम्मीद करता है कि उसे अपने परिवार की आमदनी बढ़ानी है, वो इससे जुड़ सकते हैं. ये मजदूरी नहीं इसमें समाज सुधार, पर्यावरण के काम भी शामिल हैं. मरम्मत, हॉर्टिकल्चर, गार्डन मेंटेनेंस, बावड़ी जीर्णोद्धार जैसे काम भी हैं, जिसमें सरकार पैसा भी लगाएगी और फिर ये बावड़ी टूरिस्ट प्लेस भी बन जाएगी.

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कानून बनाकर राइट टू फूड, राइट टू एजुकेशन, राइट इंफॉर्मेशन और नरेगा योजना दी. कानून बनाने का सीधा मतलब है कि सरकार किसी की भी आए इस योजना के तहत काम होता रहेगा. शहरों में नगरीय निकायों की स्थिति अच्छी नहीं है. इसी बहाने नगरीय निकायों में सहायता मिल जाएगी और शहरों में से विकास के कार्य हो जाएंगे. जो नगरीय निकायों के खाते में जाएगा. इससे मैसेज जाएगा कि पार्षद और मेयर काम कर रहे हैं. फिलहाल, इस योजना में 800 करोड़ का बजट रखा गया है और भविष्य में इस योजना में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी.

इस दौरान मंच से सीएम ने चिरंजीवी बीमा योजना और 1 करोड़ 35 लाख महिलाओं को दिए जाने वाले स्मार्टफोन और 3 साल की फ्री इंटरनेट सेवा का भी जिक्र किया. वहीं, उन्होंने महात्मा गांधी राजकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ने वाली दो छात्राओं कांति माथुर और प्रज्ञा पटेल से मुलाकात के दौरान इंग्लिश में हुई बातों का जिक्र करते हुए कहा कि छात्राओं के सामने उनकी इंग्लिश कमजोर थी और छात्राओं की इंग्लिश उनसे अच्छी थी. उन छात्रों से पूछा तो पता लगा कि पहले जिस इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ती थी वहां ₹100000 फीस लगती थी और अब महज ₹1600 लगते हैं. उन्होंने कहा कि बचपन से तो इंग्लिश के खिलाफ थे, लेकिन अब पता लगा कि इंग्लिश के बिना दुनिया में काम नहीं कर सकते. अगर परिवार, जाति, वर्ग को आगे बढ़ना है तो बच्चों को इंग्लिश पढ़ाओ. इसी सोच के साथ राज्य सरकार ने इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू किए और कुछ गांव में तो लॉटरी के आधार पर एडमिशन करने पड़ रहे हैं.

इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ने वाली दो छात्राओं से की बात

इस दौरान उन्होंने पेंशन योजना के बारे में भी बात की. यहां बावड़ी के बाहर सीएम ने स्थानीय लोगों से भी बात की तो एक ने बताया कि पहले वो मजदूरी करते थे. लेकिन अब शरीर साथ नहीं देता है. इसलिए घर बैठे हुए हैं. पूछा कि पेंशन मिल रही है या नहीं तो बताया कि ₹1000 पेंशन मिलती है. ये पेंशन भी पहले ₹500 मिला करती थी और अब कांग्रेस सरकार में ₹1000 हो गया है. उन्होंने पीएम मोदी का नाम लेते हुए कहा कि उन्हें कई बात कहते रहते हैं, लेकिन वो मानते नहीं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 8000 करोड़ पेंशन पर खर्च करती है और राज्य केंद्र सरकार 350 करोड़. ऐसे में केंद्र सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं कि वो पेंशन की राशि को ₹1000 तक बढ़ाए. 1000 राज्य सरकार देगी तो ₹2000 उस वर्ग को मिल पाएगा. इस दौरान उन्होंने इंदिरा रसोई योजना का भी जिक्र किया.

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गहलोत ने कहा कि भारत सरकार की घर-घर नल योजना बड़ी योजना है. इस संबंध में वो आज ही पीएम मोदी को पत्र लिखकर राजस्थान की परिस्थितियों से उन्हें रूबरू कराते हुए लिखेंगे कि यहां यूपी या केरल जैसे इलाके नहीं कि एक गांव खत्म हुआ और दूसरा गांव शुरू हो गया. यहां गांव के बीच में 5-10 किलोमीटर और रेगिस्तानी क्षेत्र बाड़मेर-जैसलमेर में तो 15-20 किलोमीटर का अंतर है. ऐसे में यहां अलग तरीके से योजना बनाते हुए उसी तरह फाइनेंस करें. जल शक्ति मंत्री तो खुद यहां की परिस्थितियों से वाकिफ हैं और वह पीएम को ज्यादा पैरवी भी कर सकते हैं. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी को ईआरसीपी योजना का उनका वादा भी याद दिलाया.

सीएम ने महिलाओं के आने वाले पीरियड्स को लेकर कहा कि इसमें सुरक्षा के मद्देनजर पैड का इस्तेमाल करना होता है, जो ग्रामीण और गरीब महिलाओं के लिए महंगे पड़ते हैं. पूर्ववर्ती सरकार ने पढ़ने वाली छात्राओं के लिए पैड वितरण करने की योजना शुरू की थी. सीएम ने कांग्रेस सरकार ऐसे में राज्य सरकार 800 करोड़ रुपए खर्च कर अब प्रत्येक महिला को महीने में 12 पैड उपलब्ध कराने की योजना की भी जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि आज भी महिलाएं शर्म के मारे कह नहीं पाती. यहां मंच पर भी जॉब कार्ड लेने महिलाएं आई उन्होंने भी घुंघट किया हुआ था, जो यहां के रीति रिवाज है. लेकिन राजस्थान को निरोगी राजस्थान बनाने का सरकार का प्रयास है. जिस तरह राज्य ने राजस्थान में चिरंजीवी योजना लांच की दूसरे राज्य और केंद्र सरकार भी इस तरह की योजना पूरे देश में लागू करवाए. इस दौरान उन्होंने आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र में ही दिल्ली रोड पर जन उपयोगी भवन बनाने की भी घोषणा की. वहीं, मंच से उन्होंने जयपुर की सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों को जिताने की अपील की. इस सभा के दौरान कई बार सीएम अशोक गहलोत की जिंदाबाद के नारे लगाने वाले लोगों को उन्होंने मंच से ही टोका और कहा कि डिस्टर्ब ना करें उनकी बात सुनें.

यहां व्यवस्था तो बहुत की, लेकिन लोगों को भूले बुलाना : मुख्यमंत्री ने इस बार के बजट में शहरी क्षेत्र में लोगों को रोजगार देने के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की घोषणा की थी. जिसका जिला स्तरीय आयोजन आज भीलवाड़ा में हुआ. भीलवाड़ा नगर परिषद के महाराणा प्रताप सभागार में वर्चुअल समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संबोधन किया. इस दौरान नगर परिषद के महाराणा प्रताप सभागार में मात्र 5 से 7 आदमी मौजूद रहे. यानी सीएम की घोषणा को लेकर भी भीलवाड़ा जिला प्रशासन व भीलवाड़ा नगर परिषद गंभीर नहीं दिखा.

Last Updated :Sep 9, 2022, 7:15 PM IST
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