जयपुर. शुभ तिथि पूर्णिमा तिथि रात्रि 12 बजकर 10 मिनट तक तत्पश्चात अषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरम्भ. पूर्णिमा तिथि में मांगलिक कार्य शुभ माने गये हैं. पूर्णिमा तिथि में जन्मे जातक धनवान, बुद्धिवान, साहसी, धर्मपरायण और ऐश्वर्यवान होते हैं.
शुभ नक्षत्र ज्येष्ठा नक्षत्र प्रातः 9 बजकर 11 मिनट तक तत्पश्चात मूल नक्षत्र रहेगा. ज्येष्ठा नक्षत्र में अग्नि, शिल्प, चित्रकारी इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. ज्येष्ठा नक्षत्र गण्डान्त मूल संज्ञक नक्षत्र है, अतः ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे जातकों की 27 दिन बाद पुनः इसी नक्षत्र के दिन मूल शांति करवा लेनी चाहिए. ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक स्वतन्त्र विचारों वाला, कठोर मेहनत करने वाला, क्रोधी स्वाभाव वाला, सुन्दर, साहसी, व्यापार निपुण, धनवान, बुद्धिमान होता है.
पढ़ें- ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें भगवान विष्णु की आराधना, मिलेगा विशेष फल, जानें स्नान-दान का महत्व
चन्द्रमा- सम्पूर्ण दिन धनु राशि में संचार करेगा.
व्रतोत्सव- ज्येष्ठी पूर्णिमा, सत्यपूर्णिमा व्रत, संत कबीर जयंती
राहुकाल- दोपहर 1.30 बजे से 3 बजे तक
दिशाशूल- गुरुवार को दक्षिण दिशा में दिशाशूल रहता है. यात्रा को सफल बनाने लिए घर से दही खा कर निकलें.
आज के शुभ चौघड़िये- सूर्योदय से प्रातः 7.21 मिनट तक शुभ का, प्रातः 10.46 से दोपहर 3.54 मिनट तक चर, लाभ,अमृत का और सायं 5.37 से सूर्यास्त तक शुभ का चौघड़िया