जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे जारी करने की धीमी रफ्तार सरकार को रास नहीं आ रही है. मुख्यमंत्री के दखल के बावजूद प्रदेश के 12 नगरीय निकाय ने तो एक भी पट्टा जारी नहीं किया. ऐसे में इन्हें अब नोटिस दिए गए हैं. वहीं तीसरे चरण में नगरीय निकायों में सर्वाधिक 440 पट्टे उदयपुर की ओर से बांटे गए हैं. जबकि जयपुर का हेरिटेज नगर निगम 383 पट्टे बांटकर तीसरे पायदान पर है. हालांकि निगम की ओर से जारी पट्टों पर महापौर के हस्ताक्षर नहीं होने के सवाल भी उठ रहे हैं. इन सवालों के बीच हेरिटेज निगम ने पट्टे जारी करने की संख्या को बढ़ाने के लिए घर-घर सर्वे करने के लिए वार्ड वाइज 5 कर्मचारियों की डेडीकेट टीम का गठन करने (Heritage Corporation constitutes team for door to door survey) का फैसला लिया है.
प्रशासन शहरों के संग अभियान में ज्यादा से ज्यादा पट्टे जारी करने के लिए हेरिटेज निगम कमिश्नर ने सभी जोन उपायुक्तों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं. उन्होंने अभियान के अंतर्गत पट्टा जारी करने के लिए घर-घर सर्वे के लिए वार्ड वाइज न्यूनतम 5 प्रशिक्षित कर्मचारियों की डेडिकेट टीम का गठन करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सर्वे टीम को सर्वे संबंधी प्रपत्र के बारे में पूरी जानकारी प्रदान कर प्रशिक्षित करने और पात्र परिवार और आवेदक से उचित श्रेणी में आवेदन पत्र भरवाकर कैंप दिवस को निस्तारण कर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. कमिश्नर ने सर्वे का काम 10 अगस्त से पहले पूरा करने के निर्देश देते हुए सर्वे में स्थानीय जन प्रतिनिधि और पार्षदों का सहयोग लेने को कहा है.
विश्राम मीना ने प्रशासन शहरों के संग अभियान में प्रतिबंधित क्षेत्र में उल्लेखित ईकोसेंसटिव जोन के संबंध में स्पष्ट प्रस्ताव बनवाकर निदेशालय को प्रेषित कर मार्ग दर्शन मांगने की बात कही. उन्होंने उपायुक्तों को जोनों में आयोजित वार्ड वाईज कैंपों में प्रतिबंधित क्षेत्रों की सूचना प्रदर्शित कर आवेदकों को जानकारी देने के निर्देश दिए. साथ ही पट्टों का वितरण महापौर, उपमहापौर, स्थानीय विधायक, पार्षद और जनप्रतिनिधि को सूचित कर उनकी उपस्थिति में कराने के निर्देश दिए.
बता दें कि हेरिटेज नगर निगम में पट्टा वितरण को लेकर अनियमितता की शिकायतें भी मिल रही हैं. बताया जा रहा है कि निगम की ओर से जारी किए जा रहे अधिकतर पट्टों पर महापौर के हस्ताक्षर ही नहीं हैं. हालांकि अब स्वायत्त शासन विभाग से एकल हस्ताक्षर को अधिकृत माने जाने के संबंध में मार्गदर्शन मांगा गया है.