जयपुर. केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को लेकर चल रहा गतिरोध शुक्रवार को भी जारी रहा. जहां अब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दिल्ली के जंतर मंतर पर सत्याग्रह आंदोलन किया जाएगा. जिसमें राजस्थान के किसान भी भाग लेंगे. यह जानकारी किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने दी. उन्होंने कहा कि राजस्थान की हर विधानसभा क्षेत्र से कम से कम एक सत्याग्रही इस सत्याग्रह में भाग लेगा.
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रामपाल जाट ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का गारंटी अधिनियम बनाने के लिए दिल्ली के जंतर मंतर पर 13 अप्रैल से सत्याग्रह शुरू किया जाएगा. आंदोलन सत्य, शांति और अहिंसा के आधार पर चलेगा. इसमे प्रार्थना होगी, प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा, उपवास, अनशन, धरना शांतिपूर्ण तरीके से होंगे.
सरकार की संवेदना जगाने और आत्मा को जागृत करने के लिए सफल प्रयास किए जाएंगे. पहले चरण में राजस्थान से 200 विधानसभाओं के औसत एक सत्याग्रही के आधार पर 200 सत्याग्रही दिल्ली पहुंचेंगे. वे वहीं रहेंगे और पड़ाव डालेंगे. इसके लिए 13 और 14 मार्च को एक कार्यशाला जयपुर में संपन्न हो चुकी है. 6 अन्य जगहों पर भी कार्यशाला आयोजित होगी.
सीकर, दूदू, पाली, चित्तौड़, सवाई माधोपुर और भरतपुर में यह कार्यशाला आयोजित होगी, जिसमें सत्याग्रह को प्रशिक्षण दिया जाएगा. कार्यशालाओं से पहले संकल्प पत्र भी भरवाने का काम किया जाएगा. उन्हीं में से सत्याग्रही कार्यशाला में उपस्थित होंगे. इन छह स्थानों पर 33 जिले के सत्याग्रही अपनी भागीदारी करेंगे. इसके ओर से पूरे देश में संदेश दिया जाएगा और सरकार की आत्मा को झकझोर जाएगा. जाट ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से एमएसपी पर खरीद की गारंटी को लेकर जो आंदोलन दूदू से शुरू हुआ, उसके अनुरूप कानून बनाने की मुहिम चलेगी.
उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2011 गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कंज्यूमर अफेयर्स कमेटी के चेयरमैन के रूप में अनुशंसा की थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून किसानों की खुशहाली के लिए आवश्यक है. जाट ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश का किसान एकजुट है और सड़कों पर है. सत्याग्रह आंदोलन के तहत सत्याग्रही अपने शरीर को कष्ट पहुंचाएगा और तप करेगा। दूसरे को किसी भी तरह का कष्ट नहीं पहुंचाएगा.