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EXCLUSIVE : अपने परिवार को भूल फ्रंटलाइन वर्कर्स की भूमिका निभा रहा ये डॉक्टर दंपती

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Published : Jun 21, 2021, 9:17 AM IST

डॉक्टर दंपती से खास बातचीत, Special conversation with doctor couple
डॉक्टर दंपती से खास बातचीत

राजधानी में कोरोना संक्रमण (corona infection) का असर धीरे-धीरे कम होने लगा है. अब औसतन 50 पॉजिटिव मरीज सामने आते हैं. कोरोना संक्रमण पर ये नकेल इसलिए कस सकी, क्योंकि हजारों फ्रंटलाइन वर्कर्स ने अपने परिवार को भूल समाज के हित में काम किया. इन्हीं फ्रंटलाइन वर्कर (frontline worker) में एसएमएस अस्पताल के डॉ. जीवन कांकरिया और ग्रेटर नगर निगम की चीफ हेल्थ ऑफिसर डॉ. रश्मि कांकरिया भी शामिल है. जिन्होंने अपने परिवार से पहले अपनी जिम्मेदारी को प्राथमिकता दी.

जयपुर. कोरोना वायरस (corona virus) की जंग पूरा देश एक साथ लड़ रहा है. इस संक्रमण को रोकने के लिए समाज के हर वर्ग और समुदाय के लोग अपनी-अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं. इस जंग में फ्रंट फुट पर खड़े होकर स्वास्थ्य अमला कोरोना के खिलाफ मोर्चा खोलें हुए है. वहीं निगम प्रशासन जागरूकता से लेकर सैनिटाइजेशन तक हर मोर्चे को डटकर संभाले हुए हैं. इन परिस्थितियों में जयपुर के एक दंपती ऐसा भी हैं, जो इन दोनों विभागों से जुड़कर अपने परिवार को भूल सर्व समाज के लिए काम कर रहा है. हम बात कर रहे हैं, गॉलब्लेडर की सर्जरी (Gallbladder surgery) करते हुए कई गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Record) बना चुके डॉ. जीवन कांकरिया (Dr. Jeevan Kankaria) और उनकी धर्मपत्नी डॉ. रश्मि कांकरिया (Dr. Rashmi Kankaria) की, जो ग्रेटर नगर निगम में बतौर चीफ हेल्थ ऑफिसर (chief health officer) कार्यरत हैं.

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काम और परिवार में संतुलन बैठाने की करते हैं कोशिश

ईटीवी भारत से खास बातचीत में डॉ. रश्मि (Dr. Rashmi Kankaria) ने बताया कि कोरोना काल में हेल्थ सेक्शन का ही सबसे बड़ा रोल है. निगम की ओर से बायोमेडिकल वेस्ट कलेक्ट (biomedical waste collect) करने से लेकर सैनिटाइजेशन का कार्य किया जा रहा है. इसके साथ ही कोरोना जागरूकता के कई कार्यक्रम चल रहे हैं, उन सब को मैनेज करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं, इन दिनों वर्किंग आवर्स बढ़ने के कारण घर के कार्य और परिवार को समय नहीं दे पाते. फिर भी संतुलन बैठाने की कोशिश की जाती है. वहीं डॉ. जीवन ने बताया कि जब दोनों ड्यूटी पर चले जाते हैं, तो बच्चे खुद को अकेला महसूस करते हैं, लेकिन फिर भी जितना भी समय निकल पाता है. उस दौरान बच्चों के साथ समय बिताने की कोशिश रहती है.

डॉक्टर दंपती से खास बातचीत (1)

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सुरक्षित रहने के लिए एहतियात बरतने जरूरी

डॉक्टर दंपती ने बताया कि अस्पताल और ऑफिस में काम करते समय N95 मास्क पहनने के साथ ही हाथों को रेगुलर सैनिटाइज करने का ध्यान रखते हैं. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की भी पालना की जाती है और घर में प्रवेश करने के साथ ही पहले नहाने और कपड़े बदलने का ध्यान रखते हैं. उसके बाद ही बच्चों से मुलाकात करते हैं.

जब तक बहुत जरूरी ना हो घर से ना निकले

फ्रंटलाइन वर्कर (frontline worker) की मजबूरी है कि उन्हें घर से निकलकर अपने कार्यस्थल पर जाकर काम करना पड़ रहा है, लेकिन कुछ लोग घूमने के बहाने घरों से बाहर निकल जाते हैं. डॉ. रश्मि काकड़िया ने कहा कि जब तक बहुत जरूरी न हो घर से न निकले. इसी तरह की गाइडलाइन राज्य सरकार ने भी जारी कर रखी है और यदि घर से निकल रहे हैं, तो मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखें.

डॉक्टर दंपती से खास बातचीत (2)

सबसे बड़ी समस्या है स्ट्रेस

डॉ. जीवन कांकरिया के अनुसार राज्य सरकार की गाइडलाइन को फॉलो करने के साथ-साथ स्ट्रेस को भी खुद से दूर रखना जरूरी है. स्ट्रेस दूर करने के लिए मरीजों और उनके परिजनों के साथ काउंसलिंग भी की जाती है और उन्हें मोटिवेशनल वीडियो भी दिखाए जाते हैं, क्योंकि बीमारी से घबराने के कारण अमूमन मरीज की स्थिति बिगड़ जाती है. यही वजह है कि उन्हें मोटिवेट किया जाता है, और खान-पान पर ध्यान देने की हिदायत भी दी जाती हैं.

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बहरहाल, कांकरिया दंपती और उनके जैसे अन्य परिवारों को ईटीवी भारत सेल्यूट करता है, जो इस महामारी के दौर में बतौर वॉरियर्स काम कर रहे हैं और अपने परिवार को भूल देश और देशवासियों की सेवा में जुटे हुए हैं.

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