जयपुर. देश के कुछ राज्यों में हाल ही में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में एक बार फिर बढ़ोतरी देखने को मिली है. खासकर केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक आदि राज्यों में कोरोना के मरीज बढ़ने की रफ्तार तेज हुई है. वहीं राजस्थान की बात करें तो यहां कोरोना संक्रमण के नए मामलों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है और राजधानी जयपुर में सर्वाधिक मामले कोरोना संक्रमण के दर्ज किए जा रहे (Corona New cases increasing in Rajasthan) हैं. हालांकि पिछले कुछ समय से कुछ ऐसे जिलों में भी संक्रमण के मामले सामने आए हैं जहां लंबे समय से कोई भी संक्रमित मरीज देखने को नहीं मिला है. इसके अलावा प्रदेश में स्वाइन फ्लू और डेंगू के मामलों में भी तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभी हाल ही में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और भारत समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना के मामलों में वापस बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में सीएम गहलोत ने सावधानी बरतने की बात कही थी. कोरोना से जुड़ी प्रदेश की मौजूदा स्थिति की बात करें तो प्रदेश में हर दिन संक्रमण के मामलों में उतार-चढ़ाव दर्ज किया जा रहा है आम तौर पर पहले जहां 25 से 30 मामले संक्रमण के सामने आ रहे थे, तो वहीं पिछले कुछ समय से इनकी संख्या दोगुनी हो चुकी है. पिछले 6 दिन में प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के 291 नए मामले सामने आ चुके हैं.
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कोरोना के नए मामले बढ़ने को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ नरोत्तम शर्मा का कहना है कि निश्चित तौर पर पिछले कुछ समय से संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखने को मिली है और हर दिन लगभग 2,000 से अधिक सैम्पलिंग जयपुर में की जा रही है. बढ़ते संक्रमण के बाद सभी सीएचसी, पीएचसी समेत हर जिला अस्पतालों पर दवाइयों का स्टॉक भी रखने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. उनमें लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं और कुछ मरीजों को ऑक्सीजन की भी आवश्यकता पड़ रही है.
स्वाइन फ्लू और डेंगू का प्रकोप: स्वाइन फ्लू की बात करें तो पिछले 2 महीने में प्रदेश में 90 से ज्यादा स्वाइन फ्लू के मरीज सामने आ चुके हैं और 2 मरीजों की मौत भी हो चुकी है. इनमें सर्वाधिक 70 मामले अकेले जयपुर से दर्ज किए गए हैं. जयपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ नरोत्तम शर्मा ने बताया कि सभी अस्पतालों को निर्देश जारी किए गए हैं कि यदि किसी भी मरीज में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो उसकी तुरंत जांच की जाए. ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. इसके अलावा मानसून से पहले ही प्रदेश में डेंगू के मामलों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. आमतौर पर बारिश के मौसम और इसके बाद डेंगू के मामले सामने आते थे. लेकिन पिछले 5 महीनों की बात करें तो प्रदेश में तकरीबन 400 से अधिक डेंगू के मामले सामने आ चुके है और सर्वाधिक 163 मामले फिलहाल जयपुर से दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा चिकनगुनिया के 49 और मलेरिया के 12 मामले देखने को मिले हैं.