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King of Congress : खड़गे और थरूर के राजस्थान आने पर संशय, कुछ इस तरह कर रहे प्रचार

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Published : Oct 12, 2022, 8:31 PM IST

कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में अब महज 4 दिन का समय बचा है, लेकिन दोनों ही उम्मीदवारों के राजस्थान आने को लेकर अब तक कोई संकेत नहीं मिला है. खड़गे और थरूर वॉइस मैसेज के जरिए ही प्रचार कर रहे हैं. इसके पीछे की वजह प्रदेश में चल रही मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई से उपजे विवाद को माना जा रहा है.
King of Congress
खड़गे और थरूर

जयपुर. 17 अक्टूबर को कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए (Congress President polls Highlights) मतदान होना है. राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर अलग-अलग राज्यों में जाकर अपना प्रचार कर रहे हैं, लेकिन अब तक दोनों नेताओं ने राजस्थान आकर वोट मांगने से दूरी बना रखी है. अब तक क्योंकि राजस्थान कांग्रेस के पास दोनों ही राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों खड़गे या थरूर ने प्रदेश कांग्रेस संगठन को राजस्थान आने को लेकर कोई संकेत भी नहीं दिया है और चुनाव में अब महज 4 दिन का समय बचा है.

ऐसे में दोनों ही नेताओं के राजस्थान आकर वोट मांगने पर (Doubts on Kharge and Tharoor Visit to Rajasthan) संशय है. वैसे भी राजस्थान में 13 अक्टूबर को चुनाव के पीआरओ राजेंद्र कुंपावत चुनाव की तैयारियों को देखने जयपुर आ रहे हैं और वह 14 अक्टूबर तक जयपुर ही रहेंगे. ऐसे में चुनाव पीआरओ की मौजूदगी में दोनों प्रत्याशी राजस्थान नहीं आएंगे.

किसने क्या कहा...

राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर हुए विवाद का असर : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के उम्मीदवार दोनों प्रत्याशी मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के राजस्थान नहीं आने के पीछे, राजस्थान में चल रही मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई के उस विवाद को (Rajasthan Political Crisis) कारण माना जा रहा है, जिसके चलते कांग्रेस आलाकमान के निर्देशों के बावजूद राजस्थान के गहलोत गुट के विधायकों ने न केवल विधायक दल की बैठक का बहिष्कार किया, बल्कि अपने इस्तीफे भी स्पीकर को सौंप दिए. अब क्योंकि इस्तीफे देने वाले ज्यादातर विधायक पीसीसी मेंबर के तौर पर राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए होने वाले मतदान में मतदाता के तौर पर भाग लेंगे.

ऐसे में अगर दोनों में से कोई नेता राजस्थान पहुंचता है तो मतदाताओं के साथ बैठक में कोई न कोई विवाद खड़ा हो सकता है. वैसे भी मल्लिकार्जुन खड़गे तो खुद ही पर्यवेक्षक के तौर पर विधायक दल की बैठक लेने राजस्थान आए थे. इसलिए राजस्थान में हुए विवाद का एक प्रत्यक्ष गवाह तो मल्लिकार्जुन खड़गे खुद हैं. ऐसे में खड़गे यह नहीं चाहेंगे कि उनके चुनाव में किसी तरीके का कोई विवाद खड़ा हो. यही कारण है कि मल्लिकार्जुन खड़गे तो राजस्थान में प्रत्यक्ष तौर पर वोट मांगने नहीं पहुंचेंगे. वहीं, अगर शशि थरूर भी राजस्थान पहुंचते हैं और पीसीसी सदस्य के तौर पर मतदान करने वाले विधायकों से बात करते हैं तो उसमें भी विवाद होने का खतरा है. यही कारण है कि दोनों नेताओं ने अब तक राजस्थान में आने से दूरी बना रखी है और अपने वॉइस मैसेज या चुनाव की कमान संभाल रहे नेताओं से ही वोट मांग रहे हैं.

पढ़ें : राजस्थान कांग्रेस जुटी अब राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में, यहां 414 वोट डलेंगे...जानिए पूरी प्रक्रिया

खड़गे ने बनाया उदयपुर डिक्लेरेशन को प्रमुख जरूरत तो थरूर कर रहे कांग्रेस में बदलाव की बात : मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर प्रत्यक्ष तौर पर मौजूद रहकर राजस्थान में पीसीसी सदस्यों से अपने लिए वोट नहीं मांग रहे हैं. लेकिन राजस्थान के 414 वोटर्स दोनों ही उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण हैं जो राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में हार-जीत में निर्णायक साबित होंगे. ऐसे में दोनों नेता वॉइस मैसेज और अपने ऑफिस के सदस्यों की ओर से फोन करवा कर पीसीसी मेंबर से वोट मांग रहे हैं. वॉइस मैसेज में दोनों प्रत्याशी अपना अपना घोषणा पत्र पीसीसी सदस्यों से साझा कर उसके आधार पर वोट मांग रहे हैं. जहां खड़गे की सबसे महत्वपूर्ण घोषणा उदयपुर डिक्लेरेशन को लागू करना है तो वहीं थरूर कांग्रेस में नए बदलाव की जरूरत की बात कर रहे हैं. हालांकि, दोनों ने ही राजस्थान के कुछ नेताओं को खुद भी फोन कर अपने लिए वोट और समर्थन मांगा है.

Shashi Tharoor on Congress President
शशि थरूर के ट्वीट पर जवाब...

क्या थरूर को मिलेंगे 4 पीसीसी मेंबर एजेंट के रूप में ? : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव में यह माना जा रहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे अघोषित रूप से कांग्रेस आलाकमान यानी गांधी परिवार के उम्मीदवार हैं और दोनों ही उम्मीदवारों को वोटिंग वाले दिन 4-4 एजेंट मतदान करवाने के लिए मिलेंगे. विशेष परिस्थिति नहीं हो तो ये चारों एजेंट पीसीसी के सदस्य ही बनते हैं. लेकिन क्योंकि खड़गे को लेकर कांग्रेस के सदस्यों में चर्चा है कि वही अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे और उन्हीं को ज्यादातर पीसीसी मेंबर वोट देंगे. ऐसे में मल्लिकार्जुन खड़गे को तो 4 पीसीसी मेंबर एजेंट के तौर पर आसानी से मिल जाएंगे, लेकिन शशि थरूर के 4 एजेंट कौन होंगे, इस पर हर किसी की नजर होगी.

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पीसीसी सदस्यों को दिए गए मतदान के लिए बारकोडिंग लगे आइडेंटिटी कार्ड : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए इस बार सभी वोटर्स को आईडी कार्ड उपलब्ध करवाए गए हैं. वोट देने के लिए सभी वोटर्स को यह कार्ड लेकर पीसीसी कार्यालय जाना होगा, जिसे देखकर ही वोटर्स को पीसीसी में प्रवेश दिया जाएगा और यह कार्ड देख कर ही पीआरओ और एजेंट वोटर को वोट देने की परमिशन देंगे. वोटिंग सुबह 10 बजे से 4 बजे तक सीक्रेट बैलेट के जरिए होगी और मतदान के बाद मतपेटियों को लेकर पीआरओ दिल्ली रवाना हो जाएंगे. दिल्ली में ही 19 अक्टूबर को मतगणना होगी. साल 1998 में वोट कर चुके कांग्रेस के पूर्व महासचिव गिरिराज गर्ग ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस के पहली मंजिल पर बने हॉल में वोटिंग करवाई जाती है और जिस रास्ते से वोटर प्रवेश करता है, उसके दूसरे रास्ते से उसे बाहर निकाला जाता है.

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