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तपती गर्मी में वन विभाग की 23 टीमें दिन-रात लग करेंगी वन्यजीव गणना, पैंथर के कुनबे में बढ़ोतरी की उम्मीद - wildlife census 2024

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 23, 2024, 1:09 PM IST

Updated : May 23, 2024, 4:50 PM IST

प्रदेश में वन्यजीव गणना 23 और 24 मई को ​की जाएगी. इसके लिए बांशियाल रिजर्व कंजर्वेशन में 23 टीमें गठित की गई हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि पैंथर सहित अन्य वन्यजीवों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.

wildlife census 2024 in Rajasthan
प्रदेश में वन्यजीव गणना शुरू (ETV Bharat)

वन्यजीव गणना शुरू, कुनबा बढ़ने की उम्मीद (ETV Bharat Khetri)

खेतड़ी (नीमकाथाना). राज्य सरकार के निर्देशानुसार वन्यजीवों की गणना आरंभ की जा रही है. इसके अंतर्गत पैंथर के कुनबे सहित अन्य वन्य जीवों की गणना में 10 से 20 फीसदी का इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है.

सहायक वन संरक्षक विजय कुमार फगेड़िया ने बताया कि राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 23 से 24 मई तक दो दिवसीय वन्यजीव गणना शुरू की जा रही है. इसके लिए बाशिंयाल रिजर्व कंजर्वेशन में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस दौरान आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर वन्यजीवों की गणना की जाएगी. वन्यजीवों की गणना के लिए 23 टीमों का गठन किया गया है. साथ ही 23 वाटर पॉइंट पर वन्यजीवों का मूवमेंट देखने के लिए आधा दर्जन से अधिक कैमरे लगाए गए हैं. रात्रि चेकिंग के लिए रिजर्व पार्टी भी लगाई गई है. पेड़ों पर मचान बनाकर कड़ी सुरक्षा के बीच गणना की जाएगी.

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पैंथरों के कुनबे में हो सकता है इजाफा: बांशियाल रिजर्व कंजर्वेशन में पैंथर का कुनबा दो दर्जन से अधिक बताया जा रहा है. लेकिन इस बार इसमें इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है. कई बार मादा पैंथर को दो नन्हे शावकों के साथ देखा गया है. वहीं कई अन्य वन्यजीव की गणना में भी 10 से 20 फीसदी का इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है.

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अभ्यारण में जंगली सूअर व बीजू नए वन्यजीव: बांशियाल रिजर्व कंजर्वेशन में पैंथर के साथ जंगली बिल्ली, चिंकारा, सियार, मोर, नीलगाय, लोमड़ी, जरख, खरगोश, नेवला, पाटोगा, सांप इत्यादि वन्य जीव हैं. लेकिन कई बार कैमरे की नजर में जंगली सूअर बीजू भी आए हैं, जो इस कंजर्वेशन के लिए नए वन्यजीव है. सहायक वन संरक्षक विजय कुमार ने बताया कि दो प्रजाति जंगली सूअर व बीजू नए पाए गए हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि आगे और भी कई वन्यजीव इस अभ्यारण में छोड़े जाएंगे. इनके लिए अलग से व्यवस्था की जा रही है. गर्मी को देखते हुए पक्षियों के लिए परिंडें भी लगाए जा रहे हैं.

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आधा दर्जन से भी अधिक हैं मुख्य पॉइंट: खेतड़ी अभ्यारण में दो दर्जन से अधिक पैंथर हैं. उनके मूवमेंट के लिए कई वाटर पॉइंट जहां वे अक्सर दिखाई देते हैं, उनकी गणना के लिए वहां कैमरे लगा मचान पर बैठकर वन्यकर्मी उनकी गणना के लिए दिन-रात मेहनत करेंगे. ऐसे वाटर प्वाइंटों में नीमला जोहड़ा, मानसागर, पनोता भेरूजी धाम, रावतों वाली ढाणी तिहाडा, खेतड़ी गणेश मंदिर के पीछे, चिरानी नर्सरी के सामने, मंडाना कुंड आदि पैंथरों की पसंदीदा वाटर पॉइंट हैं. जहां पर वह अक्सर पानी व शिकार की तलाश में आया करते हैं.

23 टीमें दिन-रात करेंगी वन्यजीवों की गणना: फगेडिया ने बताया कि गणना के लिए 23 टीमों का गठन किया है. जिसमें प्रत्येक टीम में दो सदस्य होंगे व 6 महिला वनकर्मी भी दिन-रात कंधे से कंधा मिलाकर वन्यजीव गणना में अपना योगदान देंगी. फगेडिया ने बताया कि 23 मई गुरुवार सुबह 8 बजे से वन्यजीवों की गणना प्रारंभ होगी. गणना का काम 24 मई को सुबह 8 बजे तक पूरी कर ली जाएगी. इसके लिए विशेष आधा दर्जन से अधिक कैमरा की व्यवस्था की गई है.

इसलिए हो पाएगी रात में गणना: पूर्णिमा की रात सबसे लंबी और रोशनी वाली मानी जाती है. बुद्ध पूर्णिमा पर गर्मी के चलते वाटर होल्स में पानी की कमी रहती है, इस कारण दिन व रात में वन्यजीवों की गणना आसान होता है. वन विभाग भी इसी कारण हर साल बुद्ध पूर्णिमा पर 24 घंटे की वन्यजीव गणना करता है. अलवर जिले में बुदध पूर्णिमा पर गुरूवार सुबह 8 बजे से वन्यजीव गणना शुरू हुई. यह गणना शुक्रवार सुबह 8 बजे पूरी होगी. इस दौरान 24 घंटों में वनकर्मी वाटर होल्स के नजदीक मचान बना वाटर होल्स पर पानी पीने के आने वाले वन्यजीवों की गणना कर वन विभाग के अधिकारियों को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे.

24 से अधिक प्रजातियों की होगी गणना: बाघ, जरख, भालू, सियागोश, लकड़बग्घे, भेड़िए, सियार, लोमड़ी, जंगली बिल्ली, लंगूर, जंगली सूअर, नीलगाय, सांभर, चीतल, काला हिरण, चिंकारा, नेवला, बिज्जू की इस दौरान गणना की जाएगी.

पूर्णिमा पर रात रहती है चांदनी: बुद्ध पूर्णिमा की पूरी रात चांदनी रहती है. गर्मी के चलते इन दिनों कुछ ही वाटर हाॅल्स में पानी की मात्रा बचती है. ऐसे में वन्यजीव 24 घंटे में एक बार पानी पीने के लिए इन वाटर हाॅल्स पर जरूर आते हैं. रात के समय भी वन्यजीव वाटर हाॅल्स पर पानी पीने के लिए आते हैं. इस कारण चन्द्रमा की रोशनी में वन्यजीवों की गणना करना आसान रहता है. इसलिए वन विभाग की ओर से बुद्ध पूर्णिमा को वन्यजीव गणना के लिए चुना गया है.

Last Updated : May 23, 2024, 4:50 PM IST
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