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जानें, क्यों मनाया जाता है प्रसूति संबंधी फिस्टुला समाप्ति हेतु अंतरराष्ट्रीय दिवस - Obstetric Fistula

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 23, 2024, 12:59 PM IST

Obstetric Fistula: बड़ी संख्या में दुनिया भर में महिलाएं प्रसूति संबंधी फिस्टुला से पीड़ित हैं. इस बीमारी के कारण कई मृत बच्चों का जन्म होता है. पढ़ें पूरी खबर..

Obstetric Fistula
प्रसूति संबंधी फिस्टुला रोग (प्रतीकात्म चित्र) (Getty Images)

हैदराबाद : प्रसूति संबंधी फिस्टुला समाप्ति हेतु अंतरराष्ट्रीय दिवस (IDEOF ) प्रतिवर्ष 23 मई को मनाया जाता है. प्रसूति संबंधी फिस्टुला जन्म नहर और मूत्राशय या मलाशय के बीच एक छेद है, जो समय पर, उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा उपचार तक पहुंच के बिना लंबे समय तक बाधित प्रसव के कारण होता है. इससे महिलाओं और लड़कियों में मूत्र, मल या दोनों का रिसाव होता है और अक्सर पुरानी चिकित्सा समस्याएं, अवसाद, सामाजिक अलगाव और गरीबी की वजह से बढ़ती है. फिस्टुला से जुड़ी नब्बे प्रतिशत गर्भावस्थाएं मृत बच्चे के जन्म में समाप्त होती हैं.

मातृ स्वास्थ्य के वैश्विक परिदृश्य में हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है, फिर भी प्रसूति संबंधी फिस्टुला का खतरा अभी भी बना हुआ है, खासकर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में हैं, जबकि गर्भावस्था और प्रसव आम तौर पर पहले से कहीं अधिक सुरक्षित हैं. फिर भी हजारों महिलाएं अभी भी सालाना प्रसूति संबंधी फिस्टुला के विनाशकारी परिणामों को सहन करती हैं. लंबे समय तक और बाधित प्रसव के परिणामस्वरूप होने वाली यह प्रसव संबंधी चोट सिर्फ एक चिकित्सीय मुद्दा नहीं है, बल्कि समाज के भीतर व्याप्त प्रणालीगत असमानताओं का प्रतिबिंब है.

प्रसूति संबंधी फिस्टुला समाप्ति हेतु अंतरराष्ट्रीय दिवस के लिए इस वर्ष 'चक्र को तोड़ना: दुनिया भर में फिस्टुला को रोकना', प्रसूति संबंधी फिस्टुला को व्यापक रूप से संबोधित करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है. गुणवत्तापूर्ण मातृ स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच, सामाजिक पुनर्एकीकरण और स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में निरंतर निवेश पर जोर देती है.

प्रसूति संबंधी फिस्टुला से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

  1. दुनिया भर में लगभग पांच लाख महिलाएं और लड़कियां प्रसूति संबंधी फिस्टुला (Obstetric Fistula) के साथ जी रही हैं. हर साल हजारों नए मामले सामने आते हैं.
  2. प्रत्येक मातृ मृत्यु के लिए 20-30 अतिरिक्त महिलाओं को प्रसव संबंधी चोटों (Childbirth Injuries) का अनुभव होता है जो उनके जीवन की गुणवत्ता और कल्याण को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है.
  3. प्रसूति संबंधी फिस्टुला के 9 फीसदी मामलों में मृत बच्चे का जन्म होता है.
  4. पिछले दो दशकों में, यूएनएफपीए ने 140,000 फिस्टुला मरम्मत सर्जरी का समर्थन किया है. 2018 और 2023 के बीच 12,000 से अधिक महिलाओं और लड़कियों को सामाजिक पुनर्एकीकरण (Social Reintegration) समर्थन प्राप्त हुआ.
  5. दाइयां अधिकांश प्रथम-पंक्ति मातृत्व देखभाल प्रदान करती हैं और फिस्टुला व अन्य प्रसव संबंधी चोटों को रोकने में महत्वपूर्ण हैं.
  6. 2021 में, दाइयों की वैश्विक कमी 900,000 होने का अनुमान है, जिनमें से 500,000 की अकेले उप-सहारा अफ्रीका में आवश्यकता है

प्रसूति संबंधी फिस्टुला के प्रमुख प्रकार..

प्रसूति संबंधी फिस्टुला कई प्रकार के होते हैं. सबसे आम प्रकार जन्म नहर (Birth Canal) और मूत्राशय (Bladder) के बीच एक छेद है (Vesicovaginal Fistula) अन्य प्रकारों में शामिल हैं. कुछ फिस्टुला स्त्रीरोग संबंधी प्रक्रियाओं (जैसे हिस्टेरेक्टॉमी) और सिजेरियन सेक्शन के दौरान घटिया स्वास्थ्य देखभाल और अपर्याप्त सर्जिकल कौशल प्रशिक्षण/क्षमता के कारण होते हैं. इन्हें आईट्रोजेनिक फिस्टुला कहा जाता है. अभिघातजन्य फिस्टुला (Traumatic Fistula) यौन हिंसा के कारण होते हैं, विशेषकर संघर्ष क्षेत्रों में; योनि का विनाश युद्ध की चोट माना जाता है.

  1. रेक्टोवाजाइनल फिस्टुला (Rectovaginal Fistula): जन्म नहर और मलाशय के बीच छेद.
  2. यूरेथ्रोवैजिनल फिस्टुला (Urethrovaginal Fistula): जन्म नहर और मूत्रमार्ग के बीच छेद (मूत्राशय से मूत्र को शरीर से बाहर ले जाता है).
  3. यूरेटेरोवैजिनल फिस्टुला (Ureterovaginal Fistula): जन्म नहर मूत्रवाहिनी (मूत्राशय तक मूत्र ले जाने वाली) और जन्म नहर के बीच छेद.
  4. वेसिकौटेराइन फिस्टुला (Vesicouterine Fistula): मूत्राशय और गर्भाशय के बीच छेद.

2030 तक प्रसूति संबंधी फिस्टुला को समाप्त करना
2003 में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) और उसके सहयोगियों ने मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य में सुधार के अंतरराष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप और विकसित देशों की तरह विकासशील देशों में प्रसूति संबंधी फिस्टुला को दुर्लभ बनाने के लक्ष्य के साथ फिस्टुला को समाप्त करने के लिए एक वैश्विक अभियान शुरू किया. 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2030 तक इसे समाप्त करने का प्रस्ताव पारित किया है.

विश्व स्तर पर फिस्टुला को समाप्त करने के लिए मजबूत राजनीतिक नेतृत्व, रणनीतिक और तत्काल हस्तक्षेप, महत्वपूर्ण रूप से बढ़े हुए संसाधनों और सरकारों, भागीदारों, नागरिक समाज, स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं, महिलाओं और समुदायों के बीच मजबूत सहयोग की आवश्यकता है.

प्रसूति संबंधी फिस्टुला को रोका जा सकता है. पहली गर्भावस्था की उम्र में देरी करके इसे काफी हद तक टाला जा सकता है. हानिकारक पारंपरिक प्रथाओं की समाप्ति और प्रसूति देखभाल तक समय पर पहुंच सुनिश्चित करना जरूरी है.

समग्र गर्भावस्था सुरक्षा में सुधार के बावजूद, स्वास्थ्य प्रणालियां और समुदाय सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसके परिणामस्वरूप हर साल हजारों महिलाओं और लड़कियों को प्रसूति संबंधी फिस्टुला जैसी चोटों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन और कोरोनोवायरस रोग (कोविड-19) महामारी से उत्पन्न बाधाएं फिस्टुला के मूल कारणों को बढ़ाती हैं.

इन चुनौतियों से उत्पन्न जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए, अब पहले से कहीं अधिक जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से प्रसूति संबंधी फिस्टुला को समाप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस का उपयोग करने का आह्वान किया जाए ताकि जागरूकता बढ़ाई जा सके और प्रसूति संबंधी फिस्टुला को समाप्त करने की दिशा में कार्रवाई तेज की जा सके, साथ ही सर्जरी के बाद भी इसका पालन करने का आग्रह किया जा सके.

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