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राजस्थान के सियासी संग्राम की गुत्थी सुलझाएगी कांग्रेस की 'तिकड़ी'...गांधी परिवार के हैं नजदीकी

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Published : Aug 17, 2020, 2:07 PM IST

Updated : Aug 17, 2020, 2:25 PM IST

राजस्थान न्यूज, Sachin pilot VS Gehlot
राजस्थान में सियासी घमासान

राजस्थान सियासी संग्राम का देर से ही सही पर सही दिशा में निपटारा करना कांग्रेस आलाकमान ने शुरू कर दिया है. अविनाश पांडे की छुट्टी और अजय माकन की नियुक्ति ये दर्शाती है कि आलाकमान इसको गंभीरता से लेते हुए इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है. इस मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी की नियुक्ति भी हो चुकी है. जिनमें अहमद पटेल, केसी बेणुगोपाल और अजय माकन जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल हैं, जो गांधी परिवार के सबसे नजदीकी माने जाते हैं.

जयपुर. राजस्थान में सियासी महासंग्राम के कारणों को सुलझाने के लिए 3 सदस्य कमेटी के सदस्य कांग्रेस आलाकमान और गांधी परिवार के सबसे नजदीकी हैं. ऐसे में कमेटी से यही उम्मीद की जा रही है कि वह एक तरफा फैसला नहीं सुनाएगी. वहीं, दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि राजनीतिक सरहद पर कांग्रेस के सबसे मजबूत सिपाही को बधाई.

3 सदस्यी कमेटी का गांधी परिवार से खास नजदीकी

राजस्थान में पायलट और गहलोत खेमे के बीच चले सियासी महासंग्राम के बाद अब शांति हो गई है. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे की रवानगी पायलट कैंप के लिए शुरुआती जीत मानी जा रही है. वहीं पायलट कैंप की शिकायतों के बाद बनाई गई ग्रीवेंस कमेटी में जो तीन नेता शामिल किए गए हैं, उनमें अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन को शामिल किया गया है. इन तीनों नेताओं को ही कांग्रेस पार्टी में आलाकमान माना जाता है. गांधी परिवार से तीनों नेता जितने नजदीकी हैं, उतने शायद अभी कोई और नेता नहीं. ऐसे में अगर यह कहा जाए कि कमेटी कोई ऐसी रिपोर्ट दे देगी, जो किसी एक पक्ष की बात रखेगी तो यह कहना बेमानी होगा.

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कमेटी के तीनों सदस्य एक तो रिपोर्ट को कभी सार्वजनिक नहीं करेंगे. इस रिपोर्ट का असर आगे आने वाले निर्णयों में ही दिखाई देगा ना कि सीधे तौर पर क्योंकि तीनों नेताओं की जिम्मेदारी होगी कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी अब तमाम खेमे बंदी से ऊपर उठकर मजबूती से राजस्थान में सरकार चलाए. साथ ही 2023 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी एकता के साथ चुनाव लड़े.

तीनों कमेटी सदस्य माने जाते हैं कांग्रेस आलाकमान और गांधी परिवार के सबसे नजदीकी...

अहमद पटेल: अहमद पटेल सोनिया गांधी के सबसे नजदीकी और विश्वस्त माने जाते हैं. पटेल का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी संबंध हैं. कहा जा रहा है कि जिस तरीके से राजस्थान में सियासी महासंग्राम हुआ, उसके बाद गांधी परिवार के साथ सचिन पायलट की मुलाकात करवाने में उनका अहम योगदान था. ऐसे में अहमद पटेल किसी तरीके का पक्षपात नहीं करेंगे.

केसी वेणुगोपाल: केसी वेणुगोपाल राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं तो इसके साथ ही वह कांग्रेस के संगठन महामंत्री भी हैं. ऐसे में वह खुद ही कांग्रेस के एक आलाकमान है. जिस तरीके से उन्होंने राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक को अपनी सूझबूझ से सुलझाया है और कहा जा रहा है कि उन्हीं की रिपोर्ट का असर था कि सचिन पायलट कैंप की वापस कांग्रेस में जगह बनी है. ऐसे में आगे भी केसी वेणुगोपाल दोनों कैंपों में सामंजस्य कैसे बना रहे, इसे देखने का काम करेंगे.

अजय माकन: राजस्थान में नए प्रभारी बनाए गए अजय माकन राहुल गांधी के नजदीकी माने जाते हैं. चाहे राज्यसभा चुनाव के दौरान 10 दिन के लिए कांग्रेस की बाड़ेबंदी हो या फिर सियासी महासंग्राम के दौरान 1 महीने तक चली बाड़ेबंदी हो, दोनों में ही इन्होंने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. यह लगातार विधायकों के संपर्क में रहे हैं. ऐसे में यह भूमिका निभाने में अब इन्हें ज्यादा तकलीफ नहीं आएगी. वह राजस्थान के सारे सियासी समीकरण समझ भी चुके हैं. वहीं ग्रीवेंस कमेटी में इनका रहना सीधे तौर पर राहुल गांधी का रहना ही माना जा रहा है.

गहलोत और पायलट का धन्यवाद, जिनके साथ रहे सकारात्मक अनुभव : अविनाश पांडे

राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी पद से अपनी विदाई के बाद अविनाश पांडे ने एक बयान जारी किया है. जिसमें उन्होंने राजस्थान के सभी कांग्रेस जनों का उनके प्रदेश प्रभारी के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान किए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है.

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पांडे ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस संगठन के प्रभारी के तौर पर मेरा कार्यकाल संतोषजनक रहा है. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ काम करते हुए अत्यंत सकारात्मक अनुभव रहे. सभी कांग्रेस जनों की एकता के परिणाम स्वरूप 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी. प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की मजबूती के लिए यूथ, वार्ड, ब्लॉक, जिला से लेकर प्रदेश इकाई तक सभी कांग्रेस जनों ने पूरे मनोयोग के साथ काम किया. जिसके लिए मैं सभी का आभार व्यक्त करता हूं.

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दिग्विजय सिंह का ट्वीट

राजनीतिक सरहद पर कांग्रेस के सबसे मजबूत सिपाही को बधाई : दिग्विजय सिंह

सचिन पायलट का विधानसभा में दिया गया वह बयान चर्चाओं में है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह अब सरहद पर बैठे हैं. जहां सबसे मजबूत सिपाही को भेजा जाता है. इस बयान को साझा करते हुए राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि राजनीतिक सरहद पर बैठे कांग्रेस के सबसे मजबूत सिपाही को बधाई हो. उन्होंने इसके आगे लिखा है कि देश को आपसे बहुत उम्मीदें हैं. धैर्य, व्यक्ति की शक्ति है. इसका मतलब साफ है कि अब कांग्रेस के आला नेताओं की ओर से भी अब सचिन पायलट को पूरा सहयोग मिलने लगा है.

Last Updated :Aug 17, 2020, 2:25 PM IST
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