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प्रेमी के संग मिल कर पति की हत्या, कट्टे में डाल कर जंगलों में फेका था पति का शव, दोनों गिरफ्तार

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Published : Apr 11, 2021, 10:55 PM IST

Wife murdered her husband,Murder case in Ajmer
पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिल कर की पति की हत्या

अजमेर में एक व्यक्ति की हत्या करने का मामला सामने आया था. जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच करते हुए व्यक्ति की पत्नी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है.

अजमेर. जिले के मार्बल सिटी किशनगढ़ के सिलोरा रीको क्षेत्र में तीन महीने पहले हुए ब्लाइंड मर्डर का आखिर किशनगढ़ थाना पुलिस ने खुलासा कर दिया. युवक का शव प्लास्टिक के कट्टे में मिला था जिसका शिनाख्ती के अभाव में पुलिस ने अंतिम संस्कार कर दिया था. प्रेमी के साथ मिलकर पत्नी ने पति का कत्ल किया था. दोनों देवास MP के जंगल में झोपड़ी बनाकर रह रहे थे दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हत्या उसकी पत्नी व उसके प्रेमी ने ही मिलकर की. तीन माह पूर्व दोनों ही मृतक की लाश एक कट्टे में डालकर छोड़ गए थे और देवास मध्यप्रदेश के जंगलों में झोपड़ी बनाकर रहने लगे. मृतक की पहचान पोलाला खेडा, भीलवाड़ा निवासी रामस्वरूप उर्फ चांदमल बलाई के रूप में हुई है.जानकारी के अनुसात पत्नी के अवैध संबन्धों की जानकारी होने पर पति ने उसे पीटा और यह पत्नी और उसके प्रेमी को नागवार गुजरा. दोनों मिलकर हत्या को अंजाम दिया. गिरफ्तार आरोपी गुर्जरो का मौहल्ला, पुराना शहर किशनगढ़ निवासी किरण बलाई व कथित प्रेमी बालोदा कोरान पुलिस थाना भाट पचलाना जिला उज्जैन मध्यप्रदेश निवासी अर्जुन भील है.

अजमेर पुलिस अधीक्षक जगदीश चन्द्र शर्मा ने बताया कि 3 जनवरी 2021 को परिवादी भंवरलाल गुर्जर ने पुलिस थाना किशनगढ़ पर रिपोर्ट दी कि उसने मंगलम मिनरल फैक्ट्री किराए पर ले रखी है. सुबह जब मजदूर फैक्ट्री के सामने पड़े पत्थर व मैटेरियल हटा रहे थे, तभी मैटेरियल के अन्दर से बदबू आई. मैटेरियल हटा कर देखा तो एक सफेद प्लास्टिक का कट्टा नजर आया. कट्टे में एक व्यक्ति की लाश थी. इस अज्ञात व्यक्ति को मारकर लाश पत्थरों व मैटेरियल के नीचे छुपाई. इस पर मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की. अज्ञात मृतक व्यक्ति की पहचान के लिए शव को 5 दिन तक रखा गया. शव करीब बीस दिन पुराना हो चुका था और पहचान के लिए प्रयास किया लेकिन पहचान नहीं हो सकी.

ऐसे में लावारिश के रूप में पुलिस की ओर से पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार कराया गया. मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण किशन सिंह और डीएसपी भूपेन्द्र शर्मा के सुपरवीजन में टीम का गठन किया, जिसमें थाना प्रभारी बंशीलाल पाण्डर, एएसआई गोविदराम, कैलाश, पिटु कुमावत, पुखराज, सांवर लाल को शामिल किया. पुलिस के पास मृतक की पहचान के नाम पर कुछ भी नहीं था. ऐसी स्थिति में सबसे बड़ी चुनौती मृतक की पहचान करना था. मंगलम फैक्ट्री में 25 दिसम्बर 2020 की रात्रि को ट्रैक्टर ट्रोली चोरी हो गई थी.

चोरी फैक्ट्री में 15-20 दिन पहले ही काम पर लगाये मजदूर ने की थी, जो पत्नी व बच्चों सहित रहता था. लेकिन उसका नाम मालूम था ना ही कोई पता. मोबाईल सिम भी किसी और के पहचान पत्र से ली हुई पाई गईं. पुलिस ने दोनों घटनाओं को जोडकरअनुसंधान को आगे बढ़ाया. अथक प्रयास के बाद ट्रेक्टर ट्रोली चोर को ट्रेक्टर ट्रोली सहित नागपुर (मध्यप्रदेश) से धर दबोचा. चोर की पहचान तुलसीरामपुरा, गोवटी, थाना खाटुश्यामजी, जिला सीकरनिवासी रामप्रसाद जाट के रूप में हुई.

रामप्रसाद ने पूछताछ में बताया कि उसने श्याम पाउडर फैक्ट्री में काम करना शुरू किया. उस फैक्ट्री में रामस्वरूप नाम का व्यक्ति पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था. उनके साथ अर्जुन नाम का व्यक्ति भी रहता था. एक बार अर्जुन द्वारा रामस्वरूप की पत्नी को कपड़े दिलाने की बात पर झगडा भी हुआ था. इस पर अज्ञात मृतक के कपड़े और मृतक के हाथ में पहने कडे को दिखाया, तो रामस्वरूप के होना बताया. पोलाला खेडा, थाना फुलिया कला निवासी मृतक रामस्वरूप के भाई मिश्री बलाई को बुलाया और उसे फोटो दिखाई तो मृतक की शिनाख्त अपने भाई रामस्वरूप उर्फ चांदमल बलाई के रूप में की. पहचान को पुख्ता करने के लिए मृतक के भाई रामस्वरूप के डी. एन.ए. का मिलान उसके भाई मिश्री के डी.एन.ए. से कराया गया.

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मृतक रामस्वरूप करीब 15 वर्ष पहले अपने गांव खेडा पालोला, जिला भीलवाडा से किरण को भगाकर लेकर आया, तब से अपने गांव में आना जाना बन्द था. वह किशनगढ़ में रहकर मजदूरी करता था.मृतक रामस्वरूप की पत्नि किरण के आरोपी अर्जुन से अवैध संबंध काफी समय से थे. इसकी भनक मृतक रामस्वरूप को लग गई. घटना वाली रात रामस्वरूप शराब लेने गया. वापस आया तो अर्जुन व किरण को कमरे के अन्दर बंद पाया तो दरवाजा खटखटा कर खुलवाया. इसके बाद वह अपनी पत्नि के साथ मारपीट करने लगा तो अर्जुन ने सम्बल से रामस्वरूप के साथ मारपीट कर हत्या कर दी. फिर दोंनो ने लाश को प्लास्टिक के कटटे मे बंद कर फैक्ट्री के सामने पड़े मलबे में दबा दिया. बाद में अगले दिन रामस्वरूप की पत्नि व बच्चों को लेकर अर्जुन मध्यप्रदेश चला गया और अपने गांव से करीब 200 किलोमीटर दूर देवास के जंगल मे झोंपडी बनाकर रहने लगे.

आरोपी अर्जुन का भाई गोवर्धन भी मजदूरी के लिए किशनगढ़ आने वाला था, परन्तु घटना के बाद नही आया. इस पर गोवर्धन की तलाश के प्रयास किए. उसने भी अपने नम्बर बदल लिए, लेकिन नए नम्बर प्राप्त कर गोवर्धन तको पकड़ा. गोवर्धन के सहयोग से अर्जुन व किरण के बारे मे जानकारी जुटाई. देवास (मध्यप्रदेश) के जंगलो से दोनो को गिरफ्तार कर लिया गया.बच्चो द्वारा पूछने पर मां किरण् बताती थी कि उनके पापा जेल में है. मृतक के दो बच्चे 10 साल की लडकी व 8 साल का लडका है. बच्चे अपने पापा के लिए रोते व पूछते तो दोनो कहते कि तुम्हारे पापा का केस चल रहा है वह जेल में है.

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