Rajya Sabha Suspension : कांग्रेस के 6 सांसदों समेत 12 राज्य सभा सदस्य निलंबित

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Published : Nov 29, 2021, 3:28 PM IST

Updated : Nov 30, 2021, 5:10 PM IST

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संसद के शीतकालीन सत्र (parliament winter session) का आज पहला दिन हंगामेदार रहा. राज्य सभा से कई सांसदों को आज शीतकालीन सत्र से निलंबित (rajya sabha members suspended) कर दिया गया. संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी (Prahlad Joshi Rajya Sabha MP Suspension) ने उपद्रव के आरोपी सांसदों के निलंबन के लिए प्रस्ताव रखा. जिसके बाद उपसभापति हरिवंश ने 12 सांसदों के निलंबन की घोषणा की. बता दें कि इन सांसदों पर राज्य सभा के 254वें मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) के दौरान अशोभनीय आचरण, उपद्रव और संसदीय नियमों का उल्लंघन करने के आरोप लगे हैं.

नई दिल्ली : राज्य सभा से कई सांसदों को निलंबित (rajya sabha members suspended) किया गया है. सांसदों को शीतकालीन सत्र (parliament winter session) की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया है. जिन सांसदों को निलंबित किया गया है उन पर संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्य सभा में अशोभनीय आचरण और सभापति के निर्देशों का उल्लंघन के आरोपों के अलावा संसदीय नियमों की अनदेखी का आरोप है.

निलंबित किए गए 12 राज्यसभा सांसदों में से एक शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (Shiv Sena MP Priyanka Chaturvedi) ने कहा कि जिला अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में आरोपी का पक्ष भी सुना जाता है. उन्होंने कहा कि आरोपियों को वकील भी उपलब्ध कराए जाते हैं, कभी-कभी सरकारी अधिकारियों को उनका पक्ष लेने के लिए भेजा जाता है, लेकिन संसद में निलंबन से पहले हमारा पक्ष नहीं सुना गया.

शीतकालीन सत्र से निलंबित हुए कई सांसद

निलंबित सांसद की प्रतिक्रिया
बिहार से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने निलंबन के बाद कहा कि मेरे खिलाफ एकतरफा निर्णय लिया गया है. साजिश के तहत मुझे राज्यसभा से शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित किया गया है. उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में किसानों के मुद्दे पर राज्यसभा में वेल में गया था. अपनी बात रखी थी लेकिन कुछ गलत व्यवहार मैंने नहीं किया था.

उन्होंने कहा कि इस निर्णय से मैं डरने वाला नहीं हूं. किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरता रहूंगा. संसद में किसानों के मुद्दे को उठाता रहूंगा. एमएसपी पर कानूनी गारंटी का निर्णय जब तक केंद्र सरकार नहीं लेगी तब तक मैं झुकने वाला नहीं हूं. तीनों कृषि कानूनों को केंद्र सरकार को वापस लेना पड़ा. उसी के चलते सरकार अपना गुस्सा हम लोग पर उतार रही है.

राज्य सभा सांसद निलंबन (Rajya Sabha Suspension) प्रकरण में कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि सरकार का फैसला निराशाजनक है.

सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस सांसद गुरजीत औजला का बयान

संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी (Prahlad Joshi Rajya Sabha MP Suspension) के प्रस्ताव के बाद जिन सांसदों को निलंबित किया गया है इनमें कांग्रेस के छह सांसदों के नाम शामिल हैं. तृणमूल, शिवसेना और वाम दलों के दो-दो सांसदों को निलंबित किया गया है.

  • सीपीएम सांसद इलामारम करीम (Elamaram Kareem)
  • सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम (Binoy Viswam)

कांग्रेस के छह सांसदों का निलंबन (Congress MPs Suspension)

  • फूलो देवी नेताम (Phulo Devi Netam)
  • छाया वर्मा (Chhaya Verma)
  • रिपुन बोरा (Ripun Bora)
  • राजमणि पटेल (Rajamani Patel)
  • सैयद नासिर हुसैन (Syed Nasir Hussain)
  • अखिलेश प्रसाद सिंह (Akhilesh Prasad Singh)
    rajya sabha suspension file photos
    निलंबित सांसद (बाएं से) बिनॉय विश्वम (सीपीआई), इलामारम करीम (सीपीएम), अनिल देसाई (शिवसेना), अखिलेश प्रसाद सिंह (कांग्रेस), सैयद नासिर हुसैन (कांग्रेस) और रिपुन बोरा (कांग्रेस) (फोटो- साभार- rajyasabha.nic.in)

तृणमूल कांग्रेस के दो सांसदों का निलंबन (TMC MPs Suspension)

  • डोला सेन (Dola Sen)
  • शांता छेत्री (Shanta Chhetri)

शिवसेना के दो सांसदों का निलंबन (Shiv Sena MPs Suspension)

  • प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi)
  • अनिल देसाई (Anil Desai)
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    निलंबित सांसद (बाएं से) राजमणि पटेल (कांग्रेस), प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना), शांता छेत्री (टीएमसी), डोला सेन (टीएमसी), फूलो देवी नेताम (कांग्रेस) और छाया वर्मा (कांग्रेस) (फोटो- साभार- rajyasabha.nic.in)

बता दें कि संसद के मानसून सत्र के दौरान कई मौके ऐसे आए थे, जब संसदीय मर्यादा तार-तार होती दिखी. खुद सभापति नायडू कई मौकों पर क्षुब्ध दिखे थे. राज्य सभा की कार्यवाही के 11वें दिन सरकार के खिलाफ आंदोलित राज्य सभा सदस्य वेल में तख्तियों के साथ घुस कर हंगामा करते रहे. इस पर सभापति वेंकैया नायडू भड़क उठे. उन्होंने कहा कि कोई भी सदस्य कार्यवाही संचालन को लेकर सभापति को निर्देश नहीं दे सकता.

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व्यवधान पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए सभापति एम वेंकैया नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों ने कहा कि उन्हें यहां हंगामा करने के लिए नहीं भेजा गया है. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हंगामे को 'हिंसक प्रदर्शन' करार देते हुए कहा कि सदन में व्यवधान उत्पन्न किए जाने के रवैये की भर्त्सना की जानी चाहिए.

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गौरतलब है कि मानसून सत्र के दौरान गत चार अगस्त को राज्य सभा के वेल में तख्तियों के साथ घुसे तृणमूल कांग्रेस के सांसदों को कार्यवाही (withdraw from Rajya Sabha proceedings) में भाग लेने से बाहर निकाल दिया गया था.

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मानसून सत्र में अशोभनीय आचरण के लिए राज्य सभा में तृणमूल कांग्रेस (TMC in Rajya Sabha) के कई सांसदों को बाहर निकाला गया था. इन लोगों में तृणमूल सांसद डोला सेन (Dola Sen), नदीमुल हक (Nadimul Haque) अर्पिता घोष (Arpita Ghosh), मौसम नूर (Mausam Noor), शांता छेत्री (Shanta Chhetri) और अबीर रंजन बिस्वास (Abir Ranjan Biswas) थे. सभी लोगों को सभापति के आसन के समक्ष खराब बर्ताव के लिए सदन की कार्यवाही से बाहर किया गया था.

हंगामे के एक ऐसे ही घटनाक्रम में सरकार की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि विपक्ष हंगामा करके आदिवासी महिला मंत्री का अपमान कर रहा है. मंडाविया ने कहा था कि हंगामा कर रहा विपक्ष यह नहीं चाहता कि मातृत्व मृत्यु दर और स्वास्थ्य जैसे गंभीर मुद्दों पर संसद में बात की जाए, इसलिए हंगामा और नारेबाजी की जा रही है. ऐसा करने के कारण आदिवासी महिला मंत्री का अपमान हो रहा है.

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विगत 11 अगस्त को मानसून सत्र के दौरान लोक सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई थी. लोक सभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने बताया था कि आज 17वीं लोक सभा का छठा सत्र समाप्त हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस सत्र में लोक सभा का कामकाज अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा. उन्होंने कहा कि कुल 17 बैठकों में मात्र 21 घंटे 14 मिनट का काम संपादित हुआ.

Last Updated :Nov 30, 2021, 5:10 PM IST
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