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राजस्थान में महिलाओं से जुड़े मामले ही सबसे पीछे क्यों रखे जाते हैं : रेखा शर्मा

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Published : Apr 7, 2021, 10:08 PM IST

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस बात पर चिंता जताई कि राजस्थान में महिलाओं से जुड़े मामले ही सबसे पीछे क्यों रखे जाते हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें मुलाकात के लिए समय नहीं दिया, इससे भी वह आहत दिखीं. 'ईटीवी भारत' से खास बातचीत के दौरान जानिए रेखा शर्मा ने क्या कहा.

रेखा शर्मा
रेखा शर्मा

जयपुर : राजस्थान में महिलाओं पर बढ़ते अपराध के मामले में चल रही सियासत के बीच जयपुर आईं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा इस बात को लेकर व्यथित हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दो बार पत्र लिखने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला और ना ही उनसे मुलाकात का अब तक समय मिल पाया है.

'ईटीवी भारत' से खास बातचीत के दौरान रेखा शर्मा ने यह भी सवाल उठाया कि प्रदेश में आखिर महिलाओं से जुड़े मामले ही सबसे पीछे क्यों रखे जाते हैं. उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए. वहीं मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अब तक राज्य महिला आयोग का गठन नहीं होने पर नाराजगी भी जताई.

रेखा शर्मा से बातचीत

रेखा शर्मा ने कहा कि प्रदेश में अपराध बढ़ रहे हैं, क्योंकि मंगलवार को राजस्थान पुलिस ने मुझको जो प्रेजेंटेशन दिखाया उसमें भी इस साल पहले से ज्यादा केस आए हैं और उसमें भी कई केस सीरियस हैं.

उन्होंने कहा कि पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय मिले इसके लिए प्रदेश सरकार को कदम उठाने होंगे. उन्होंने कहा कि निचले स्तर पर पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों की कार्यशैली भी लचर है, जिसमें सुधार की बेहद आवश्यकता है.

शर्मा ने कहा कि पुलिस कहती है कि हम FIR ज्यादा दर्ज कर रहे हैं इसलिए केस बढ़े हैं, लेकिन FIR दर्ज करने के बाद जरूरी है उस पर काम भी हो, खासतौर पर चार्जशीट समय पर दाखिल हो और पीड़ित को न्याय मिले.

'सीएम से समय मांगा है, ताकि हालातों से अवगत करवा सकें'

रेखा शर्मा इस बात से भी खफा नजर आईं कि मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के बावजूद उनका जवाब नहीं मिला. जयपुर आए उन्हें 2 दिन हो गए लेकिन मुख्यमंत्री ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया.

रेखा शर्मा कहती हैं कि मुख्यमंत्री से मिलने का मकसद यही है कि वह राजस्थान में महिला अपराधों को लेकर उन्हें अवगत कराएं और उसमें सुधार के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर सुझाव भी दें. खासतौर पर राजस्थान में बाल संरक्षण आयोग का गठन तो कर दिया गया, लेकिन महिला आयोग का गठन अब तक नहीं किया गया.

'हमारा दृष्टिकोण महिला अपराध रोकना है'

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा से जब प्रदेश में इंडिपेंडेंट पूर्णकालिक गृहमंत्री नहीं होने और राज्य महिला आयोग का गठन नहीं होने के कारण अपराध बढ़ रहे हैं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक मामला है उन्हें इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करनी. उन्होंने कहा कि यह तो मुख्यमंत्री को देखना है कि चाहे गृह विभाग वह देखें या इंडिपेंडेंट किसी को दें हमारा दृष्टिकोण तो केवल प्रदेश में महिला अपराध रुके यही है.

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रेखा शर्मा ने कहा कि मैंने डीजीपी को कहा है कि वह निचले स्तर के जांच अधिकारियों को और अधिक संवेदनशील बनाए, ताकि पीड़ित महिलाओं को राहत मिल सके.

वहीं, आयोग अध्यक्ष का यह भी कहना है कि केवल सरकार या पुलिस महकमे के पास कोई जादू की छड़ी नहीं कि घुमाया और सब कुछ सुधार हो जाए, इसके लिए समाज को भी जागरूक होना पड़ेगा, क्योंकि अधिकतर महिलाओं से जुड़े मामले घरेलू ही हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार जागरूकता को लेकर कैंपेन चलाए, कानून बनाए जिससे इस प्रकार के अपराधों में कमी आए.

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