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रेंजर पर लगे अवैध उत्खनन और भ्रष्टाचार के आरोप, वन मंत्री ने कार्रवाई का दिया आश्वासन

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Published : Nov 20, 2020, 12:08 PM IST

उमरिया जिले में वन विभाग के अधिकारियों की भ्रष्टाचार के मामले में जमकर शिकायतें मिल रही हैं. जिसको लेकर वन मंत्री कुंवर विजय शाह को ज्ञापन भी सौंपा गया है. वन मंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

heavy corruption in forest department of umaria
रेंजर पर लगे अवैध उत्खनन और भ्रष्टाचार के आरोप

उमरिया। जिले में वन विभाग के अधिकारियों के एक के बाद एक भ्रष्टाचार के खुलासे हो रहे हैं. जिसको लेकर वन मंत्री विजय शाह ने सभी जिम्मेदारों पर कार्रवाई का भरोसा दिया है. वहीं कुछ मामलों को लेकर उमरिया आगमन पर मध्य प्रदेश शासन के वन मंत्री कुंवर विजय शाह को ज्ञापन सौंपा गया है. इस ज्ञापन में ना सिर्फ मानपुर क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण की शिकायत की गई है, बल्कि जिले के जंगलों में असुरक्षित वन्य प्राणियों, नौरोजाबाद वन परिक्षेत्र में हो रहे अवैध उत्खनन और घुनघुटी रेंज में हुए इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के नाम पर घोटाले की शिकायत की गई है. हालांकि इन मामलों की शिकायतें पहले भी हुई पर कार्रवाई नहीं हो पाई.

रेंजर पर लगे अवैध उत्खनन और भ्रष्टाचार के आरोप

नौरोजाबाद वन परिक्षेत्र में अवैध खनन

नौरोजाबाद वन परिक्षेत्र में अवैध उत्खनन की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं. यहां अवैध उत्खनन को संरक्षण रेंज अधिकारी पप्पू पास्केल द्वारा दिया जा रहा है. कुंवर विजय शाह से की गई शिकायत में साफ तौर पर आरोप लगाया गया है कि नौरोजाबाद रेंजर अवैध खनन करवाते हैं और खनन के बाद हुए गड्ढे को तालाब का नाम देकर मामले को निपटा देते हैं. नौरोजाबाद रेंजर द्वारा सस्तरा बीट के पीएफ 510 में जमकर अवैध खनन कराया गया है. यहां से हजारों हाईवा मुरुम निकाली गई है. इसका परिणाम है कि यहां एक विशाल गड्ढा बन गया है और इस विशाल गड्ढे को नौरोजाबद रेंजर तालाब का नाम दे रहे हैं. जबकि देखने से स्पष्ट होता है कि यह किसी तालाब की खुदाई नहीं की गई है बल्कि यहां से मुरुम और मिट्टी निकाली गई है, जिसके बाद यह गड्ढा बचा है.

रेंज कार्यालय के पास चल रहा अवैध उत्खनन

वन परिक्षेत्र कार्यालय और रेंजर निवास से बहुत ज्यादा दूरी पर नहीं है. इसके बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसने भी रेंजर के खिलाफ मुंह खोलने की कोशिश की उसके खिलाफ कार्रवाई की तलवार चला दी गई. यही कारण है कि नौरोजाबाद क्षेत्र में अब वन विभाग के कर्मचारी अपनी ड्यूटी नहीं कर रहे. बल्कि जैसा रेंजर चाहते हैं उसे हिसाब से काम हो रहा है. रेंजर चाहते हैं कि अवैध उत्खनन और लकड़ी की कटाई करने वालों को संरक्षण दिया जाए और कर्मचारी उन्हें संरक्षण दे रहे हैं. इस मामले में वन मंत्री कुंवर विजय शाह से मौखिक तौर से कार्रवाई करने की मांग की गई है.

मानपुर में बढ़ा अतिक्रमण

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर जोन में लगातार अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है. अतिक्रमण बढ़ रहा है तो पेड़ों की कटाई भी हो रही है. यहां ईट के भट्टे भी लगे हुए हैं. जिसकी शिकायत वन मंत्री विजय शाह से की गई है. बताया गया है कि मानपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम टिकरी टोला, उर्दना, बल्हौड़, लखनौटी, करौंदी टोला, पटेहरा, कुठुलिया, सीगुड़ी, छपरौड़, सेमरा, ताला, भड़ारी, सेहरा टोला, बिजौरी, कठार, नउसी, समरकाइनी, नौगमा, भमरहा, हर्राई, रक्सा, बड़ार सहित कई गांव में अतिक्रमण हो गया है. जिसे हटाने की आवश्यकता है. लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा. इस अतिक्रमण की वजह से ना सिर्फ पर्यावरण प्रभावित हो रहा है बल्कि वन्य प्राणी भी परेशान हैं.

घुनघुटी रेंज में घोटाला

सामान्य वन मंडल के घुनघुटी रेंज में तो जमकर घोटाला हुआ है. यहां इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के नाम पर बिना काम कराए ही 26 लाख से ज्यादा की राशि निकाल ली गई. बताया गया है कि वन परिक्षेत्र घुनघुटी के कक्ष क्रमांक 296 रिजर्व फॉरेस्ट झिरिया नाला में इको पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाखों रुपए का काम कराया गया था.

इस काम के नाम पर 26 लाख से ज्यादा की राशि निकाल ली गई. जबकि नाले में किसी भी तरह का निर्माण कार्य कराया ही नहीं गया. बिना काम कराए राशि निकालने की शिकायत होने के बाद जांच शुरू हुई तो डीएफओआरएस सिकरवार ने बताया कि उन्होंने निर्माण स्थल का भौतिक सत्यापन किया था. वहां किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया गया है, जबकि ईकोटूरिज्म बाद से राशि निकाली गई है. घुनघुटी रेंजर इस पूरे मामले पर निशाने में हैं.

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