उज्जैन। उज्जैन पर्यटन की दृष्टि से बहुत अहम है. यहां प्रति 12 वर्ष में सिहंस्थ महापर्व का आयोजन होता है. महाकाल मंदिर के साथ ही अब महाकाल लोक को देखने देश-दुनिया से लोग पहुंच रहे हैं. इसीलिए उज्जैन में एयरपोर्ट की मांग बढ़ गई है. इसको लेकर उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया ने भी सिंधिया से दिल्ली में मुलाकात की थी. वहीं, उज्जैन में केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने जन अभियान परिषद के समापन पर कहा कि लोगों की मांग पर सरकार गंभीर है.
जल व जमीन का महत्व बताया : उज्जैन में आयोजित सुमंगलम पंचमहाभूत अभियान के तहत देश- दुनिया को पानी बचाने के संदेश देने के लिए 27 से 29 दिसंबर तक भारत सरकार के सहयोग और दीनदयाल शोध संस्थान व मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के समापन अवसर पर केंद्रीय मंत्री सिंधिया संबोधित कर रहे थे. सिंधिया ने कहा कि हम लोग किराएदार हैं. इस पृथ्वी के और पृथ्वी हमारी मालिक है. यह सोच व भावना अपने दिल और आत्मा में जागृत करना होगी. तभी हम जल संरक्षण के नए अध्याय की शुरुआत कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है. आज भारत पांचवीं बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा है. इसके 8 साल पहले हम 13 नंबर पर थे. अब विश्व में 5 नंबर पर आ गए हैं. विश्व में एक नंबर पर हम आध्यात्मिक शक्ति के रूप में उभरे हैं.
दुनिया में आज भारत चमक रहा है : सिंधिया ने कहा कि दुनिया भारत की ओर देख रही है. यह वही भारतमाता है. जिसने 5 धर्म को जन्म दिया है. यह वही भारत माता है, जहां अध्यात्म की शुरुआत हुई. आज भारत विश्व में नक्षत्र की तरह उभर रहा है. विश्व पटल पर आर्थिक, आध्यात्मिक, प्राकृतिक, अहिंसा को लेकर भारत की विचारधारा वसुदेव कुटुंबकम के साथ आगे बढ़ रही है. शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर सिंधिया ने कहा कि सरकार ने 600 करोड़ रुपए की योजना की शुरुआत की है. वहीं शिप्रा को जीवित करने के लिए 432 करोड़ रुपए की नर्मदा शिप्रा लिंक की शुरुआत की गई है. उन्होंने कहा कि जल के प्रति सम्मान तभी होगा, जब देश के 140 करोड़ नागरिक जिम्मेदारी के साथ जल संरक्षण को अपना धर्म मानेंगे. उन्होंने कहा कि जिस जल को हम पूजन के समय जलाअभिषेक के रूप में उपयोग करते है, उस जल का मान-सम्मान रखना हमारे अंतरात्मा की पुकार होना चाहिए.