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Ujjain Mahakaleshwar Temple: बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार, मस्तक पर धारण किया रजत जड़ा गोल्ड का त्रिपुण्ड

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Published : Mar 20, 2023, 10:18 AM IST

Updated : Mar 20, 2023, 12:30 PM IST

Ujjain Mahakaleshwar Temple
बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार

सोमवार को उज्जैन में भगवान महाकाल की भस्मारती में चन्दन और भांग से श्रृंगार कर राजा के रूप में तैयार किया गया. बाबा को मस्तक पर रजत जड़ा गोल्ड का त्रिपुण्ड, त्रिसर नेत्र और कुंदन जड़े आभूषण धारण कराया गया. श्रृंगार इतना आकर्षक था कि भगवान महाकाल के दर्शन कर श्रद्धालु आनंदमय हो गए. बाबा महाकाल ने राजा के रूप में भक्तों को दर्शन दिए.

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर भोलेनाथ के भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है. देश के अलावा यहां विदेशों से भी लोग बाबा महाकाल की एक झलक पाने के लिए पहुंचते हैं. बाबा की भस्मारती प्रातः काल 03:00 बजे शुरू होती है. आज सोमवार को भस्मारती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया गया. इसके बाद पंडे, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. फिर उनका पुजारियों द्वारा भांग से अद्भुत श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. यह देख भक्त भी शिवमय हो गए.

Bhasmarti of Baba Mahakal
बाबा महाकाल की भस्मारती

बाबा महाकाल का बने राजा: आज बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार किया गया. बाबा को मस्तक पर रजत जड़ा गोल्ड का त्रिपुण्ड, त्रिसर नेत्र और कुंदन जड़े आभूषण धारण कराए गए. श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम सहित तमाम पकवान का भोग लगा. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाये गए. बाबा ने राजा के रूप में भक्तों को दर्शन दिए. इस दौरान मंदिर जय श्री महाकाल के जयकारों से गूंज उठा.

Darshan of Nandi Maharaj
नंदी महाराज के दर्शन

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भस्मारती देख अभिभूत हो जाते हैं भक्त: उज्जैन के बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए श्रद्धालु रात 12 बजे मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं और 3 बजे जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं, श्रद्धलुओं को मंदिर में परमिशन और सेक्यूरिटी चेक कर के जाने दिया जाता है और आखिर में बाबा महाकाल का पुजारी मंत्र उपचारण के साथ जल से अभिषेक कर पंचामृत अभिषेक करते हैं. फिर भगवान महाकाल का भांग से राजा, गणेशजी जैसे रूप में श्रंगार कर बाबा महाकाल को भस्मी अर्पित करते हैं. फिर शुरू होती है भस्मारती और जिसे देख भक्त अभिभूत हो जाते हैं.

Last Updated :Mar 20, 2023, 12:30 PM IST
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