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Shani Margi 2022: इन राशि के जातकों को शनि से मिल रही है मुक्ति, जानिए अब शनि का किन राशियों में हो रहा प्रवेश, क्या करें उपाय

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Published : Oct 10, 2022, 11:02 PM IST

शनि की साढ़े साती और ढैय्या से पीड़ित जातकों के लिए बड़ी खुशखबरी है. अभी तक उल्टी चाल चल रहे शनि 10 अक्टूबर से सीधी चाल चलने वाले हैं. पंडित ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के अनुसार वक्री स्थिति में चल रहे सोमवार को शनि मार्गी हो रहे हैं. shani margi 2022, shani margi 2022 rashi parivartan, shani ki chal 2022

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शनि मार्गी 2022 राशि परिवर्तन

शहडोल। सोमवार 10 अक्टूबर से कुछ राशि के जातकों को शनि के प्रभाव से मुक्ति मिल रही है. मतलब इस राशि से शनि की दृष्टि हट रही है और अब नए राशि में शनि का प्रवेश हो रहा है. क्या कुछ बदलाव होगा, क्या उपाय करने चाहिए, क्या सावधानी रखनी चाहिए, जब शनि मार्गी होते हैं तो उसका क्या असर होता है, शनि जब वक्री हो जाते हैं तो उसका क्या असर होता है. ढैय्या से कितना नुकसान होता है. इस सारे सवालों का जवाब ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानिए. (shani margi 2022)

10 अक्टूबर से शनि से इन राशियों को मिली मुक्ति: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक 10 अक्टूबर से शनि की साढ़ेसाती में कई राशियों में बदलाव हुआ है. उसमें प्रभाव नहीं रहेगा, या यूं कहें कि शनि की साढेसाती से इन राशि के जातकों को मुक्ति मिली है. शनि के प्रभाव से मुक्ति पाने वाली राशि है, सिंह राशि, कन्या राशि, और वृश्चिक राशि ये पूर्णतह शनि की ढैय्या साढ़ेसाती से मुक्त हो गए हैं.

शनि मार्गी 2022

अब इन राशियों में प्रवेश कर रहा शनि: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक जैसे ही शनि के प्रभाव से कोई राशि मुक्त होती है तो फिर उसके बाद अगली राशि में शनि का प्रभाव जाता है. धनु राशि, मकर राशि, और कुंभ राशि में अब शनि का प्रवेश हुआ है. (shani margi 2022 rashi parivartan)

शुरुआत में शनि रहेंगे मार्गी: धनु, मकर और कुम्भ राशि में शनि का प्रवेश हुआ है. लेकिन अभी इस राशि के जातकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि शनि जब अगली किसी राशि में प्रवेश करता है तो शुरुआती 4 माह तक शनि मार्गी रहता है. मार्गी का मतलब है जैसे उस राशि पर शनि प्रवेश तो कर जाता है, लेकिन उसका प्रभाव कम रहता है. इसे ऐसे समझें शनि की दृष्टि तो उस राशि में रहती है, लेकिन वो प्रभावहीन रहता है. मकर राशि, कुंभ राशि और धनु राशि वाले इनका समय अभी तो ठीक रहेगा उत्तम रहेगा जो मन में सोचेंगे वो कार्य होंगे. घर की बरकत होगी घर में शांति रहेगी और ग्रहों का कुप्रभाव नहीं रहेगा. (how to worship shani dev)

4 माह बाद शनि होंगे वक्री: जैसे ही 4 माह समाप्त होगा इन्हीं राशियों में शनि वक्री हो जाएगा. जब शनि वक्री हो जाता है तो उस जातक को पूर्णरूपेण ग्रसित करता है, बीमार करता है, आर्थिक परेशानियों में डालता है. जातक सोचता कुछ है और होता कुछ और है. घर में अनबन होती है, घर में अशांति होती है, तरह-तरह की बीमारियां हो जाती हैं, और लोग परेशान होते हैं. इस तरह से 3 राशियों में शनि की साढ़ेसाती चलेगी. (shani vakri 2022 effects)

शनि के प्रभाव को कम करने के करें उपाय: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक अभी वर्तमान में शनि मार्गी है तो मार्गी होने से अभी जातक को इसका पता नहीं चलेगा. अभी उत्तम समय चलेगा. अभी वर्तमान में तो ऐसे जातकों को कुछ भी उपाय करने की आवश्यकता नहीं है. लेकिन 20 अक्टूबर के बाद उनको पीपल में स्नान कराना है. पीपल के पास तिल का तेल जलाना है. हनुमान चालीसा पढ़ें, हनुमान जी का दर्शन करें. हनुमान जी के ऊपर चमेली का तेल चढ़ाएं, हनुमान जी के ऊपर सिंदूर या चमेली का तेल चढ़ाएं, शनिवार को हनुमान जी का दर्शन करने से शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता है और शनि की दृष्टि नहीं पड़ती है.

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ये सावधानी रखें: जिन राशियों में शनि का प्रभाव है सावधानी भी रखें. ऐसे जातक धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि वाले जो भी जातक हैं, उनको शनिवार के दिन काला कपड़ा नहीं पहनना है. काला कुर्ता घर में नहीं पहनना है. रात्रि के समय काला कपड़ा पहनकर नहीं सोना है. रात्रि के समय लोहा या लोहे से बना कोई औजार उसे साथ में नहीं रखना है. कहीं पर भी जाएं तो वाद विवाद से थोड़ा अलग रहें, क्योंकि छोटी-छोटी बातों में ही अधिक बात बढ़ जाएगी और विवाद होने की संभावना रहती है. यह सावधानी रखें और अंतिम सावधानी यह है की जब भी घर से चले तो हल्दी और चावल का टीका लगाकर चलें. काला कपड़ा घर से पहन कर ना चलें. अगर असावधानी करेंगे तो शनि की सीधी दृष्टि पड़ेगी उससे नुकसान होगा, ये इन तीन राशि के जातकों को ध्यान रखना होगा.

इन राशियों में चल रही शनि की ढैय्या: अभी मिथुन राशि और तुला राशि में शनि की ढैय्या चल रही है. ढैय्या 30 महीने का होता है. 10 महीने का समय तो जातक के लिए उत्तम रहता है, उसका प्रभाव नहीं रहता है. लेकिन 20 माह इस तरह से प्रभावी होता है की उनके सारे कार्य प्रभावित होने लगते हैं. उस आदमी की बरक्कत रुक जाती है. घर में अशांति बनती है. धन व्यर्थ ही खर्च होते हैं. दवाइयों में खर्च होते हैं. अपने ही लोग पराए बन जाते हैं और कोई भी कार्यक्रम सोचे वह कार्यक्रम नहीं होता है.

ढैय्या के प्रभाव को कम करने का उपाय: ढैय्या जब लगती है तो लोगों को चाहिए कि पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं. लोहे या घोड़े की नाल अगर मिल जाए उसकी रिंग बनाकर हाथ में धारण करें. अगर यह उपलब्ध नहीं हो पाता है तो शनिवार के दिन तेल, तिल, काला, उड़द और थोड़ा चावल मिश्रित करके किसी पीपल के पास रख दें, या किसी गरीब के हाथ में रखकर दान करें. उसे देकर प्रणाम कर लें. अगर नहीं लेते हैं तो किसी संत के मंदिर में जाकर तिल, चावल और उड़द बल्कि उसमें थोड़ा नमक डालकर उसकी पोटली बनाकर काले कपड़े में रख दें तो ढैय्या का प्रभाव कम होता है. लोग शांति से अपना जीवन यापन करते हैं. दूसरा उपाय यह है कि जिनके ऊपर शनि की ढैय्या चल रही है, ऐसे लोग रात्रि के समय 6 से 7 सावधानी पूर्वक अपने घर में ही रहे, अगर बाहर जाना है तो किसी देवता का स्मरण करके कार्यक्रम करें. कन्याओं का दर्शन होता है तो उन्हें मन ही मन प्रणाम कर लें. तुलसी का दर्शन होता है, तो उन्हें प्रणाम कर लें. उनसे शनि की ढैय्या से आराम मिलता है दिक्कत नहीं आती है. (shani ki chal 2022)

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