सतना। चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के मझगवां में बीती शाम तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई, जिससे यहां 25-50 ग्राम तक के ओले पड़े, जिसने फलसों को बर्बाद कर दिया है. इस ओलावृष्टि में मझगवां क्षेत्र के लगभग 7-8 गांव चपेट में आए हैं. प्रकृति की मार से ग्रामीणों के मकान किसानों की फसल पूरी तरह चौपट हो गई है, मौके पर पहुंची जिला प्रशासन की टीम ने मुआयना किया और किसानों को बिना कुछ आश्वासन दिए गांव से रवाना हो गई. ग्रामीण और किसान सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के मझगवां तहसील के अंतर्गत कई गांवों में बे-मौसम बारिश ने किसानों की फसल बर्बाद कर दी है, गेहूं, चना, मसूर, अरहर, सरसो पूरी तरह से नष्ट हो गई है. साथ ही कई मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं, गरीबों ने जैसे तैसे कई घंटों तक हुई बारिश में अपनी और अपने बच्चों की जान बचाई. किसान अब प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
फसल के साथ-साथ पशुओं को भी काफी नुकसान पहुंचा है, कई पशु इस ओलावृष्टि की चपेट में आकर मौत के मुंह में समा गए तो कुछ जंगल में गायब हो गए. दूसरे दिन भी पूरे गांव में बर्फ की चादर बिछी रही. ये बर्फ की चादर गांव के अंदर मौजूद नदी के ऊपर भी बिछी हुई है. मझगवां तहसील के कानपुर, उमरिया, देवलहा, चकरा, पटनी के साथ लगभग आठ गांवों में बारिश ने तबाही मचाई है, ऐसे में प्राकृतिक आपदा की मार इन गरीबों के लिए बड़ा संकट पैदा कर दिया है.
प्राकृतिक आपदा की मार की खबर जब मीडिया की सुर्खियां बनी तो जिला प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी मझगवां तहसील के उन गांव में पहुंचे, जहां किसानों की फसलें, मकान, पशुओं को नुकसान पहुंचा है, लेकिन सबसे बड़ी बात तो ये है कि यहां मुआयना कर तहसीलदार सुधाकर सिंह बिना कुछ कहे रवाना हो गए.