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टिटहरी ने दिया मॉनसून की आमद के संकेत, क्या कहता है ज्योतिष और मौसम विभाग ?

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Published : May 20, 2023, 10:52 PM IST

ग्रामीणों द्वारा टिटहरी के अंडों से बरसात का अनुमान लगाया जाता है. सागर में एक टिटहरी ने 4 अंडे दिए हैं, जिससे कई सारे अनुमान लगाए जा रहे हैं.

tithri lays eggs signs regarding arrival of rain
टिटहरी ने दिए मॉनसून की आमद के संकेत

टिटहरी ने दिए मॉनसून की आमद के संकेत

सागर। बरसात की आमद को लेकर कई तरह के टोटके और संकेत हमें सुनने और देखने को मिलते हैं. वहीं, दूसरी तरफ ज्योतिष और मौसम विभाग अपनी-अपनी भविष्यवाणी करता है. इस साल गर्मी के मौसम में भी बादल गरजने और बेमौसम बरसात को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह के विचार आ रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि पिछले साल शुरुआत में बारिश कमजोर रही, लेकिन बाद में सर्दियों में भी बारिश का सिलसिला चला, जो गर्मी तक चलता रहा है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार मॉनसून धोखा न दे दे. हालांकि, अच्छी बारिश और मॉनसून की आमद को लेकर संकेत मिलने लगे हैं. जैसे टिटहरी जब किसी खेत में अंडे देती है, तो माना जाता है की मॉनसून ने दस्तक दे दी है. वहीं, ज्योतिष आद्रा नक्षत्र की गतिविधियों को लेकर बारिश की भविष्यवाणी करता है. मौसम विभाग ने भी मॉनसून की आमद के संकेत दे दिए हैं. मौसम विभाग का कहना है कि मॉनसून तय समय से कुछ देरी से आएगा.

टिटहरी के अंडे देने के संकेत को क्या मानते हैं: हमारे देश के ग्रामीण इलाकों में टिटहरी के अंडे देने से बारिश का अनुमान लगाया जाता है. आज भी ग्रामीण इलाकों में बारिश के अनुमान के लिए लोग टिटहरी के अंडों पर नजर लगाए रहते हैं. सागर के देवरी के किसान दीपक चौरसिया के खेत पर एक टिटहरी ने 4 अंडे दिए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि टिटहरी जितने अंडे देती है, उतने महीने बारिश होती है. इस अंदाज से माना जा रहा है कि इस साल 4 महीने बारिश होगी. वहीं, दूसरी तरफ जानकार कहते हैं कि टिटहरी का प्रजनन काल मार्च से अगस्त तक होता है. जून तक टिटहरी अंडे देती है. मई महीने के अंत में टिटहरी के अंडे देने से अंदाजा लगाया जाता है कि करीब 1 माह बाद बारिश होगी.

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ज्योतिषाचार्य का क्या कहना: ज्योतिषाचार्य शांतनु आचार्य के अनुसार जब सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करता है तो मॉनसून की शुरुआत होती है. टिटहरी सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करने के एक डेढ महीने पहले अंडे देती है. ये टिटहरी का प्रसव काल होता है. इस बार रोहणी का निवास समुद्र तट पर है, तो बारिश अच्छी होगी. लेकिन कहीं-कहीं बारिश बिल्कुल नहीं होगी. अब सूर्य आर्द्रा में आषाढ शुक्ल की चतुर्थी को प्रवेश कर रहा है. इस हिसाब से 22 जून के बाद से मॉनसून की शुरुआत होगी. ज्योतिष के लिहाज से मध्यप्रदेश में तय समय से करीब 1 हफ्ते बाद मॉनसून की बारिश होगी.

मॉनसून देरी से आने की भविष्यवाणी: ज्योतिष जहां तय समय से करीब 1 हफ्ते बाद मॉनसून की आमद की भविष्यवाणी कर रहा है, तो मौसम विभाग का भी कहना है कि अमूमन जून महीने की शुरुआत से पूर्व गतिविधियां तेज हो जाती है. मॉनसून दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के साथ पूरी गति से आगे बढ़ने लगता है. मौसम विभाग के अनुसार मौजूदा हालात में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून का मध्यप्रदेश में आगमन तय समय से देरी से होगा. देश में मॉनसून सबसे पहले केरल में प्रवेश करता है. केरल में मॉनसून की आमद की तारीख 1 जून मानी जाती है और वह करीब 4 दिन देरी से आने की संभावना है. इसी लिहाज से मध्यप्रदेश में भी तय समय 15 जून की जगह मॉनसून देरी से आएगा.

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