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मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को SC से बड़ी राहत, बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज

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Published : Feb 3, 2023, 10:09 PM IST

Supreme Court and Govind Singh
सुप्रीम कोर्ट और गोविंद सिंह

राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर दिया है.

सागर। शिवराज सरकार के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका को आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सागर के एक युवक सीताराम पटेल ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पेश कर उसके पिता को प्रस्तुत करने की गुहार लगाई थी. युवक ने कोर्ट में कहा था कि 2016 में उसके पिता को गोविंद सिंह राजपूत ने एक केस के सिलसिले में मिलने बुलाया था, उसके बाद उसके पिता घर वापस नहीं आए. हालांकि बाद में याचिका लगाने वाले युवक ने भाजपा से निष्कासित नेता पर पैसों का लालच देकर मंत्री के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी.

क्या है मामला: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी और प्रदेश की शिवराज सरकार में राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (किसी व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष पेश करने के लिए) को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया है. याचिकाकर्ता ने खुद कोर्ट में उपस्थित होकर याचिका को वापस लेने का आवेदन लगाया था. सुप्रीम कोर्ट में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ सीताराम पटेल ने अपने पिता की गुमशुदगी के मामले में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी. याचिकाकर्ता का आरोप था कि 22 अगस्त 2016 को उसके पिता को गोविंद सिंह राजपूत ने मिलने के लिए बुलाया था ,मंत्री से मिलने गए उसके पिता आज तक लापता हैं. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसके पिता ने तहसीलदार कोर्ट में गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ जमीन के मामले में केस लगाया था, जो जमीन को लेकर था.

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भाजपा से निष्कासित नेता पर पैसों का लालच देने का आरोप: इस मामले में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर अपने पिता को गायब करने का आरोप लगाने वाले सीताराम (महेश पटेल) ने खुलासा किया था कि भाजपा से निष्कासित नेता राजकुमार सिंह धनौरा और विनय मलैया ने शिकायत दर्ज कराने के लिए उसे 2 करोड़ रुपए का लालच दिया था. सीताराम पटेल का कहना है कि लालच में आकर उसने सुप्रीम कोर्ट में मंत्री के खिलाफ याचिका लगाई थी. राजकुमार सिंह धनौरा और विनय मलैया ने एक गार्डन में बुलाकर रिपोर्ट दर्ज कराने के एवज में उसे 10 हजार रुपए एडवांस भी दिए थे. सीताराम पटेल ने कहा कि दोनों नेता बाद में जबरन उसे कार में बैठाकर सुप्रीम कोर्ट ले गए और कुछ अज्ञात कागजों पर दस्तखत कराए थे.

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दोनों के खिलाफ केस दर्ज: इस मामले में सीताराम पटेल ने सागर में सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. सीताराम पटेल की शिकायत के बाद पुलिस ने नेता राजकुमार सिंह धनौरा और विनय मलैया के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 506 और 120 बी के तहत केस भी दर्ज किया है. गौरतलब है कि राजकुमार सिंह धानोरा भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष थे और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ सुरखी विधानसभा क्षेत्र में अभियान छेड़े हुए थे. उन्होंने स्थानीय प्रत्याशी की मांग को लेकर जन जागरण अभियान छेड़ा हुआ था. मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सुरखी से विधायक हैं, लेकिन स्थानीय नहीं है. मंत्री के खिलाफ अभियान के चलते राजकुमार सिंह धानोरा को भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था. तब से राजकुमार सिंह मंत्री पर लगातार आरोप लगा रहे हैं.

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