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साइबर ठगों के निशाने पर सरकारी योजनाएंः हितग्राहियों को मुनाफे का लालच देकर ठगे लाखों

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Published : Feb 23, 2022, 4:45 PM IST

Updated : Feb 23, 2022, 4:55 PM IST

साइबर क्रिमिनल के निशाने पर सरकारी योजनाओं के हितग्राही हैं. सागर में हाल ही में एक विधवा के साथ हुई ठगी के बाद इस बात का खुलासा हुआ है. पुलिस ने अतंरराज्यीय गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से प्रदेश और केंद्र की सरकार की योजनाओं के फर्जी पेज बनाकर ठगी करने के सामान भी मिले हैं.

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सरकारी योजनाओं के हितग्राही साइबर ठगों के नए टारगेट

सागर/भोपाल। साइबर क्रिमिनल के निशाने पर अब सरकारी योजनाओं के हितग्राही भी आ गए हैं. सागर में एक विधवा को संबल योजना के अंतर्गत मिले 4 लाख में से 2 लाख 17 हजार रुपये साइबर ठगों ने ठग लिए. अपराधियों ने विधवा को 12 लाख रुपए का लालच देकर बैंक खाते से संबंधित सभी जानकारियां मांगी और ठगी को अंजाम दिया. भोपाल में नेट फोन के जरिए एसबीआई बैंक की एक शाखा में करीब 26 लाख की ठगी को भी अंजाम दिया गया है.

क्या है मामला
कैंट थाने में मालथौन तहसील की मढ़खेरा गांव निवासी रानी अहिरबार ने 18 फरवरी को शिकायत दर्ज कराई थी कि दुर्घटना की अनुकंपा सहायता 4 लाख रूपये उसके एसबीआई बैंक के खाते में आई थी. खाते में राशि आने के बाद उनके फोन पर 3 मोबाइल नंबर 9097799417, 8343827721, 92945 58756 से फोन आए और कहा कि 4 लाख रूपए आपके खाते में डाले गए हैं और अभी आपको 12 लाख रुपए और मिलेंगे. इसके लिए आपको कुछ राशि हमारे खाते में डालनी होगी. महिला से इन ठगों ने पहले 4 हजार, फिर 8 हजार, फिर 90 हजार और बाद में 1 लाख रूपए अलग-अलग खातों में डलवाए. कुल 2 लाख 17 हजार की ठगी की शिकायत कैंट थाना में पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है.

सरकारी योजनाओं के हितग्राही साइबर ठगों के नए टारगेट
अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा
मामले की गंभीरता देखते हुए सागर एसपी तरुण नायक और एडिशनल एसपी विक्रम सिंह की देखरेख में एक स्पेशल टीम गठित की गई. स्पेशल टीम ने आरोपियों के मोबाइल नंबर और मुखबिरों से पूछताछ के आधार पर एक अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा हुआ है. इस गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है, जिसमें कपिल यादव नाम का युवक निवाड़ी जिले का निवासी है और दूसरा आरोपी रोहित कुशवाहा उत्तर प्रदेश के झांसी का रहनेवाला है. इन युवकों के पास से ठगी में प्रयुक्त 2 मोबाइल, एक लैपटॉप, स्पाइस मनी मैजिक एटीएम स्वाइप मशीन, इंडसइंड बैंक स्वाइप मशीन,पेटीएम पेमेंट बैंक स्वाइप मशीन और 8500 रूपए कैश मिले हैं.
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अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा
निशाने पर सरकारी योजनाओं के हितग्राही
इस मामले में सागर पुलिस की टीम को आरोपियों के ठिकाने से कई और चीजें बरामद हुई हैं, जिन से पता चला है कि साइबर ठग मध्य प्रदेश की सरकार की संबल योजना और केंद्र सरकार की योजनाओं के फर्जी पेज तैयार कर ठगी को अंजाम देते हैं. जिस गिरोह को पुलिस ने पकड़ा है वो मोबाइल सिम, पेंशन खाता अपडेट करने, ऑनलाइन शॉपिंग, घर बैठे नौकरी, लॉटरी लगने, टावर लगवाने,आधार कार्ड और क्रेडिट कार्ड रिन्यू करने का झांसा देकर लोगों को ठगते हैं.

यूपी-एमपी बॉर्डर पर साइबर क्रिमिनल्स के ठिकाने
संबल योजना में साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार हुए दो युवकों से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं. ये युवक उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में इस तरह की ठगी की वारदातों को अंजाम देते हैं. इन्होंने इन वारदातों को अंजाम देने के लिए अपने ठिकाने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा के गांवों पर बनाए हैं. ये अपने ठिकाने बदलते रहते हैं और साइबर ठगी को अंजाम देने के बाद पुलिस को चकमा देने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य की सीमा में अपने ठिकाने बनाते रहते हैं.
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भोपाल में साइबर क्रिमिनल ने बैंक को बनाया निशाना
सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत की भी आशंका
इस मामले की जांच पड़ताल में पुलिस के सामने सवाल ये है कि ऐसे साइबर ठग गिरोह को सरकारी योजनाओं का डाटा आसानी से कैसे मिल रहा है. पुलिस को आशंका है कि इन गिरोह के साथ सरकारी दफ्तरों में या फिर बैंकों के कर्मचारियों की मिलीभगत हो सकती है. इस मामले की जांच पड़ताल में लगी पुलिस इस बिंदुओं पर भी जांच कर रही है.

भोपाल में 26 लाख की ठगी
भोपाल के बैरागढ़ स्थित भारतीय स्टेट बैंक को एक साइबर ठग ने निशाना बनाया. ठग ने इंटरनेट के जरिए फोन करके खुद को भोपाल के प्रतिष्ठित सुराना मोटर्स का मालिक राजेंद्र सुराना बताते हुए इमरजेंसी में 3 अलग-अलग खाते में 25 लाख 96 हजार 500 ट्रांसफर करने को कहा. बैंक मैनेजर को खातों की डिटेल ई-मेल से भेजी गई. चूंकि सुराना मोटर्स बैंक के पुराने ग्राहक है और उनके खाते में हमेशा राशि रहती है, तो ई-मेल वेरिफाई करने के बाद मैनेजर ने राशि ट्रांसफर कर दी. मामले का खुलासा तब हुआ जब मैनेजर ने कंपनी के असली मालिक को फोन कर राशि ट्रांसफर किए जाने की बात कही.

बैंक मैनेजर ने दर्ज कराया केस
दअसरल, ठग ने कर्मचारी द्वारा चेक भेजने की बात कही थी, लेकिन जब कोई नहीं पहुंचा तो मैनेजर दर्शन दांगी ने असली राजेंद्र सुराना को कॉल किया. ठगी का खुलासा होने के बाद मैनेजर ने इसकी सूचना बैरागढ़ थाने को दी.जिसके बाद ठगी की रकम फ्रीज कर दी गई.बैंक मैनेजर ने बताया कि उन्होंने ईमेल आईडी का नाम देखकर कंफर्म किया कि यह शोरूम संचालक की ही आईडी है. ई-मेल पर राजेंद्र सुराना के लेटर पैड में लिखे अकाउंट नंबर की जानकारी भेजी गई थी, जिसे देखकर हस्ताक्षर का मिलान करने के बाद रकम ट्रांसफर की गई.

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ठगी की रकम वापस लाने की कोशिश
बैंक मैनेजर ने मुंबई, हिमाचल प्रदेश और कुशीनगर के बैंक खातों में बताई गई रकम ट्रांसफर कर दी थी. 2 महीने से चल रही पुलिस विवेचना का फायदा हुआ है. तत्काल कार्रवाई करने से जो राशि दिए गए तीनों प्राइवेट बैंक में भेजी गई थी, वह राशि फ्रीज करवा दी गई थी. अब उन प्राइवेट बैंक प्रबंधकों के साथ पुलिस संपर्क में है और धोखे से भेजी गई राशि को वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

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Last Updated :Feb 23, 2022, 4:55 PM IST
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