ETV Bharat / state

शिक्षा मंत्री के क्षेत्र में 'रेल पटरी' के सहारे जिंदगी को पटरी पर लाने की जंग, रोजाना मौत से टकराते हैं मासूम

author img

By

Published : Aug 6, 2019, 3:36 PM IST

Updated : Aug 6, 2019, 6:52 PM IST

जिस रेल की पटरी करोड़ों यात्रियों को रोजाना ट्रेन के माध्यम से उनके गंतव्य तक पहुंचाती है, उसी पटरी के सहारे जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है, पर ये कोशिश कभी भी जानलेवा साबित हो सकती है, बावजूद इसके प्रशासन इसका कोई मुकम्मल रास्ता नहीं निकाल पा रहा है.

मौत का ट्रैक!

रायसेन। भले ही सरकार विकास के कितने भी दावे क्यों न कर ले, पर जमीनी हकीकत से इसका कोई वास्ता नहीं है क्योंकि आज भी बहुत से गांवों को विकास के मायने तक पता नहीं है. कई गांव अलग-थलग पड़े हैं, जबकि तीन गांव के ग्रामीण रोजाना मौत से टकराते हैं, इन गांवों में पहुंचने के लिए बच्चे-बड़े-बूढ़े सबको रोजाना उफनती नदी को रेलवे लाइन के सहारे पार करना पड़ता है. जहां एक छोटी सी चूक भी उन्हें मौत के मुंह में धकेल सकती है. जिसके चलते कई बच्चे हफ्तों तक स्कूल भी नहीं जा पाते हैं.

मौत का ट्रैक!

सांची विकास खंड के गीदगढ़ गांव में ग्रामीणों के साथ स्कूली बच्चे भी रेल पटरी के सहारे अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश में लगे हैं. जिसके सहारे वो रोजाना उफनती नदी पार कर स्कूल पहुंचते हैं. जो कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है, जबकि सरकार के विकास के दावों की पोल खोलते इस जानलेवा जुगाड़ पर एसडीएम साहब क्या कुछ कह रहे हैं, वो भी आपको सुनवाते हैं.

स्कूल शिक्षा विभाग भले ही हर बच्चे को स्कूल तक पहुंचाने के लिए तमाम नारों-वादों का सहारा ले रहा है, लेकिन उसकी ये कोशिश स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी के क्षेत्र में ही दम तोड़ती दिख रही है क्योंकि यहां स्कूल तक पहुंचने से पहले मासूमों को खतरों से खेलना पड़ता है, पर ये मासूम करें भी तो क्या भविष्य संवारना है तो रोजाना इन खतरों का सामना करना ही पडे़गा.

Intro:एंकर हम आपको एक ऐसी तस्वीर दिखाते हैं जो विकास के दावे तरक्की के सारे वादे खत्म होते दिखाई देते हैं हम खबरों में सुनते हैं संवाद का पुल टूट गया यहां तो खैर पुल बना ही नहीं है। मामला है रायसेन जिले के सांची विकासखंड के ग्राम पंचायत गीद गढ़ का। नदी पार करने के लिए ग्रामीणों गांव वालों ने नदी पर रेलवे लाइन पटरिया रखकर इस नदी को पार करते हैं अगर जरा सी भी नजर झुक जाए तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है और कई बार तो हादसा हो भी चुका है मगर प्रशासन मुख दर्शक बने बैठा है । पूरा मामला है प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रोग्राम के विधानसभा क्षेत्र काBody:जुगाड़ का पुल गांव वालों ने बनाया है और 3 गांव के लोग रोज सफर तय करते हैं और उस तरफ जाते हैं यहां से छोटे-छोटे स्कूल के बच्चे रोज जोखिम भरा सफर तय करते हैं। बच्चों का कहना है कि डर तो लगता है मगर हमें पढ़ना है कुछ बनना है।
एक तरफ तो सरकार स्कूल चले हम अभियान चलाती है मगर स्कूल तक कैसे चलें उस रास्ते की तरफ ध्यान नहीं देती है। जब देश में चुनाव होते हैं तो सभी राजनीतिक पार्टियां बड़े बड़े वादे करती हैं विकास के दावे करती है ।मगर चुनाव होते ही यह उन भोली भाली जनता को भूल जाते हैं जिन्होंने इन्हें उस कुर्सी पर बैठाया है जहां से यह देश का विकास कर सकें। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इन ग्रामीणों की कब सुध लेता है कब तक इनको नदी पर पुल मिल पाता है

Byte 1सिमरन छात्रा
Byte 2 निक्की छात्रा
Byte 3 मुकेश धाकड़ ग्रामीण
Byte 4 सौरभ शर्मा ग्रामीण
Byte 5एलके खरे एसडीएम रायसेन
Conclusion:
Last Updated : Aug 6, 2019, 6:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.