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विभाग की लापरवाही उजागर करना वनरक्षक को पड़ा महंगा, हुआ सस्पेंड

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Published : Nov 29, 2019, 11:59 PM IST

forest workers union submitted a memorandum in panna
वनकर्मचारी संघ

पन्ना के वनकर्मचारी संघ ने वनरक्षक को निलंबित करने के खिलाफ संयुक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

पन्ना। वन विभाग में पदस्थ एक वनकर्मी को विभाग में फैली अव्यस्थाओं की जानकारी मीडिया को देना महंगा पड़ गया. विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों वनकर्मी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे सस्पेंड कर दिया. जिसके विरोध में वन कर्मचारी संघ ने संयुक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

वनकर्मचारी संघ ने सौंपा ज्ञापन

मामला जिले के दक्षिण वन मंडल का है. जहां रेंजर ने विभाग के उच्च अधिकारियों को बताया था कि काष्ठागार डिपो में पदस्थ 33 कर्मचारी लापता हैं. उनकी ड्यूटी सीनियर ऑफिस के आवासों पर लगी हुई है. जबकि नियम के मुताबिक उन्हें काष्ठागार में होना चाहिए. ये पूरा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस पत्र के बारे में जब रेंजर से पूछा गया तो उन्होंने मीडिया को जानकारी देने से मना कर दिया. वहीं कथित तौर पर ये बात सामने आई है कि विभाग में पदस्थ वनकर्मी ने ये जानकारी मीडिया में दे दी. जिसके बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया.

पन्ना वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महिपाल रावत का कहना है कि उच्च अधिकारियों की लापरवाही की कीमत छोटे कर्मचारियों को चुकानी पड़ती है. उन्होंने कहा कि कथित तौर वनरक्षक पर लगाए गए आरोप गलत हैं. जल्द ही उस वनरक्षक को बहाल नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन होगा. वहीं रेंजर रामसिंह पटेल पटेल ने बताया कि उन्होंने विभाग की कमियों को बताने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा था. उनका उद्देश्य ये नहीं था कि मामला मीडिया में आए. वनरक्षक के खिलाफ की गई कार्रवाई न्यायसंगत नहीं है.

Intro:पन्ना।
एंकर :- वन विभाग में मची व्यापक भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े के अधिकांश मामले जंगल में ही होते हैं और जंगल में ही दफन हो जाते हैं लेकिन कुछ मामले जब सामने आते हैं तो जिम्मेदार अधिकारी खुद को बचाने के चक्कर में छोटे कर्मचारियों पर दिगरा फिड देते हैं कुछ ऐसा ही मामला पन्ना के दक्षिण वन मंडल में देखने को मिला कुछ समय पूर्व सलेहा रेंजर राम सिंह पटेल द्वारा डीएफओ दक्षिण वन मंडल को एक पत्र भेजकर अवगत कराया गया था कि पन्ना कष्ठागार डिपो में कार्यरत 33 कर्मचारी लापता है इनकी वेतन नियमित रूप से कष्ठागार से निकाली जा रही है लेकिन मौके पर कोई भी उपस्थित नहीं मिलता है रेंजर का यह लेटर सोशल मीडिया में आने के बाद खूब वायरल हुआ और इसे लेकर वन विभाग की कार्यप्रणाली और अधिकारियों के संरक्षण में चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।


Body:मामला सामने आने के बाद कुछ मीडिया कर्मियों ने विस्तृत खबर कवर करते हुए कष्ठागार डिपो में पदस्थ वनरक्षक राजेश सोनी से संपर्क कर जानकारी चाहिए कि वर्तमान में यहां कितने लोग कार्यरत हैं वनरक्षक द्वारा वास्तविक जानकारी मीडिया को उपलब्ध कराई गई और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को बाइट भी दी इसके बाद अधिकारियों द्वारा मीडिया को जानकारी देने के आरोप में उक्त वनरक्षक को निलंबित कर दिया इतना ही नहीं जिस रेंजर के द्वारा डीएफओ को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया गया था उनसे भी कष्ठागार का प्रभार छीन लिया गया।


Conclusion:वन विभाग में व्याप्त इस मनमानी का विरोध वन कर्मचारी संघ ने किया और संयुक्त कलेक्टर को एक लिखित शिकायती आवेदन पत्र देकर मामले से अवगत कराया वन कर्मचारी संघ की मांग है कि वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा छोटे कर्मचारियों पर की जा रही फर्जी कार्यवाही और मनमानी अगर बंद नहीं होती है तो आगे 1 कर्मचारी संघ उग्र आंदोलन करेगा।
बाईट :- 1 महिपाल रावत (अध्यक्ष वनकर्मचारी संघ पन्ना)
बाईट :- 2 रामसिंह पटेल (शिकायतकर्ता रेंजर)
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